उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्रदेशवासियों से भूकम्प के झटकों से उत्पन्न स्थिति के सम्बन्ध में धैर्य एवं संयम बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार भूकम्प से उत्पन्न होने वाली आपात स्थिति के लिए तैयार है। उन्होंने कहा है कि आपदा और संकट की स्थिति का सामना सभी को मिल-जुलकर करना है। उन्होंने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त तथा सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा भूकम्प की स्थिति तथा इस सम्बन्ध में किए जा रहे राहत कार्यों की समीक्षा एवं अनुश्रवण किए जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने भूकम्प की स्थिति में घायलों, विशेषकर बच्चे, बूढ़े व विकलांगों की मदद प्राथमिकता पर किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने भूकम्प के सम्बन्ध में अफवाह फैलने पर अंकुश लगाने के भी निर्देश देते हुए कहा है कि अफवाह फैलाने वाले लोगों को चिन्ह्ति कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य स्तर पर उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण का कन्ट्रोल रूम निरन्तर सक्रिय है। इस कंट्रोल रूम का फोन नं0-0522-4915703 तथा फैक्स नं0-0522-4915723 है। भूकम्प से सम्बन्धित किसी भी सूचना या स्थिति के बारे में कन्ट्रोल रूम से सम्पर्क किया जा सकता है। इसके साथ ही, भूकम्प के दृष्टिगत प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे 24 घण्टे संचालित कन्ट्रोल रूम स्थापित कर निरन्तर निगरानी रखें। इसके अलावा, प्रदेश के समस्त चिकित्सालयों, अग्निशमन, पुलिस, राजस्व व अन्य विभागों के अधिकारियों को हाई एलर्ट रहने के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर तुरन्त कार्रवाई की जा सके।
प्रवक्ता ने उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण के हवाले से जानकारी देते हुए बताया कि भूकम्प के दौरान मकान से बाहर खुले एवं सुरक्षित स्थान पर आ जाएं। ऊंची इमारत में होने की स्थिति में लिफ्ट का प्रयोग न किया जाए। भूकम्प के दौरान बाहर एवं सुरक्षित स्थान पर न जा पाने की स्थिति में किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे छिपने तथा कांच, खिड़कियों, गिरने व टूटने वाले सामानों से दूर रहने का प्रयास किया जाए।
प्रवक्ता ने कहा कि घर से बाहर होने की स्थिति में शीघ्र ही खुले मैदान अथवा सुरक्षित स्थल पर जाना उचित होगा, लेकिन इस समय खुले मैदान में बिजली के खम्बे, मोबाईल टावर, वाटर टैंक, बिजली के ट्रान्सफार्मर से दूर रहें। यदि आप वाहन चला रहें हैं, तो सड़क की बाईं ओर हो जाएं और रूक जाएं।
प्रवक्ता ने भूकम्प के बाद बरती जाने वाली सावधानियों का जिक्र करते हुए बताया कि पहले झटके के बाद और झटकों भी आ सकते हैं, जिसके लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। हालांकि दूसरा, तीसरा झटका उतना प्रभावशाली नहीं होता है, पर फिर भी टूटी हुई इमारत को क्षति पहुंचती है। बाद के झटके कभी भी आ सकते है-घंटो, दिनांे, हफ्तों या महीनों बाद, कभी भी।
प्रवक्ता ने कहा कि भूकम्प के दौरान टूटे हुए घर में दुबारा प्रवेश न किया जाए तथा किसी भी क्षतिग्रस्त इमारत से दूर रहने का प्रयास किया जाए। अपने रेडियो अथवा टी0वी0 सेट से भूकम्प संबंधी नवीनतम सूचना/बुलेटिन व प्रसारित की जाने वाली पूर्व चेतावनी पर ध्यान दिया जाए। पीने का पानी, खाने का समान, जरूरी दवाएं तथा आवश्यक अभिलेख आदि व्यवस्थित कर लिया जाए। गैस की महक आने की स्थिति में खिड़कियों को खोल दिया जाए तथा गैस बन्द कर बाहर निकल जाएं। मोमबत्ती या लालटेन की जगह टार्च का प्रयोग किया जाए। अग्नि दुर्घटना की आशंका होने पर एहतियात बरती जाए। अगर तार जलने की गन्ध आये या कोई चिंगारी दिखे, तो मेन स्विच तुरन्त आॅफ करने का प्रयास किया जाए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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