श्री चैधरी ने कहा कि जब से प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी है तबसे प्रदेश में दलितों पर उत्पीड़न की घटनाएं चरम पर पहुंच गयी हैं। उन्होने कहा कि पिछले सप्ताह दलित उत्पीड़न की सिलसिलेवार 13 घटनाएं मीडिया में प्रमुखता से उजागर हुई हैं और ऐसी ही कितनी तमाम घटनाएं प्रकाश में नहीं आ पायी हैं।
श्री चैधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार की उदासीनता के चलते दलित उत्पीड़न बढ़ता ही जा रहा है। उदाहरण के तारै पर जिला जालौन के सुरपति गांव में अमर सिंह नामक एक व्यक्ति की नाक काट दी गयी क्योंकि उसने सवर्ण लोगों की शादी में खाना खाने की जुर्रत की, जिससे सारा खाना अशुद्ध घोषित कर दिया गया। इसी माह 19 अप्रैल को एक 13 वर्षीय दलित बालिका शोषण हाथरस ब्लाक के गांव तरफरा में एक अपराधी ने उसके घर में घुसकर किया और जब उसके पिता ने पुलिस में रपट लिखायी तो अपराधी के भाईयों ने उसे डण्डे से पीट-पीटकर मार डाला। किन्तु दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही नहीं की गयी।
उन्होने कहा कि यह घटनाएं सिर्फ एक बानगी हैं ऐसी तमाम घटनाएं रोजाना प्रदेश में घटित हो रही है जिसका सबूत है कि एससी/एसटी एक्ट के अन्तर्गत पिछले दो साल में 13 हजार से ज्यादा घटनाएं दर्ज हुई हैं परन्तु लगभग आधे मामलों में ही सजा हुई है, सजा के मामलों में प्रतिशत 59 से गिरकर 54 प्रतिशत तक आ गया है। इसी प्रकार जो हजारों मामले दर्ज भी हैं उस पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है जिसका प्रतिशत 74 से बढ़कर 87 प्रतिशत हो गया है और उ0प्र0 में यह प्रतिशत देश के अन्य प्रदेशों में सर्वाधिक तीसरे स्थान पर है।
एनसीआरबी की रिपोर्ट 2013 के मुताबिक दलितों के खिलाफ होने वाले उत्पीड़न में उ0प्र0 सबसे अग्रिम स्थान पर है और घटित होने वाले घटनाओं का 18 प्रतिशत सिर्फ उ0प्र0 में घटित होता है, यह और भी दुःखदाई है क्योंकि देश के सबसे ज्यादा दलित उ0प्र0 में रहते हैं, जिनकी संख्या 21 प्रतिशत है।
दलितों के खिलाफ जघन्य अपराधों में भी उ0प्र0 सबसे अव्वल नम्बर पर है जिसके तहत प्रत्येक हत्या की घटनाओं में तीन में से एक एवं बलात्कार में हर पांचवें मामले में एक घटना दलित लड़कियों के साथ हो रही है।
श्री चैधरी ने दलितों के खिलाफ होने वाली घटनाओं के लिए केन्द्र की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है, क्योंकि दलितों के खिलाफ होने वाले अत्याचार को रोकने हेतु यूपीए सरकार द्वारा 4 मार्च, 2014 को लाये गये दलित अत्याचार निवारण संशोधन अध्यादेश को केन्द्र की मोदी सरकार ने कानून नहीं बनने दिया।
श्री चैधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश कंाग्रेस अनुसूचित जाति विभाग लगातार इन मामलों पर नजर रखे हुए है और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के समक्ष इन घटनाओं को लाने का प्रयास कर रहा है है जिससे पीडि़तों को न्याय मिल सके। दलितों के खिलाफ होने वाले इन अत्याचारों केा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के समक्ष एवं पीडि़तों की आवाज उठाने के लिए उन्होने पूर्व आईएएस अधिकारी डाॅ0 ओम प्रकाश जो कि एससी विभाग में वाइस चेयरमैन भी हैं को दलितों के हो रहे उत्पीड़न के मामलों की निरन्तर निगरानी का जिम्मा सौंपा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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