भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि तहसील दिवस फरियादियों के लिए समस्या के समाधान दिवस के बजाय समस्या दिवस बन रहे। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि तहसील दिवस में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिकरियों की मौजूदगी में फरियादी की बेरहमी से पिटाई होती है और वह ऐसी अवस्था में पहुंच जाता है कि उसे नाजुक हालत में अस्पताल जाना पड़ जाता है। घटना मीडिया में आने के बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही न होना साबित करता है कि अखिलेश सरकार ऐसी प्रकरणों को भी गंम्भीरता से नहीं लेती।
प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि आम जन को होने वाली कठिनाईयों से निजात दिलाने के लिए तहसील दिवस का आयोजन किया जाता है। लेकिन अखिलेश राज्य में तहसील दिवस भी अधिकारियों की दंबगई का केन्द्र बनते जा रहे है। राज्य में अखिलेश सरकार गठन के बाद से ही तहसील दिवस जाने वाला फरियादी मायूस होकर लौट रहा था। यही नहीं तहसील दिवस को लेकर आला अफसरों की कार्यगुजारियां भी जग जाहिर है। अधिकारी ज्यादा तर तहसील दिवस में पहंुचते ही नहीं और पहुंुचे भी तो जन समस्याओं के समाधान में रूचि लेने के बजाय वे केवल कार्यवाही के नाम पर खाना पूर्ति करते है।
श्री पाठक ने कहा कि मथुरा में भी जिस तरीके से एक दरोगा ने तहसील दिवस में आये ग्राम प्रधान को आला अफसरों की मौजूदगी में पीटा उसे पीट-पीट कर मरणासन्न कर दिया और वहां मौजूद अफसर मूक दर्शक बने रहे उससे साबित होता है कि तहसील दिवस के नाम पर दिखावा हो रहा है। पहले थानों और सरकारी महकमों में चक्कर काटती जनता अब तहसील दिवस में पिट रही हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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