सिटी मोन्टेसरी स्कूल, चैक कैम्पस में आज ‘ओपेन डे समारोह’ बड़े ही हर्षोल्लास के साथ छात्रों एवं उनके अभिभावकों तथा शिक्षकों ने मिलकर मनाया। इस अवसर विद्यालय के छात्रों ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा का अभूतपूर्व प्रदर्शन कर विद्यालय के मिशन ”प्रत्येक बालक धरती का प्रकाश है“ को बड़े ही अनूठे ढंग से प्रकाशित किया। समारोह में एक तरफ जहाँ छात्रों के प्रतिभा विकास हेतु अनेक शैक्षिक एवं खेल प्रतियोगितायें आयोजित की गयीं तो वहीं दूसरी ओर साइन्स, आर्ट एवं क्राफ्ट प्रदर्शनी के माध्यम से छात्रों ने कलात्मक दृष्टिकोण का प्रस्तुतीकरण अपनी हस्तनिर्मित कलाकृतियों के माध्यम से किया। ‘ओपेन डे समारोह’ में पधारे दर्शकों एवं अभिभावकों ने बच्चों से उनकी कलाकृतियों के बारे में रोचक प्रश्न पूछकर उनके मनमोहक उत्तरों का खूब आनन्द लिया। छात्रों ने बड़े ही आत्मविश्वास एवं प्रभावशाली ढंग से अभिभावकों के प्रश्नों के उत्तर दिये। छात्रों द्वारा अंग्रेजी में धाराप्रवाह ढंग से अभिव्यक्ति की क्षमता ने सभी को काफी आश्चर्यचकित किया। इसके अलावा विद्यलाय के छात्रों द्वारा प्रस्तुत रोबोटिक डिस्प्ले व क्लासरूम एक्टिविटी ने भी दर्शकों को खूब लुभाया।
सी.एम.एस. चैक कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती साधना बेदी ने इस अवसर पर अभिभावकों को
सम्बोधित करते हुए कहा कि ”ओपेन डे समारोह“ आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य स्कूल व अभिभावकों की दूरी समाप्त करना है साथ ही प्रत्येक बालक को अच्छा एवं तेजस्वी बनाना है, ताकि वह मानव जाति के लिए ईश्वर का उपहार एवं गौरव बने। श्रीमती बेदी ने अभिभावकों के सहयोग के प्रति हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि प्रत्येक बच्चा परमात्मा का उपहार है और हमारा पूर्ण प्रयास है कि हर बच्चा समाज का प्रकाश बनें, इसके लिए हम छात्रों भौतिक, सामाजिक व आध्यात्मिक शिक्षा देते हैं। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने इस अवसर पर कहा कि ऐसे कार्यक्रम बच्चों की रोजमर्रा की दिनचर्या में एक नया उल्लास व उमंग भरते हैं, साथ ही उन्हें जीवन में आगे बढ़ने को प्रेरित करते हैं। डा. गाँधी ने कहा कि जीवन मूल्यों पर आधारित शिक्षा छात्रों का जीवन पर्यन्त साथ देती है। यदि हमने बच्चे में दया, क्षमा, सच्चाई, ईमानदारी, परिश्रम और सेवा भाव नहीं डालें तो वह एक पेड़ के समान होगा, जिसमें पत्तियां तो हैं किन्तु जड़ कमजोर है। ऐसे पेड़ में फूल और फल नहीं टिकेंगे। हमें बालक को जड़ से मजबूत बनाना है और इसके लिए जीवन मूल्यों की शिक्षा देनी होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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