उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण दिलाने हेतु कार्यों का अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण हेतु समस्त मण्डलों में संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी तैनात किये जाने हेतु आवश्यकतानुसार पदों का सृजन सुनिश्चित कराया जाय। उन्होंने कहा कि कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत हैण्डीक्राफ्ट (हस्तशिल्प) एवं इन्डस्ट्रीयल (औद्योगिक) से सम्बन्धित जाॅब के अनुसार रोजगारपरक प्रशिक्षण स्थानीय स्तर पर ही दिलाये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत निर्धारित मानकों के अनुरूप स्थापित किये जाने वाले प्रशिक्षण केन्द्र तहसील स्तर पर खुलवाएं जाएं ताकि इन प्रशिक्षण केन्द्रों पर युवाओं को निःशुल्क रोजगारपरक प्रशिक्षण स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि विद्युत विभाग में तकनीकी कर्मियों की मांग की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए इलेक्ट्रीशियन पावर डिस्ट्रीब्यूशन के लगभग 2 हजार पदों हेतु युवाओं को प्रशिक्षित कराया जाए। उन्होंने कहा कि कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत सिक्योरिटी गार्ड, ड्राइवर व अन्य नवीनतम तकनीकी रोजगारपरक प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई जाए।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में रिक्त अनुदेशक पदों पर चल रही चयन प्रक्रिया के तहत होने वाले साक्षात्कारों को आगामी 15 जून तक अवश्य पूर्ण कराकर यथाशीघ्र पारदर्शिता के साथ चयन प्रक्रिया पूर्ण कराई जाए। उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाए कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में आगामी सत्र से प्रशिक्षण हेतु पर्याप्त अनुदेशक सम्बन्धित संस्थानों में अवश्य उपलब्ध हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रदेश के समस्त राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में विभिन्न व्यवसाय के रिक्त 2498 अनुदेशक पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया के अतिरिक्त आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरे जाने वाले अनुदेशक के लगभग 355 पदों हेतु भी नियमानुसार निर्धारित शर्तें पूर्ण करने वाली प्लेसमेन्ट एजेन्सी का चयन आगामी 01 माह के अन्दर अवश्य सुनिश्चित कर लिया जाए।
श्री रंजन ने कहा कि प्रदेश में स्थापित एवं संचालित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की प्रशिक्षण क्षमता में विस्तार हेतु प्रति लाख जनसंख्या पर आवश्यक राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि आगामी अगस्त 2015 से प्रारम्भ होने वाले प्रशिक्षण सत्र में सीटों में की जाने वाली वृद्धि के अन्तर्गत प्रस्तावित निर्माण कार्य, संस्थानों में आवश्यकतानुसार सज्जा और उपकरण, मशीनंे एवं संयंत्र तथा प्रशिक्षण सम्बन्धी कार्यदेशक व अनुदेशकों के स्टाफ आदि की व्यवस्थाएं वर्तमान माह जून, 2015 के अन्त तक अवश्य पूर्ण करा लिये जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि वर्तमान आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए अनुपयोगी ट्रेडों के स्थान पर उपयोगी ट्रेडों को संचालित कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जाय ताकि युवक वर्तमान परिवेश में प्रशिक्षण प्राप्त कर यथाशीघ्र रोजगार प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि एम0एस0डी0पी0 योजना के अन्तर्गत स्वीकृत 17 संस्थानों के भवनों का निर्माण कार्य यथाशीघ्र पूर्ण कराकर आगामी अगस्त, 2016 के प्रशिक्षण सत्र से क्रियाशील कराने की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि नवसृजित राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिसर के संचालन हेतु वांछित अधिकारियों व कार्मिकों के पदों के सृजन की कार्यवाही पूर्ण होते ही उन पदों पर तैनाती किये जाने हेतु प्रस्तावित नियमावली को यथाशीघ्र अन्तिम रूप दिया जाए ताकि स्वीकृत पदों पर यथाशीघ्र तैनाती हो सके।
बैठक में सचिव व्यावसायिक शिक्षा श्री भुवनेश कुमार एवं मिशन निदेशक श्री सुरेन्द्र सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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