समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने आज यहां कहा है कि समाजवादी सरकार की आलोचना में भाजपा के साथ कांग्रेस के नेताओं के भी सुर आपस में मिल गए हैं। प्रदेश में उनकी भी सरकारें रही हैं लेकिन उन्होने विकास पर कतई ध्यान नहीं दिया। केन्द्र में भी उनका पर्याप्त प्रतिनिधित्व रहा फिर भी उत्तर प्रदेश की दशा पर किसी ने भी चिन्ता नहीं की। तब किसान, गरीब, अल्पसंख्यक, नौजवान सभी उपेक्षित रहे। पिछली बसपा सरकार में तो लूट का बाजार ही गर्म रहा। अब जब समाजवादी पार्टी की सरकार विकास के एजेण्डा पर तेजी से कदम बढ़ा रही है, इन दलों के नेताओं के चेहरो पर हवाइयां उड़ने लगी हैं।
कांग्रेस आज दलितों और किसानों के लिए नकली आंसू बहा रही हैं। केन्द्र और राज्य में दशकों तक उसका शासन रहा है। लेकिन कभी दलितों, किसानों के हित में उसने कुछ नहीं किया। इन दोनों वर्गो की जो हालत है उसके दोष से कांगेे्रस नहीं बच सकती है। कांगेे्रस राज में किसान आत्महत्या करते रहे। दलितों को पग-पग पर अपमान सहना पड़ा। भाजपा का तो कभी इन दोनों से रिश्ता ही नहीं रहा। भाजपा नेतृत्व के लिए दलित अछूत रहे हैं। इस पार्टी के प्रिय कारपोरेट घराने रहे हैं, किसान नहीं।
समाजवादी विचारधारा समाज के सभी वर्गो विशेषकर कमजोर वर्ग को साथ लेकर चलती है। समाजवादी पार्टी ने पिछड़ांे को सम्मान देकर संगठन और सरकार दोनों में महत्वपूर्ण पद दिए हैं। समाजवादी सरकार ने सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। सांप्रदायिकता का जहर फैलाकर विभिन्न समुदायों के बीच नफरत की दीवार खड़ी करनेवालों के प्रति मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने सख्ती बरती है जिससे उनके हौसले पस्त हुए हैं।
अच्छा होता कि कांग्रेेस समाजवादी पार्टी की खिलाफत से पहले यह सोचती कि उसके कदमों से किसे फायदा होगा ? सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ समाजवादी पार्टी बराबर संघर्षशील रही है। श्री मुलायम सिंह यादव धर्मनिरपेक्षता के प्रबल पक्षधर के रूप में विख्यात है। कांग्रेस नेता समाजवादी सरकार और श्री अखिलेश यादव की खिलाफत कर वस्तुतः भाजपा जैसी ताकतों को ही बढ़ावा देने का काम कर रहे है। इस समय प्रदेश के सामने विकास की बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को स्वीकार कर मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश को आदर्श प्रदेश बनाने की दिशा में अग्रसर हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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