जिलाधिकारी श्री राज शेखर ने आज विकास खण्ड कार्यालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सरोजनीनगर का आकस्मिक निरीक्षण किया, जिसमंे उन्हें अनेक गड़बडि़यां मिलीं। निरीक्षण के दौरान विकास खण्ड कार्यालय मे खण्ड विकास अधिकारी से मिलने वालों का आगंतुक रजिस्टर नहीं रखा गया था, जिससे यह नहीं पता चल पाया कि कितने लोग किस कार्य से उनसे मिलने आये और उनकी शिकायतांे एवं प्रार्थनापत्रों की प्रकृति क्या थी। जिलाधिकारी ने आगंतुक रजिस्टर न होने को संज्ञान मे लेते हुए इसे अत्यन्त गम्भीर मामला बताते हुए बी0डी0ओ0 को कड़ी चेतावनी जारी की है।
निरीक्षण के दौरान खण्ड विकास कार्यालय द्वारा संचालित योजनाओं के निर्माण कार्य में जिलाधिकारी द्वारा गैर कानूनी प्रक्रिया का अपनाया जाना पाया गया। तेरहवें वित्त आयोग और राज्य वित आयोग के 2013-14 के कार्यो को बिना टेण्डर के करा लिया गया और उसका लाखों रूपये का भुगतान भी वित्तीय नियम की अवहेलना कर गैर कानूनी ढंग से किया गया। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि सारा कार्य तत्कालीन खण्ड विकास अधिकारी, अवर अभियन्ता, और लेखाकार की साॅठ गाॅठ से हुआ। जिलाधिकारी ने इस कारण से नौ फाइलों को उच्च स्तरीय जाॅंच हेतु जब्त कर लिया और तत्कालीन खण्ड विकास अधिकारी को कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए उनसे पूछा कि क्यों न उन्हे निलम्बित कर दिया जाये। इस प्रकरण में अवर अभियन्ता लघु सिचाई का निलम्बन किये जाने हेतु संस्तुति की गयी जबकि लेखाकार को निलम्बित किये जाने के आदेश जिलाधिकारीे द्वारा दिये गये। जिलाधिकारी ने इसके साथ ही इस तरह के सभी ब्लाकांे मे चल रहे कार्यो की फाइलों को जब्त करने के आदेश दिये है ताकि एक समिति द्वारा उनका परीक्षण कराया जा सके।
इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी श्री राज शेखर ने आज ही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सरोजनीनगर का निरीक्षण किया, जहां उन्हे एक डाक्टर व एक स्त्री रोग विशेषज्ञ अस्पताल से बाहर की दवाईयाॅ लिखते हुए मिले जबकि बाहर से दवा लिखने वाला डाक्टर पर्चे पर न तो अपना नाम लिख रहा था और न ही पद लिख रहा था जो अपराधिक उदासीनता की श्रेणी का एक गम्भीर विषय है। स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बताया कि अस्पताल की दवा से मरीज को परेशानी हो रही थी इस लिए उन्होने बाहर की एक अनुकूल दवा प्रस्तावित की है इस पर जिलाधिकारी ने सभी डाक्टरों को निर्धारित दिशा निर्देशो का पालन करने के निर्देश दिये है। उन्होने निर्देश दिये हैं यदि बाहर की दवा लिखने की जरूरत हो तो सबसे पहले देखे कि मरीज को उन दवाओं की तत्काल आवश्यकता है और मरीज द्वारा उसे खरीदने की सहमति दी गयी है। इसके अलावा बाहर से दवा लिखने का कारण पर्चे के पीछे लिखे और कारण भी दें। बाहर से पर्चा लिखने वाले डाक्टर से स्पष्टीकरण अथवा उसे निर्देश देने के लिए जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया है।
जिलाधिकारी को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जननी सुरक्षा योजना की स्थित ठीक दिखायी दी। सभी दवाइयाॅं उपलब्ध थीं केवल एन्टीरैबीज वैक्सीन अनुपलब्ध था जिसे तत्काल मगाये जाने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी को यहां पर डाक्टर की संख्या कम मिली जबकि पास मे ही एयरपोर्ट होने के कारण वी0आई0पी0 के आने के कारण वी0आई0पी0 ड्यूटी भी करनी पडती है जिलाधिकारी ने देखा की अस्पताल में डाक्टर अपने सफेदकोट मे नेमप्लेट नही लगा रहे है न ही कमरों के प्रवेश द्वार पर नाम पदनाम योग्यता को प्रर्दशित करने वाली पट्टिका ही लगा रहे है। इस पर जिलाधिकारी ने डाक्टरों को चेतावनी देकर कहा है कि सूचना के अधिकार के अधीन हर मरीज को अधिकार है कि इलाज करने वाले डाक्टर की योग्यता नाम पदनाम क्या है, इसलिए नाम पदनाम और योग्यता के बोर्ड जल्द से जल्द लगा दिये जाये।
कल रविवार को शामे अवध में हजरतगंज के गंजिंग कार्निवाल के मुख्य आकर्षण में कथकए बैण्ड और नुक्कड़ नाटक हैं। यह सॉस्कृतिक योगदान संस्कृति विभाग के सहयोग से है। कल्चरल प्रोग्राम का उद्घाटन संस्कृति सचिव श्रीमती अनीता मेश्राम डीएम श्री राजशेखर की मौजूदगी में करेंगी।
कथक का आयोजन मल्टी लेवल पार्किंग पर भातखंडे की कथक प्राधयापिका रुचि खरे अपने ग्रुप के साथ करेंगी।
बैण्ड वादन कार्यक्रम साहू पर गूंज बैण्ड ग्रुप द्वारा प्रस्तुत किया जायेगा।
नुक्कड नाटक मेफेयर पर होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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