बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने आज संसद के भीतर राज्यसभा में और संसद के प्रांगण में मीडिया से बात करते हुये पड़ोसी देश नेपाल में पिछले दो दिनों के भीतर आये भारी भूकम्प के कारण हुये बड़े पैमाने पर जान व माल की हानि व देश के भीतर खासकर बिहार, उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में भी कुदरती आपदाओं से हुये जान-माल के व्यापक नुकसान के मुद्दे के साथ-साथ यहाँ अपने देश के अनेकों राज्यों खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र आदि में बेमौसम बरसात व ओलावृष्टि से लाखों किसानों को हुई व्यापक क्षति का मामला उठाया और इन मामलों में केन्द्र एवं विभिन्न राज्यों की सरकारों से इन मामलों में पूरी मुस्तैदी व तत्परता से पीडि़त लोगों को राहत पहुँचाने की मांग की।
राज्यसभा में बोलते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि एक पड़ोसी देश होने के नाते इन्सानियत के नाम पर भारत सरकार ने नेपाल के लिये जो कुछ भी किया है और करने की घोषणा की है वह उचित कदम है। इसी प्रकार अपने देश में खासकर बिहार, उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल राज्य में भुकम्प के कारण जो काफी नुकसान हुआ है उसके लिये भी केन्द्र की सरकार को आगे बढ़कर पीडि़त परिवारों को हर प्रकार की मदद करनी चाहिये। साथ ही इस प्रकार की कुदरती आपदाओं से निपटने के लिये पूरी तैयारी भी अवश्य ही रखनी चाहिये।
इसके साथ ही, अभी हाल ही में हुई बेमौसमी बरसात व ओलावृष्टि के कारण देश भर के किसानों को जो भारी नुकसान हुआ है जिस कारण वे आत्महत्या करने तक को मजबूर हो रहे हैं, ये एक अत्यन्त दुःखद व चिन्ता की बात है, इस सम्बन्ध में केन्द्र व विभिन्न राज्यों की सरकारों द्वारा जो भी कदम उठाये गये हैं वे नाकाफी, बहुत ही थोड़े व अप्रभावी लगते हैं, जिस कारण किसानोें की दुःख-तकलीफ कम होने का नाम नहीं ले रही है और वह लगातार अत्महत्या करने पर मजबूर होते चले जा रहे हैं।
उन्होंने कहाकि इन्ही कुछ महत्वूपर्ण मुद्दो के साथ-साथ बहुजन समाज पार्टी के तत्वावधान में, वर्तमान केन्द्र की एन.डी.ए. सरकार के ग़रीब व किसान-विरोधी चाल, चरित्र एवं चेहरे के साथ-साथ केवल बड़-बड़े पूंजीपतियों, धन्नासेठों व उद्योग जगत-हितैषी नीति व कार्यक्रम अपनाने के विरुद्ध देशव्यापी आन्दोलन के तहत, प्रथम चरण में, उत्तर प्रदेश के समस्त 75 जि़लों के मुख्यालयों पर आज ’’विशाल धरना-प्रदर्शन’’ का आयोजन किया गया, जिसमें हर स्तर व हर वर्ग के लोगों ने लाखों की संख्या में भाग लिया।
इस कार्यक्रम की शानदार सफलता के लिये बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने पूरे उत्तर प्रदेश के समस्त छोटे-बड़े कार्यकर्ताओ व पदाधिकारियों आदि का हार्दिक आभार प्रकट किया और कहा कि ऐसे जन-आन्दोलनों के माध्यम से केन्द्र व उत्तर प्रदेश की सपा सरकार का ’’पर्दाफाश’’ होने से संभव है कि वे सरकारें अपनी किसान व जन-विरोधी नीतियों में जनहितैषी सुधार लाने को मजबूर हो।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र की वर्तमान श्री नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा देश के किसानों के हितों की घोर अनदेखी करके सन् 2013 के नये भूमि अधिग्रहण क़ानून में मनमाने तरीके़ से किये गये संशोधनों के साथ-साथ बेमौसम बरसात व ओलावृष्टि आदि से पीडि़त लाखों किसानों की मदद करने के मामले में केन्द्र व उत्तर प्रदेश की सपा सरकार द्वारा की जा रही घोर उपेक्षा तथा उत्तर प्रदेश में पिछले तीन वर्षों से सपा सरकार में आयेदिन दयनीय व ध्वस्त होती जा रही अपराध-नियंत्रण व क़ानून-व्यवस्था एवं विकास के नाम पर अधिकांशतः की जा रही हवाई घोषणाओं आदि के खिलाफ भी आज का शांतिपूर्ण ’’विशाल धरना-प्रदर्शन’’ कार्यक्रम बी.एस.पी. द्वारा आयोजित किया गया।
बी.एस.पी. की प्रमुख सुश्री मायावती जी, संसद के बजट सत्र जारी रहने के कारण इन दिनों संसदीय कार्यक्रमों में व संसद के भीतर केन्द्र सरकार के कार्यकलापों पर पैनी नज़र रखने में व्यस्त हैं, जिस कारण वे स्वयं लखनऊ या किसी अन्य जि़ले में आयोजित विशाल धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व स्वयं नहीं कर पायीं, परन्तु उनके निर्देशानुसार पार्टी के सभी वरिष्ठ व जि़म्मेवार कार्यकर्ता व पदाधिकारीगण अलग- अलग जि़लों में बी.एस.पी. के इस आन्दोलन कार्यक्रम में जी-जान से डटे रहकर इसे भारी सफल बनाया है।
आज पूरे उत्तर प्रदेश के समस्त जि़ला मुख्यालयों पर आयोजित इस ’’विशाल धरना-प्रदर्शन’’ के दौरान काफी बड़ी संख्या में सर्वसमाज के लोग शामिल हुये और इस दौरान वरिष्ठ व जि़म्मेवार पदाधिकारियों के भाषणों के साथ-साथ एक ’फोल्डर’ भी पार्टी की ओर से वितरित किया गया। इसमें केन्द्र में वर्तमान बी.जे.पी. की एन.डी.ए. सरकार के संशोधित भूमि अधिग्रहण क़ानून को, किसान हितकारी ना होकर, अधिकांशतः बड़े-बड़े पूंजीपतियों, धन्नासेठों व उद्योग जगत को ही लाभ पहुँचाने वाला साबित किया गया है। साथ ही, यह भी बताया गया है कि किस प्रकार बहन कुमारी मायावती जी के नेतृत्व वाली बी.एस.पी. की सरकार ने दिनांक 02 जून सन् 2011 को एक ’किसान पंचायत’ लखनऊ में आयोजित करके एक प्रगतिशील भूमि अधिग्रहण क़ानून बनाकर उसे पूरे प्रदेश में तत्काल प्रभाव से लागू किया गया था। उस नये संशोधित कानून में किसानों के हितों का पूरा-पूरा ध्यान रखते हुये ’’किसानों को विकास में भागीदार’’ बनाना सुनिश्चित किया गया था और यह नीति बनाई गयी थी कि विकासकर्ता अपनी परियोजनाओं के लिये किसानों से स्वयं सीधे ज़मीन ख़रीदेंगे तथा शासन व प्रशासन की भूमिका मात्र फैसिलिटेटर की ही होगी।
बी.एस.पी. वक्ताओं ने कहा कि बी.जे.पी. व सपा दोनों ही पार्टियाँ हमेशा से ही धन्नासेठों व अमीर वर्ग की समर्थक पार्टी रही है। ग़रीब, मज़दूर, किसान, दलितों, अन्य पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यकों के हित व कल्याण से भाजपा व सपा का कभी भी कोई वास्ता नहीं रहा है। ऐसे में इन पार्टियों द्वारा वर्तमान में किये जा रहे तमाम दावे ना केवल खोखले बल्कि धोखा व छलावा हैं।
उन्होंने कहा कि विकास का उचित लाभ जब तक देश के करोड़ों ग़रीबों, किसानों व आमजनता आदि को नहीं मिलेगा व उनकी आय नहीं बढ़ेगी, उसे सही विकास नहीं कहा जा सकता है। इसी कारण ‘‘परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर’’ मुठ्ठीभर पूँजीपतियों का नहीं, बल्कि देश की पूँजी में विकास करके ग़रीब व आमजनता को भी इसका उचित लाभ पहुँचाने की केवल वकालत ही नहीं बल्कि उसके लिये जीवन भर संर्घष भी करते रहे थे।
बी.एस.पी. द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार इस देशव्यापी जन-आन्दोलन के तहत अगले चरण में उत्तर प्रदेश को छोड़कर देश के अन्य राज्यों के मुख्यालयों पर दिनांक 02 मई, सन् 2015 को ’’प्रदेश स्तरीय विशाल धरना-प्रदर्शन’’ आयोजित किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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