Categorized | लखनऊ.

राज्यपाल ने गजल संग्रह ‘आबगीना‘ का लोकार्पण किया

Posted on 27 April 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री राम नाईक ने आज राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में पदम्श्री डाॅ0 आसिफा जमानी के उर्दू गजल संग्रह ‘आबगीना‘ का लोकार्पण किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री मंजूर अहमद, कुलपति, सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ ने की। इस अवसर पर प्रो0 शारिब रूदौलवी, श्री विलायत जाफरी,   पूर्व कुलपति श्री अनीस अंसारी सहित बड़ी संख्या में उर्दू साहित्य प्रेमीजन उपस्थित थे।
राज्यपाल ने संग्रह आबगीना के लोकार्पण के उपरान्त अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संग्रह में दिल के भाव कलम के माध्यम से कागज पर उतारे गये हैं जो वास्तव में मन के भाव के प्रकटीकरण करने का तरीका है। आबगीना उर्दूभाषी लोगों के लिए एक तोहफा है। निश्चित रूप से यह दुःख की बात है कि माँ के होते हुए बेटी गुजर जाये। एक माँ ने अपनी पुस्तक को स्व0 बेटी को समर्पित की हंै। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक स्व0 बेटी डाॅ0 शीमा रिज़वी के लिए अद्भुत भेंट है।
श्री नाईक ने कहा कि उर्दू पाठकों की कमी चिंता का विषय है। उर्दू भाषा आम बोलचाल की भाषा है। हिन्दी के बाद यह भाषा सबसे ज्यादा उपयोग की जाती है। आजादी की लड़ाई में उर्दू का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह प्रसन्नता की बात है कि उत्तर प्रदेश में उर्दू को दूसरी राज्य भाषा का दर्जा मिला है। उन्होंने कहा कि उर्दू किसी वर्ग की नहीं बल्कि भारतीय भाषा है और इसी रूप में उर्दू को देखना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि उर्दू को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि पिछले माह राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद, भारत सरकार द्वारा उर्दू शिक्षकों के लिए उर्दू भाषा में कम्प्यूटर के माध्यम से तकनीकी प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया था। परिषद के उपाध्यक्ष, श्री मुज्जफर हुसैन ने बताया कि मरसिया के शायर मीर अनीस व उर्दू के विद्वान शायर, मीर तकी मीर की कब्रों का रख-रखाव ठीक नहीं है। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री से बात की और दोनों को मिलवाया। मुख्यमंत्री ने दोनों महान शायरों की कब्रों का जीर्णोद्वार करने की बात कहीं। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि परिषद कोई प्रस्ताव केन्द्र से भेजेगा तो उर्दू गैलरी का निर्माण लखनऊ में किया जायेगा। उन्होंने कहा कि गैलरी में उर्दू शायरों और अदीबों की इस्तेमाल की चीजों को संग्रहालय में संजोकर रखने और नयी पीढ़ी को उनसे परिचित कराने के लिये नयी पेशकश होगी।
श्री मंजूर अहमद, कुलपति, सुभारती विश्वविद्यालय ने कहा कि आबगीना रौशनाई से नहीं बल्कि आंसुओं और आहों से लिखी गयी है। लेखिका खुद समाज के लिए एक रोल माॅडल हैं। उन्होंने पर्देदार घराने से निकलकर ऊँची तालीम हासिल की। उन्होंने कहा कि शिक्षा से समाज में तब्दीली आती है।
पदम्श्री डाॅ0 आसिफा जमानी ने अपने गजल संग्रह के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने अब तक 26 से ज्यादा किताबें लिखी हैं मगर यह संग्रह उनके लिए खास है। उन्होंने कहा कि दुःख जिन्दगी के लिए अमृत है। कार्यक्रम में ‘आबगीना‘ की दो गजले ‘शाम की राह स्याहपोश कमर तेरे बाद‘ एवं ‘जब से तेरी नजर हो गयी है जिन्दगी मोतबर हो गयी है‘, पेश की गयी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in