प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार ने एक बार फिर प्रदेश के गन्ना किसानों को धोखा देने का कार्य किया गया है। राज्य सरकार ने चीनी मिलों पर गन्ना किसानों के वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 के बकाये गन्ना मूल्य भुगतान पर चीनी मिलों द्वारा दिये जाने वाले ब्याज के रू0 490 करोड़ रूपये को माफ करके अपने निजी स्वार्थवश चीनी मिल मालिकों को एक ओर जहां खुश किया गया है वहीं प्रदेश के गरीब किसानों के साथ घोर अन्याय किया गया है। उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी राज्य सरकार के इस निर्णय की घोर निन्दा करती है।
प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डाॅ0 निर्मल खत्री, पूर्व सांसद ने आज कहा कि प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार खुद को किसानों की सबसे बड़ी हितैषी बताने से नहीं चूकती है किन्तु अभी हाल ही में गन्ना किसानों के हितों के खिलाफ गन्ना मूल्य भुगतान पर मिलने वाले ब्याज को माफ करके यह साबित कर दिया है कि प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार और चीनी मिल मालिकों में सांठ-गांठ है। किसानों के 9हजार करोड़ रूपये चीनी मिलों पर गन्ना मूल्य बकाये की चिन्ता न करके चीनी मिल मालिकों को लाभ पहुंचाने की चिन्ता सरकार को अधिक है। शुगर केन परचेज एक्ट में यह प्राविधान है कि गन्ना आपूर्ति करने के 14 दिन के अन्दर मूल्य का भुगतान न कर पाने पर ब्याज देय होगा जबकि विगत दोनों पेराई सत्रों का अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है।
डाॅ0 खत्री ने कहा कि एक तरफ सरकार मा0 उच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप बकाये गन्ना मूल्य भुगतान को कराने हेतु तमाम घोषणाएं करती है वहीं चुपके से गन्ना किसानों के चीनी मिलों पर बकाये गन्ना मूल्य पर मिलने वाले ब्याज को माफ करके किसानों की पीठ पर छूरा भेांकने का कार्य किया है। इतना ही नहीं प्रदेश सरकार सहकारिता को बढ़ावा देने और इसके जरिये किसानों को लाभ पहुंचाने का भी ढोल पीटती रहती है किन्तु ठीक इसके विपरीत सबसे पहले राज्य सरकार ने गन्ना समितियों का कमीशन 6.60रूपये प्रति कुंतल घटाकर मात्र 2 रूपये प्रति कुंतल कर दिया।
डाॅ0 खत्री ने कहा कि कंाग्रेस पार्टी सदैव किसानों के हितों के लिए संघर्ष करती रही है। गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर पूरे प्रदेश में धरना-प्रदर्शन करके राज्य सरकार पर गन्ना मूल्य भुगतान कराये जाने हेतु दबाव बनाया था किन्तु प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार पूरी तरह किसान विरोधी रूख पर अड़ी रही, जिससे आज तक गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं हो पाया है। बेमौसम बरसात और ओला वृष्टि से जहां फसलों के नष्ट होने पर तमाम किसानों की मृत्यु हो गयी और सदमें में किसान आत्महत्या कर रहे हैं, मंहगाई की मार से त्राहि-त्राहि कर रहे हैं और पीडि़त किसानों को समुचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है वहीं गन्ना किसानों के बकाये गन्ना मूल्य भुगतान के ब्याज के बकाये 490 करोड़ रूपये चीनी मिलों का माफ करके प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है, जिसे कांग्रेस पार्टी कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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