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महिन्द्रा एंड महिन्द्रा ने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में बिना बिजली वाले बेलवा गांव में रोशनी की

Posted on 29 June 2015 by admin

महिन्द्रा एमपावर्ड विलेजष् पहल के भाग के रूप में महिन्द्रा एंड महिन्द्रा ने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में बिना बिजली वाले बेलवा गांव के एक हिस्से में दो सोलर माइक्रो ग्रिड लगाए गए हैं। इस पहल के लिए महिन्द्रा ने मृदा का सहयोग लागू करने वाले साझेदार के रूप में लिया है। मृदा ;ूूूण्उतपकंहतवनचण्बवउद्ध एक सामाजिक कारोबारी उपक्रम है और इसे गांवों के संपूर्ण विकास के उद्देश्य से निरंतर चलने वालेए जरूरत के अनुसार बढ़ाए जा सकने वाले कारोबारी मॉडल तैयार करने के लिए निगमित कराया गया है। महिन्द्रा सीएसआर टीम और मृदा मिलकर पास के एक और गांव झझवा के हिस्से को कवर करेंगे।

महिन्द्रा एंड महिन्द्रा लिमिटेड के फार्म डिविजन में प्रमुख . बिक्रीए चैनल व कस्टमर केयर श्री शुभब्रत साहा कहते हैंए श्यह पहल महिन्द्रा एंड महिन्द्रा कॉरपोरेट सीएसआर टीमए दिल्ली में हमारे जोनल कार्यालयए लखनऊ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय और हमारे स्थानीय डीलर कुशीनगर जिले के हटा स्थिति शिवॉय ट्रैक्टर्स की सोच का नतीजा है। मकसद है ष्ईएसओपीष् दृ एमपलाई सोशल ऑप्शन प्रोग्राम के भाग के रूप महिन्द्रा टीम के ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ना। उन्होंने आगे कहाए श्हमारा मानना है कि मृदा के साथ मिलकर हमलोग एक वास्तविक बदलाव लाने में सक्षम है।श्

बेलवा में ग्रिड लगने के बाद 35 घरों का यह गांव का छोटा सा हिस्सा जहां अभी तक बिजली नहीं हैए वहां अब हर घर में दो एलईडी बल्ब जलेंगे और मोबाइल चार्ज करने के लिए एक प्वाइंट होगा। इस बात का ख्याल रखते हुए कि मुफ्त की चीज का ज्यादा असर नहीं होता हैए इस कनेक्शन के लिए मामूली फीस ली जाएगी और बिजली के उपयोग के लिए भी कुछ पैसे लिए जाएंगे। इस तरह एकत्र होने वाला धन गांव विकास के कोष में जाएगा और इसका प्रबंध गांव विकास समिति करेगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस पैसे से कुछ समय में गांव के स्थायी विकास का काम होता रहे।

अभी तक 20 से ज्यादा घरों ने कनेक्शन फीस देकर कनेक्शन ले लिए हैं। अमूमन ऐसे मामलों में यही होता है कि शुरू में ऐसी पहल से जुड़ने वाले समूह में बुहत कम लोग रहते हैं और धीरे.धीरे बढ़ते जाते हैं। गांव में सड़क पर सोलर एलईडी लाइट लगाने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। बेलवा में अभी तक प्रमुख जगहों पर पांच लाइट लगाई जा चुकी है।

जिन अन्य योजनाओं पर काम चल रहा है उनमें स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र ;केवीकेद्ध के साथ मिलकर कृषि हस्तक्षेपए एक सौर ऊर्जा वाला ई.हब शामिल है ताकि शिक्षाए मनोरंजन और ई कामर्स सुविधाएं मुहैया कराई जा सके। इसके अलावा एक बैट्री चालित ई.रिक्शा और हेल्थ ध् हाईजीन ध् सैनिटेशन अभियान भी चलाया जाना है। इस पूरी पहल का उद्देश्य स्थायी और संपूर्ण विकास संभव करना है ताकि बेलवा को एक ष्एमपावर्डष् गांव में बदला जा सके।

मृदा ग्रुप के सह.संस्थापक अरुण नागपाल कहते हैंए श्यह विकास के प्रति मृदा की अपनी सोच के क्रम में है। इसमें ऊर्जा तक पहुंच और कृषि में हस्तक्षेप को साधन समझा जाता है और दिखाया जाता है कि कैसे छोटे हस्तक्षेप से महत्वपूर्ण प्रभाव डाला जा सकता है। टीम एमएंडएम इस पहल से बहुत अच्छी तरह जुड़ी हुई थी और हम उम्मीद करते हैं बेलवा का अनुभव दिखाएगा कि सही दिशा में काम करने से कैसे मौके बढ़ते जाते हैं।श्

बिना बिजली वाले बेलवा गांव के हिस्से के बारे में रू
ऽ    हरिजन बस्ती
ऽ    35 घरों का गांव का छोटा सा हिस्सा
ऽ    एकदम निचले स्तर के लोग
ऽ    आजादी के बाद से बिजली आई ही नहीं
ऽ    रोशनी के लिए मिट्टी तेल एकमात्र उपाय

महिन्द्रा एमपावर्ड विलेज के भाग के रूप में क्या दिया गया है ध् दिया जाएगा
ऽ    सौर ऊर्जा के ऊपयोग से बिजली मिलेगी
ऽ    बिजली का उपयोग संपूर्ण विकास के साधन के रूप में किया जाएगा
ऽ    जीवन बदलने के लिए मामूली हस्तक्षेप
ऽ    आजीविका कमाने के मौके बनाए जाएंगे दृ टोकरी बुनना
ऽ    सफाईए स्वास्थ्य और हाईजीन
ऽ    सड़क पर सोलर लाइट
ऽ    ई हब बनेगा दृ सौर उर्जा से शिक्षाए मनोरंजन और ई कामर्स की सुविधा
ऽ    ई रिक्शा दृ पर्यावरण अनुकूल परिवहन
ऽ    कृषि में हस्तक्षेप
ऽ    गांव का जीडीपी बेहतर करना

मृदा के बारे में
एक सामाजिक कारोबारी उपक्रम जो फरवरी 2014 में निगमित हुआ था। ष्मृदाष् ;संस्कृत में ष्मिट्टीष्द्ध की कोशिश है कि निरंतर चलने वालेए आवश्यकतानुसार बढ़ाए जा सकने वालेए आर्थिक तौर पर व्यवहार्य बिजनेस मॉडल तैयार किए जाएं जिसका मकसद गांवों का संपूर्ण विकास हो। मृदा की कोशिश रहती है कि कैसे ष्छोटे हस्तक्षेपष् से ष्बड़ा बदलावष् लाया जाए।

मृदा ने स्थापना के समय से ही अभिनव परियोजनाएं शुरू की है जो सोलर माइक्रो ग्रिड और कृषि पहल पर केंद्रित हैं ताकि भारत के दूरदराज के राज्यों राजस्थान ;आबू रोडद्धए उत्तर प्रदेश ;बरेलीद्ध उत्तराखंड ;हरिद्वारए अल्मोड़ा और उत्तरकाशीद्ध तथा जम्मू व कश्मीर ;लेहध्लद्दाखद्ध जैसे राज्यों में बिजली तक पहुंच मुहैया कराई जा सके जिससे शिक्षाए महिला सशक्तिकरण और आजीविका के मौके मुहैया कराए जा सकें। शुरुआती प्रतिक्रिया और परिणाम उत्साहवर्धक रहे हैं और इनके परिणाम दिखाई देने वाले रहे हैं। अगले 2.3 वर्षों के दौरान ऐसे और भी कार्यशील मॉडल स्थापित करने पर फोकस होगा और देश के भिन्न हिस्सों में कई गांवों तथा गांव के हिस्सों में अवधारणा के सबूत स्थापित किए जाएंगे। इसमें दिखाया जाएगा कि मामूली हस्तक्षेप की संभावनाएं क्या हैं तथा यह भी कि इससे निरंतर और महत्त्वपूर्ण सामाजिक प्रभाव पड़ता है और आर्थिक विकास भी होता है।

एकीकृत कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी ;सीएसआरद्ध पहल के लिए मृदा ने भारत में अग्रणी कारोबारी संस्थानों जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ;आईएलएंडएफएसद्धए रॉकमैन इंडस्ट्रीज लिमिटेड ;हीरो मोटर्स ग्रुपद्ध और महिन्द्रा एंड महिन्द्रा के साथ साझेदारी की है और इस समय इस सिलसिले में दूसरों के साथ सक्रिय चर्चा में भी लगा हुआ है।

मृदा मिट्टी के करीब जमीनी स्तर पर काम करता है। इसके कार्य पिरामिड के आधार ;बीओपीद्ध पर केंद्रित हैं जो मृदा के अहम ग्राहक हैं। उत्पाद पेशकशें वास्तव में और प्रतीकात्मक रूप से भी मिट्टी से ही निकलती हैं।

इस समूह में कारोबारी इकाइयां हैं जो आर्थिक रूप से व्यवहार्य बिजनेस मॉडल पर काम कर रहे हैं जिन्हें इस तरह से डिजाइन किया गया है कि जिस किसी से भी गठजोड़ किया गया है उसके लिए भी लाभ की स्थिति बनाई जा सके। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं रू
ऽ    मृदा रीनर्जी एंड डेवलपमेंट ;पीद्ध लिमिटेड दृ विद्युत आपूर्ति के लिए ग्रिड से नहीं जुड़े दूर.दराज के गांवों में बिजली तक पहुंच मुहैया कराने की कोशिश करता है और इसका उपयोग स्थायी ग्रामीण विकास के लिए साधन के रूप में करता है।
ऽ    मृदा ग्रीन्स एंड ऑर्गेनिक्स प्राइवेट लिमिटेड दृ उच्च मूल्य वाली फसलए पौधे और जड़ी बूटियों की खेती और उसके संग्रह के लिए सहायता देता है तथा उपभोक्ताओं के लिए स्वास्थ्यकर उत्पादों और परंपरागत भारतीय दवाइयों के उत्पादन को बढ़ावा देता है और साथ ही छोटे सीमांत ग्रामीण समुदाय के लिए अच्छी कीमत और स्थायी आजीविका सुनिश्चित करता है।
ऽ    खोज दृ खोज की यात्रा दृ मृदा के श्इंपैक्ट टूरिज्मश् उपक्रम से इसके मूर्त लाभ का प्रदर्शन होता है और साथ ही छोटे हस्तक्षेप के प्रभाव का पता पिरामिड के आधार पर चल जाता है जबकि ग्रामीण भारत की जमीनी वास्तविकताओं को एक निश्चिंत और मुक्त माहौल में समझने के लिए अनूठा मौका मुहैया होता है।

मृदा आर्थिक तौर पर व्यवहार्य कारोबारी मॉडल का प्रतिनिधित्व करता है जो स्थायी और स्केलेबल हैं दृ ऐसे कारोबार जो ना सिर्फ धन तैयार करते हैं बल्कि हर तरह के लोगों में इसका वितरण करते हैं। इससे एक ऐसा चक्र बनता है जो अपना ख्याल रखने के साथ.साथ समय के साथ चलते हुए बड़ा और मजबूत होता जाता है।

मृदा कुछ करना चाहने वाले लोगों का समूह है जो मिलकर एक सशक्त और स्वप्रेरित टीम बनाते हैं। कॉरपोरेट और गैर सरकारी क्षेत्रों में काम करने के विस्तृत और अच्छे अनुभव के साथ इस टीम में कुछ ऐसा है जो जमीन पर परिणाम देता है। ज्यादा जानकारी के लिए कृपया रू ीजजचरूध्ध्ूूूण्उतपकंहतवनचण्बवउध्    पर आइए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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