बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने बुद्ध पूर्णिमा अर्थात बुद्ध जयन्ती के शुभ अवसर पर देश व ख़ासकर उत्तर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
बुद्ध पूर्णिमा के पावन पर्व की पूर्व संध्या पर आज यहाँ जारी एक बधाई संदेश में उन्होंने कहा कि मानवतावाद के मसीहा तथागत गौतम बुद्ध का शांति, अहिंसा, करूणा और दया का संदेश सम्पूर्ण मानवता के लिए ऐसी अमूल्य निधि है जिसकी बदौलत पूरी दुनिया में शांति एवं सद्भाव का वातावरण सृजित किया जा सकता है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि तथागत गौतम बुद्ध का शांति, इन्सानियत व मानवतावाद का संदेश आज की परिस्थितियों में और भी ज़्यादा ना केवल प्रासंगिक है, बल्कि विश्व में आज इसकी काफी अत्याधिक ज़रूरत भी महसूस की जा रही है। ऐसे में ख़ासकर तथागत गौतम बुद्ध के जन्म व कर्मभूमि वाले देश भारत को, संकीर्णता से ऊपर उठकर, इन मामलों में काफी अहम भूूिमका निभाने की ज़रूरत है।
तथागत गौतम बुद्ध भारत के वैसे लब्धप्रतिष्ठ ख़ास व्यक्तित्व है जिन्होंने शांति, अहिंसा, करूणा व ’’जाति-विहीन समतामूलक समाज’’ की स्थापना के लिये अपना सारा जीवन ही नहीं बल्कि अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया था। ऐसे महान मानवतावादी के आदर-सम्मान में व इनकी त्याग-तपस्या व विचारों को चिरस्थायी बनाने हेतु उत्तर प्रदेश में सुश्री मायावती जी के नेतृत्व वाली बी.एस.पी. की चार बार बनी सरकार ने अनेकों ऐतिहासिक कार्य किये हैं जिनमें उनके नाम से भव्य पार्कों, संग्रहालयों, स्थलों, विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों के निर्माण आदि के साथ-साथ जनहित व जन-कल्याण की योजनाओं की शुरुआत व नये जि़ले की स्थापना शामिल है। इनमें बौद्ध धर्म के हृदयस्थल उत्तर प्रदेश ’’बौद्ध परिपथ’’ का विकास व उसका विश्व पर्यटकों के योग्य सौंदर्यीकरण, विश्व-स्तरीय गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय का ग्रेटर नोएडा, जि़ला गौतम बुद्ध नगर की स्थापना, लखनऊ के वी.आई.पी. रोड पर भव्य ’’बौद्ध विहार शान्ति उपवन’’ का निर्माण, ऐतिहासिक डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल, लखनऊ में ’’बौद्ध स्थल’’ का निर्माण, गौतम बुद्ध एवं उनके जीवन से जुड़े स्थलों के नाम पर चार नये जि़लों की स्थापना आदि प्रमुख हैं।
इसके अलावा तथागत गौतम बुद्ध की माता महामाया के नाम पर भी अनेकों ऐतिहासिक काम किये गये हैं, जिनमें प्रमुख हैं जन-कल्याण की अत्यन्त महत्वाकंाक्षी महामाया ग़रीब आर्थिक मदद योजना, महामाया ग़रीब बालिका आर्शीवाद योजना व नये महामाया नगर जि़ले की स्थापना।
इसके साथ ही बौद्ध धर्म की दीक्षा लेने वाले परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की इस अमरवाणी को भी आज बुद्ध जयन्ती के इस शुभ अवसर पर याद किया गया कि ’बौद्ध धर्म में जात-पात, असमानता व चतुरवर्ण का कोई स्थान नहीं है।’
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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