समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा किसानों के लिए 253 करोड़ रुपए रिलीज किए जाने की खबर को ऊंट के मुंह में जीरा बताते हुए कहा है कि यह मौसम की मार झेल रहे बदहाल किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। उन्होंने कहा कि हमेशा पूंजीपतियों के इशारों और उनके हितों के लिए काम करने वाली भारतीय जनता पार्टी किसानों के लिए इससे ज्यादा कुछ कर भी नहीं सकती।
श्री चैधरी ने कहा कि एक ओर प्रदेश सरकार जहां किसानों के लिए हमेशा फिक्रमन्द है और लगातार उनकी बेहतरी के लिए कार्य कर रही है वहीं दूसरी ओर केन्द्र सरकार के असहयोग पूर्ण रवैये और किसान विरोधी नीतियों के चलते बेमौसम बारिश, अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से पीडि़त किसान लगातार परेशान हो रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को त्वरित गति से राहत पहुंचाने के निर्देशों के क्रम में अब तक 23 लाख 48 हजार किसानों को 1,070 करोड़ रुपए की धनराशि का वितरण किया जा चुका है। इसके अलावा, जनहानि से प्रभावित/पीडि़त परिवारों को अहेतुक सहायता के रूप में 4.83 करोड़ रुपए की धनराशि प्रदान की जा चुकी है।
श्री चैधरी ने कहा कि ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को कृषि निवेश वितरण किए जाने के लिए 1135.57 करोड़ रुपए की धनराशि प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत की जा चुकी है। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य आकस्मिकता निधि से 300 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत कर जनपदों को आवंटित की गई है। इस प्रकार, राज्य सरकार द्वारा अब तक प्रभावित किसानों को सहायता हेतु 1435.57 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है।
श्री चैधरी ने बताया कि ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से राज्य के प्रभावित 72 जनपदों में हुई कृषि फसलों की क्षति हेतु 75 अरब 89 लाख रुपए का संशोधित मेमोरेण्डम भारत सरकार को भेजा गया है, जिसका अनुश्रवण मुख्य सचिव कर रहे हैं। इसके पूर्व भेजे गए 66 अरब 77 करोड़ 45 लाख रुपए के मेमोरेण्डम के सम्बन्ध में अभी तक केन्द्र सरकार द्वारा कुछ नहीं किया गया है। यह इस बात का प्रतीक है कि केन्द्र सरकार किसानों की बदहाली और पीड़ा को नहीं समझ रही है।
श्री चैधरी ने कहा कि ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित जनपदों में कृषि क्षति, शासन द्वारा स्वीकृत धनराशि के वितरण, क्षति के सापेक्ष और धनराशि की व्यवस्था किए जाने तथा कृषि फसल बीमा योजना लागू किए जाने की स्थिति के साथ-साथ भारत सरकार से इसके सम्बन्ध में अद्यतन प्रगति के बारे में भी निरन्तर अनुश्रवण किया जा रहा है।
श्री चैधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि को आपदा घोषित करते हुए निर्देश दिए हैं कि ऐसे किसान जो आपदा की परिभाषा में न आने के बावजूद अप्राकृतिक मृत्यु के शिकार हो गए हैं, उनके परिजनों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5 लाख रुपए की वित्तीय मदद प्रदान की जाए।
मुख्यमंत्री ने कृषि क्षति की व्यापकता तथा प्रदेश सरकार द्वारा जनपदों को दी गयी धनराशि और वित्तीय स्थिति के मदद्ेनजर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर 1,000 करोड़ रुपए की धनराशि अग्रिम रूप से स्वीकृत किए जाने का अनुरोध किया है। इस सम्बन्ध में भी केन्द्र सरकार द्वारा अभी तक किसी भी निर्णय का इन्तजार ही किया जा रहा है। यह केन्द्र सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है।
श्री चैधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5 लाख रुपए की वित्तीय मदद मृतक किसान की फसल का नुकसान होने की स्थिति में दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा ऐसे किसानों के परिजनों को कोई आर्थिक मदद नहीं मिलती है।
श्री चैधरी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रभावित किसानों को मात्र
13 हजार 500 रुपए प्रति हेक्टेयर का अधिकतम मुआवजा दिया जा रहा है, जबकि राज्य सरकार 18 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा दे रही है। इसी प्रकार भारत सरकार द्वारा किसानों के लिए न्यूनतम सहायता राशि 750 रुपए प्रति व्यक्ति है, जबकि राज्य सरकार के मुताबिक किसानों के लिए न्यूनतम सहायता राशि 1,500 रुपए प्रति व्यक्ति है।
श्री चैधरी ने बताया कि आपदा की परिभाषा के अनुसार, मृत्यु होने की दशा में भारत सरकार 5 लाख रुपए की मदद कर रही है, जबकि राज्य सरकार 5 लाख रुपए के साथ-साथ 2 लाख रुपए अतिरिक्त, यानि कुल 7 लाख रुपए की मदद दे रही है।
पार्टी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि किसानों को राहत पहुंचाने का कार्य किसी भी दशा में प्रभावित न हो। मुख्यमंत्री ने कहा है कि ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत प्रदान किए जाने की कार्यवाही शीघ्र की जाए तथा राहत वितरण में पूरी पारदर्शिता बरती जाए। यदि इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही या शिथिलता पाई जाएगी, तो सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
श्री चैधरी ने बताया कि ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित कृषकों के लोन री-शिड्यूल्ड तथा फसल बीमा योजना के भुगतान हेतु आवश्यक कार्यवाही किए जाने के निर्देश बैंकों को दिए जाने हेतु समस्त जनपदों की सूची महानिदेशक संस्थागत वित्त को उपलब्ध करा दी गई है।
श्री चैधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने किसानों के हित में पहले ही एक बड़ा फैसला लेते हुए निर्देश दिए थे कि किसानों से गेहूं क्रय में गुणवत्ता के आधार पर कोई कटौती न की जाए। उन्होंने कहा कि गेहूं खरीद पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित की गयी कटौती पर आने वाले व्यय की भरपाई राज्य सरकार द्वारा की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी माह के अन्तिम सप्ताह से निरन्तर बेमौसम वर्षा एवं ओलावृष्टि के कारण गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। ऐसे में किसानों को राहत पहुंचाने के मकसद से प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार गेहूं की सरकारी खरीद किए जाने पर किसानों से क्रय केन्द्र पर गेहूं की उतराई एवं छनाई का व्यय नहीं लिया जायेगा। इसकी प्रतिपूर्ति मण्डी परिषद द्वारा स्वीकृत दरों पर की जायेगी। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि किसानों का गेहूं उनके द्वार से भी क्रय किया जाए, जिससे किसानों को ढुलाई का खर्च न देना पड़े। उन्होंने कहा कि रबी विपणन वर्ष 2015-16 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत किसानों से गेहूं की खरीद में तेजी लाते हुए पूरी पारदर्शिता बरती जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे भारत सरकार को बीमा कम्पनियांे की शिथिल कार्य प्रणाली के बारे में अवगत कराते हुए मुआवजे के भुगतान को गति प्रदान कराएं।
मुख्यमंत्री के निर्देश दिए हैं कि वितरित की गयी आंशिक क्षतिपूर्ति क्षति के अनुरूप नहीं होने के कारण बीमा कम्पनी के अधिकारियों को फसलों के नुकसान का पुनः आंकलन कराते हुए तात्कालिक सहायता के रूप में आंशिक क्षतिपूर्ति को प्राथमिकता के आधार पर वितरित किया जाए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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