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बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने

Posted on 29 June 2015 by admin

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने भाजपा-शासित चार राज्यों-मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा और राजस्थान में बी.एस.पी. के वरिष्ठ व प्रमुख जि़म्मेवार पदाधिकारियों के साथ आज यहाँ लम्बी बैठक की और इन राज्यों में पार्टी संगठन के कार्यकलापों व ज़मीनी तैयारियों एवं सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के कार्यों की गहन समीक्षा के साथ-साथ वहाँ की सरकारों की ग़लत नीतियों व कार्यकलापों के कारण ख़ासकर ग़रीबों, किसानों, मज़दूरों, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों व मुस्लिम समाज आदि के खि़लाफ होने वाली जुल्म-ज़्यादतियों व अन्याय के विरूद्ध चल रहे बी.एस.पी. के आन्दोलन की भी समीक्षा की।
यह ख़ास बैठक यहाँ बी.एस.पी. उत्तर प्रदेश यूनिट कार्यालय 12 माल एवेन्यू में हुई, जिसमें उन चारों प्रदेशों के ज़मीनी-स्तर से जुड़े प्रमुख पदाधिकारियों व जि़म्मेवार लोगों ने भाग लिया। इन लोगों ने बैठक में बताया कि उपरोक्त चारों भाजपा-शासित राज्यों में, केन्द्र की भाजपा सरकार की ही तरह ही, सर्वसमाज में से ख़ासकर ग़रीबों, मज़दूरों, किसानों, युवाओं आदि के हितों की अनदेखी करके, केवल बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों आदि को ही लाभ पहुँचाने का काम किया जा रहा है।
इन सभी राज्यों में भ्रष्टाचार के मामले आयेदिन अख़बारों में छपते रहते हैं, परन्तु वहां की भाजपा सरकारें इससे बेपरवाह हैं। इसके विपरीत, भ्रटाचारियों आदि को हर प्रकार संरक्षण दिया जा रहा है। इन राज्यों में प्रतिपक्ष के कमज़ोर होने का वहाँ की भाजपा सरकार पूरा लाभ उठाकर जनहित व जनकल्याण के प्रति पूरी तरह से असंवेदनशील व बेपरवाह बनी हुई है। दलितों, आदिवासियों व अन्य पिछड़े वर्गों को मिलने वाली आरक्षण की सुविधा को पूरी तरह से निष्क्रिय व निष्प्रभावी बना दिया गया है। यह भाजपा की उसी दलित व पिछड़ा वर्ग-विरोधी नीति का हिस्सा है जिस पर केन्द्र की श्री नरेन्द्र मोदी सरकार भी लगातार चल रही है। इसी कारण खासकर भाजपा-शासित राज्यों व केन्द्र दोनों ही स्तर पर ’’आरक्षण’’ के मामले में घोर उदासीनता व उपेक्षा हो रही है।
मध्य प्रदेश की रिपोर्ट में बताया गया कि बहुचर्चित ’’व्यापम घोटाले’’ की चर्चा मध्य प्रदेश ही नहीं पूरे देश भर में है, जिसके तहत हर स्तर के सरकारी नौकरियों में काफी संगठित तौर पर अनेंको वर्षों से व्यापक भ्रष्टाचार हुआ है। परन्तु भाजपा का नेतृत्व अपने बड़े नेताओं के इस बड़े भ्रष्टाचार के प्रति भी आंख मूँदे रहना ही बेहतर समझ रहा है।
इसी प्रकार छत्तीसगढ़ में विभिन्न भ्रष्टाचार के मामलों की आंच मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचने की बात बार-बार मीडिया में आने के बावजूद भी श्री रमन सिंह की सरकार बेख़ौफ व निश्चिन्त दिखाई पड़ती है।
इतना ही नहीं बल्कि राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे द्वारा एक ’’भगौड़े’’ आई.पी.एल. क्रिकेट के पूर्व प्रमुख ललित मोदी के साथ देशहित के खि़लाफ जाकर केवल परिवारिक व व्यापारिक सम्बन्ध निभाने का ग़लत मामला आजकल देशभर में अख़बारों की सुर्खियों में है। परन्तु भाजपा नेतृत्व व श्री नरेन्द्र मोदी सरकार की निगाह में इन सभी मुख्यमंत्रियों का पाक-साफ होना एवं इनके खि़लाफ उचित क़ानूनी कार्रवाई नहीं करना देश के लोगों को आश्चर्यचकित किये हुये है।
इसके साथ ही, हरियाणा की भाजपा सरकार का घोर जातिवादी व साम्प्रदायिक चरित्र व रवैया बार-बार लोगों को देखने को मिल रहा है। लेकिन भाजपा सरकार दोषियों व जुल्म-ज़्यादतियां करने वालों के खि़लाफ क़ानूनी कार्रवाई नहीं करके, उल्टा उन तत्वों को संरक्षण प्रदान कर रही है।
समीक्षा बैठक में हर राज्यों से पार्टी संगठन सम्बन्धी अलग-अलग विस्तृत रिपोर्ट लेने के बाद  बी.एस.पी. प्रमुख सुश्री मायावती जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि भाजपा-शासित राज्यों में ग़रीबों, किसानों, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों व धार्मिक अल्पसंख्यकों में से ख़ासकर मुस्लिम व ईसाई समाज के लोगों के खि़लाफ घृणा, जातिवादी व साम्प्रदायिक वारदातें कोई नई बात नहीं हैं। भाजपा शासन में तो ऐसा होना स्वभाविक ही है क्योंकि यहीं भाजपा का असली चाल, चरित्र व चेहरा है जिसे पूरा देश जानता और समझता है। परन्तु भाजपा शासन में, कांग्रेस सरकारों की तरह ही, ’’भ्रष्टाचार’’ के बड़े-बड़े संगीन मामलों व घोटालों का लगातार उजागर होना भाजपा के ‘‘नये स्वभाव‘‘ का पर्दाफ़ाश करता है और यह साबित करता है कि सत्ता व शासन एवं घोटालों के मामले में कांग्रेस व भाजपा दोनों ना केवल एक ही जैसे हैं, बल्कि एक ही थैली के चट्टे-बट्टे भी हंै।
किन्तु भ्रष्टाचार के मामले में दूसरी पार्टियां व भाजपा में इतना अन्तर ज़रूर लोगों को साफ तौर पर दिखायी दे रहा है कि भारी दबाव में आकर दूसरी पार्टियां अपने मंत्रियों से इस्तीफा ले लिया करती थी, परन्तु भाजपा का नेतृत्व इतना अहंकारी व तानाशाह है कि भारी जन-दबाव के बावजूद भ्रष्ट आचरण व देशहित के विरूद्ध काम करने वाले मंत्रियों व मुख्यमंत्री आदि से इस्तीफा लेने को तैयार नहीं दिखता है। देश के समक्ष यह एक अभूतपूर्व स्थिति है जिससे लोग आश्चर्यचकित हैं।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा व राजस्थान इन सभी राज्यों में विपक्ष के काफी कमज़ोर होने के कारण आमजनता का जीवन काफी ज़्यादा दुःखी व अन्यायपूर्ण बना हुआ है। इन सभी राज्यों में बी.एस.पी. मूवमेन्ट की जड़े मज़बूत रही हैं और हमारी पार्टी के अनेकों विधायक व सांसद भी वहां से जीतते रहे हैं। ज़मीनी स्तर पर थोड़ी और ज़्यादा मेहनत व लगन से काम करके अच्छा रिज़ल्ट प्राप्त किया जा सकता है। बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अनुयाइयों को ’’सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति’’ के महान मिशनरी लक्ष्य की प्राप्ति हेतु पूरी लगन व मिशनरी भावना से लगातार काम करते रहने की ज़रूरत है।
बी.एस.पी. संगठन को मज़बूत करने के लिए उन्होंने अन्य सुझावों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के पैटर्न पर पार्टी में हर स्तर पर युवकों को प्रोत्साहित करने व पार्टी संगठन में उन्हें उचित स्थान दिये जाने का निर्देंश उन राज्यों के प्रभारियों को दिया। पार्टी संगठन की तैयारी के सम्बंध में आगे की विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए भी सुश्री मायावती जी ने विशेष दिशा-निर्देंश दिये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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