मलेशिया मे उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव के स्वागत में मलेशिया सरकार द्वारा एक शासकीय भोज का आमंत्रण दिया गया जिसमें मलेशिया के आधुनिक पानी एवं सड़क के विशेषज्ञ उपस्थित थे। मलेशिया द्वारा उत्तर प्रदेश के सभी क्षेत्रों में सहयोग की अपेक्षा की गई।
श्री यादव ने बताया कि सिंगापुर की भाॅति मलेशिया में भी नदी को साफ करके रिवर आॅफ लाईफ योजना प्रारम्भ की गई है। इस योजना में नदी के जल को साफ करके प्रवाहित करने के लिए पैरलर डेªन की व्यवस्था की गई है। उक्त कार्य-योजना मलेशिया की ख्यातिप्राप्त संस्था डाॅ निक द्वारा की गई है। उ0प्र0 सिंचाई विभाग एवं सी0आई0डी0बी0 के मध्य यह सहमति बनी की डाॅ निक के द्वारा इस कार्य का डिजाइन उ0प्र0 में भी उपलब्ध कराया जाए। गोमती में 356 करोड़ की लागत से एक बैराज की कार्ययोजना स्वीकृत हुई थी। मलेशिया के भ्रमण के पश्चात यह सहमति बनी कि गोमती की परिस्थिति को देखते हुए इतना बड़ा डैम बनाने की आवश्यकता नहीं है। अपितु स्टील एवं रबड़ का प्रयोग करके आधुनिक डैम जो लगभग 100 करोड़ रू0 में यह कार्य पूरा हो जायेगा। इस प्रयोग से सरकार को लगभग 200 से 250 करोड़ रू0 की बचत होगी।
श्री यादव ने बताया कि नदी के किनारे आधुनिक रिवरफ्रंट बनाने के लिए जिस प्रकार मलेशिया/सिंगापुर में अन्तर्राष्ट्रीय संस्था ।म्बवउ द्वारा जो विजन डाक्यूमेंट बनाया गया है उसी आधर पर नदी के किनारे की स्थापित सांस्कृतिक विरासत को ध्यान में रखते हुए विभिन्न कार्य किये जायें। जी0ओ0 ट्यूब बनाने की अन्तर्राष्ट्रीय कम्पनी
ज्मदबंजम द्वारा यह प्रस्तुतीकरण किया गया। बाढ़ में पत्थरों का प्रयोग करते हुए कई वर्षों से उत्तर प्रदेश में कार्य किये गये हैं लेकिन जी0ओ0 ट्यूब के प्रयोग से बाढ़ में प्रभावी रोकथाम हो सकती है। शहरी क्षेत्र के किनारों का बाढ़ से बचाने के लिए एक नई तकनीकी का प्रयोग करते हुए आॅटोमैटिक दीवार बनाने की योजना विभिन्न देशों में लागू की गई है। उक्त संस्था के प्रतिनिधियों से अपेक्षा की गई कि वह उत्तर प्रदेश का भ्रमण करें तथा एक दो शहरों के किनारे एक पाइलेट प्रोजेक्ट कार्ययोजना बनाने का प्रस्तुतीकरण करे।
उन्होंने कहा कि टर्की की संस्था क्वतबम द्वारा भवनों के निर्माण में आधुनिक तकनीकी (फैबरेटिक) के प्रयोग का प्रस्तुतीकरण किया गया। उक्त तकनीकी के आधार पर नये डैम के विस्थापितों के लिए नये घर, बाढ़ के स्थाई सेंटर सरकारी भवन, गेस्ट हाउस, तहसील, हाफस्पिटल आदि 6 महीनों में बनकर तैयार हो जाते हैं। मलेशिया में सिंचाई विभग द्वारा एक मैकेनिकल पम्प को पेटेंट कराया गया हैं उक्त पम्प के माध्यम से बुन्देलखण्ड तथा अन्य नदियों में जहाॅ जल प्रवाह है, पानी को पम्प करके विभिन्न स्थानों पर भेजा जा सकता है।
उ0प्र0 द्वारा गढ़मुक्तेश्वर को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के शहर के रूप में विकसित करने के लिए कार्य-योजना बनाई जा रही है। मलेशिया की संस्था अमोना द्वारा उक्त को सर्वे करके बनाई गयी कार्य-योजना का प्रस्तुतीकरण किया गया। संस्था से अनुरोध किया गया कि वह विशेषज्ञों का एक दल गढ़मुक्तेश्वर भेजकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों से वार्ता करें जिससे उक्त कार्य-योजना को आगे बढ़ाया जा सके।
भ्रमण के पश्चात् श्री यादव ने दिल्ली के मा0 मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल से भेंट की। भेंट के दौरान सहमति बनी की दिल्ली एवं उ0प्र0 आपसी सहयोग से यमुना के किनारे सिंचाई विभाग की जमीनों पर एक वृहत कार्य-योजना बनायें जिससे अवैध अतिक्रमण न हो और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का रिवरफ्रंट डवलपमेंट भी हो।
भ्रमण के पश्चात सिंचाई मंत्री जी की मा0 केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती जी से भी भेंट की। भेंट में गंगा-यमुना में अविरलजल धारा बनाने के लिए उ0प्र0 सरकार द्वारा रबड़-डैम का प्रयोग करके नदियेां में पानी बढ़ाने की जो कार्य-योजना बनाई गई है, उस पर विस्तृत चर्चा हुई तथा यह सहमति बनी कि उ0प्र सरेार के माॅडल के आधार पर आगे कार्यवाही की जाए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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