उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सरकार के तीन वर्ष बीत गये लेकिन प्रदेश की कानून व्यवस्था दिन-प्रतिदिन बुरी होती चली गयी। लूट, हत्या, डकैती, बलात्कार, चोरी की घटनाओं से आये दिन प्रदेशवासियों को दो-चार होना पड़ता है। प्रदेश में अपहरण एवं लूट की घटनाएं कानून व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रही हैं। राजधानी लखनऊ में ही रोज छेड़छाड़, छिनैती, जमीन पर अवैध कब्जा की घटनाओं से प्रदेश के नागरिक आक्रोशित हैं। लखनऊ के पारा की घटना ने जिसमें युवती की हत्या कर लाश को बक्से में बंद कर नमक से उसकी इतिश्री करने में अपराधी खुलेआम अपराध कर घूम रहें हैं। इस सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही है।
प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थप्रिय श्रीवास्तव ने कहा कि विगत दिनों गौरी काण्ड जैसी जघन्य घटनाएं हुयीं। पुलिस प्रशासन व सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। यदि कानून राजनैतिक हस्तियों को संरक्षण न देकर राजधानी लखनऊ में अपना काम करता तो पारा इलाके की आश्रयहीन डूडा काॅलोनी में राजगीर राजू के घर में युवती का शव बक्से में रखकर अपराध को छुपाने की कोशिश अपराधी कतई नहीं करते।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव यदि समय-समय पर कानून व्यवस्था की समीक्षा करते तो आज यह जघन्य घटना सरकार के नाक के नीचे नहीं घटती। यह सरकार सिर्फ ट्रान्सफर-पोस्टिंग में अपना सारा समय जाया कर रही है। इसका जनता से कोई सरोकार नहीं है। यह सरकार सभी मोर्चों पर बुरी तरह विफल रही है। उत्तर प्रदेश में न तो मुख्यमंत्री का शासन है और न ही पुलिस का प्रशासन ही रह गया है। जनता हर तरफ पीसी जा रही है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने विगत दिनों घटित घटनाओं के साथ ही पारा में घटित इस जघन्य घटना की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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