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भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में शिक्षा की दुर्दशा को लेकर गहरी चिन्ता व्यक्त की है।

Posted on 27 April 2015 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में शिक्षा की दुर्दशा को लेकर गहरी चिन्ता व्यक्त की है। भाजपा प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि गुणवत्ता परक शिक्षा के बिना प्रदेश में खुशहाली व विकास सम्भव नहीं। उन्होंने कहा कि महामहिम राज्यपाल द्वारा प्रदेश में शिक्षा को लेकर की गई चिन्ता प्रदेश में शिक्षा की वास्तविक तस्वीर है। शिक्षा के नाम पर उत्तर प्रदेश में महामना की कृति काशी  विश्वविद्यालय के अतिरिक्त इलाहाबाद, लखनऊ, अलीगढ़, आगरा, कानपुर तथा गोरखपुर विश्वविद्यालय ही शिक्षा जगत की फलक पर अपना स्थान बना पाये। पर यह भी वास्वविक है कि विश्व स्तर पर हम शिक्षा जगत में हमारी उपस्थिति नही दर्ज हो सकी।
.भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि समाज का स्वरूप पिरामिड जैसा है। सत्ता शासन में बैठे लोग आचरण करते हे उसी तरह का समाज निर्मिंत होता है। हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि लोक कल्याणकरी राज्य की परिकल्पना में गुणवत्ता परख शिक्षा मुहैया कराना सरकार का दायित्व है परन्तु लोकतंत्रिक व्यवस्था में शिक्षा की गुणवत्ता का जिस तरह अवमूल्यन हो रहा है। वह अपने आप को अत्यंत निराशा जनक है भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा माफिया नकल माफिया जैसे शब्द आम हो गये है। शिक्षा उद्योग बन गई है।
उत्तर प्रदेश में तकनीकी शिक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश टेक्निकल विश्वविद्यालय के कुलपति ने जिस तरह के सवाल खडे किये थे वे अपने आप में बेहद गम्भीर थे। उन्होंने कहा कि  निजी क्षेत्रो द्वारा चलाये जा रहे इंन्जीनियरिंग कालेजों के बुनियादी ढांचे उनकी प्रयोगशाला तथा शिक्षको की अहर्ता मानक को  लेकर बडे सवाल खडे किय थे लेकिन उन्ही कुलपति को स्वयं त्याग पत्रदेकर जाना पड़ा। ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री की शिक्षको को शिक्षक की गुणवत्ता सुधारने की नसीहत कैसे अमल में आऐगी यह बडा सवाल है?
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश की जनता को उम्मीद थी कि प्रदेश के मुख्यमंत्री युवा है देश- विदेश में शिक्षा ग्रहण किए है शिक्षा की गुणवत्ता व महत्व को समझते है निश्चित ही इस दिशा में कुछ ठोस कदम उठाएगें परन्तु शिक्षा को बदतर हालत का बयान शासन में बैठे प्रमुख सचिव ने अभी हाल में किया था। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री जी यदि वास्तव में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना चाहते है तो कोरी बयान बाजी से हटकर शिक्षा की समग्र व्यवस्था पर ठोस चिन्तन करे शिक्षा में गुणवत्ता शिक्षाव्यवस्था में आमूल परिवर्तन उस दिशा में ठोस कार्यवाही नीति और नियत से आऐगा हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार की नीयत साफ है तो उद्योग बन गई शिक्षा व्यवस्था को पुनः अध्ययन, अध्यापन शोध और प्रतिभा केन्द्र के रूप को विकसित करे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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