उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को राज्य सरकार की ओर से दी जा रही सहायता राशि का वितरण पारदर्शिता के साथ युद्ध स्तर पर पात्र व्यक्तियों को किया जाये। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रदेश सरकार द्वारा घोषित किसान वर्ष 2015 में कोई भी पात्र किसान शासकीय योजनाओं से लाभान्वित होने से छूटने न पाये। उन्होंने कहा कि सहायता राशि वितरण में कुछ जनपदों के लेखपालों की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं ऐसे कर्मियों के विरूद्ध प्राप्त शिकायत की निष्पक्षता से जांच कराकर दोषी पाये जाने पर सख्त से सख्त कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि भारत सरकार से सहायता राशि की धनराशि न प्राप्त होने के बावजूद भी योजनाओं के अन्तर्गत पात्र किसानों को लाभान्वित कराना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा व्यय की गई धनराशि के सापेक्ष भारत सरकार से धनराशि प्राप्त करने के प्रयास किये जायें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सम्भावित बाढ़ एवं सूखा को दृष्टिगत रखते हुए सम्बन्धित जनपदों में आवश्यकतानुसार कार्ययोजना बनाकर आवश्यक व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित करा ली जायें तथा स्टीयरिंग कमेटी की बैठकें मण्डल स्तर पर और जिला स्तर पर क्रमशः मण्डलायुक्त और जिलाधिकारी के अध्यक्षता में शीघ्र आयोजित की जाये ताकि आपात की स्थिति में किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न होने पाये। उन्होंने कहा कि ‘‘मुख्यमंत्री जल बचाव योजना’’ के अन्तर्गत प्रदेश में 34 हजार 416 तालाबों का चिन्हांकन करा लिया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे चिन्हित तालाबों को मनरेगा येाजना के अन्तर्गत वर्षा के पूर्व श्रमिकों से खुदाई का कार्य कराकर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ गांव का पानी गांव में ही रोकने के सार्थक प्रयास सुनिश्चित कराये जाये। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम को दृष्टिगत रखते हुए श्रमिकों से प्रातः 06 से 10 बजे तक तथा 04 बजे अपरान्ह से 08 बजे तक ही खुदाई का कार्य कराया जाये तथा श्रमिकों के पानी पीने आदि की व्यवस्था भी कार्य स्थल पर सुनिश्चित कराया जाये।
मुख्य सचिव आज योजना भवन में वीडियोकान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों से प्रगति की जानकारी लेते हुए आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जल बचाव योजना के अन्तर्गत खुदवाये जा रहे तालाबों की फोटोग्राफी अवश्य कराने के साथ-साथ सम्बन्धित जनप्रतिनिधियों को भी आवश्यक जानकारी समय से उपलब्ध करा दी जाये। उन्होंने कहा कि तालाबों की खुदाई से निकलने वाली मिट्टी को सड़कों के किनारे गड्ढ़ों में डलवाया जाये एवं सघन वृक्षारोपण कराया जाये छायादार एवं चैड़े पत्ते वाले पौधों को प्राथमिकता के आधार पर रोपित किया जाये।
श्री रंजन ने कहा कि सम्भावित बाढ़ को दृष्टिगत रखते हुए सिंचाई विभाग द्वारा आवश्यकतानुसार बंधों की मरम्मत आदि कार्य हेतु 140 करोड़ रूपये की धनराशि सम्बन्धित जनपदों हेतु निर्गत की जा चुकी है और यथाशीघ्र लगभग 160 करोड़ रूपये की धनराशि और निर्गत किये जाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित जिलाधिकारियों को स्वयं बंधो की मरम्मत के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करना होगा कि सम्भावित बाढ़ की स्थिति में उनके जनपद का बंधा टूटने न पाये। उन्होंने कहा कि यदि किसी जनपद में कोई बंधा सम्भावित बाढ़ की स्थिति में टूटने से अप्र्रिय घटना घटित हुई तो सम्बन्धित जिलाधिकारियों की जिम्मेदारी नियत होगी। बन्धों का निर्माण उच्च गुणवत्ता के आधार पर किया जाये। जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि शासकीय धन का किसी भी प्रकार से दुरूपयोग न हो सके।
मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिए कि किसानों की फसल बीमा योजनान्तर्गत प्रदेश सरकार द्वारा अपने भाग की धनराशि सम्बन्धित बीमा एजेन्सियों के माध्यम से बैंको को भेजी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित बीमा एजेन्सियों द्वारा भी लगभग 32 करोड़ रूपये की धनराशि लाभार्थियों को उपलब्ध कराने हेतु भेजी गई है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित कराना होगा कि बैंकों से सम्बन्धित लाभार्थियों के खाते में फसल बीमा की धनराशि समय से अवश्य पहुँच जाये। उन्होंने कहा कि किसानों को राहत वितरण स्वीकृत की जा रही धनराशि का राज्य आपदा मोचक नीति एवं राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त रूप से दी जा रही सहायता राशि के लेखा शीर्षक में अलग-अलग व्यय विवरण रखा जाना सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि सम्भावित बाढ़ क्षेत्रांे में प्रशिक्षित होमगार्डों का बेहतर सहयोग एवं समन्वय अवश्य प्राप्त किया जाये। उन्होंने कहा कि आपदाओं से निपटने हेतु प्रशिक्षित किये गये अधिकारियों, कर्मचारियों से ब्लाक व पंचायत लेवल के स्टेक होल्डरों आदि का समन्वय एवं बेहतर सहयोग प्राप्त किया जाये।
वीडियोकान्फ्रेन्सिंग में प्रमुख सचिव, राजस्व श्री सुरेश चन्द्रा, प्रमुख सचिव कृषि श्री अमित मोहन प्रसाद, राहत आयुक्त श्रीमती लीना जौहरी, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्री अरूण सिंघल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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