ऽ घबराये नहीं, धैर्य बनाए रखें।
ऽ भूकम्प के दौरान मकान से बाहर खुले एवं सुरक्षित स्थान पर आ जाएं।
ऽ यदि आप ऊॅची इमारत में हों तो लिफ्ट का प्रयोंग न करें।
ऽ भूकम्प के दौरान बाहर एवं सुरक्षित स्थान पर न जा पाने की स्थिति में किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे छुप जाएं।
ऽ काॅच, खिडकियों व गिरने तथा टूटने वाले सामानों से दूर रहें।
ऽ यदि घर से बाहर हैं, तो शीघ्र खुले मैदान अथवा सुरक्षित स्थल पर चले जाऐं।
ऽ भूकम्प के समय खुले मैदान में ऐसी जगह न खडे हों जहाॅ बिजली के खम्बे, मोबाईल टावर, वाटर टैंेक, बिजली के ट्रान्सफार्मर इत्यादि हों।
ऽ यदि आप वाहन चला रहें हैं, तो सडक की बायीं ओर हो जाएं और रूक जाएं।
ऽ भूकम्प के दौरान पुल से कभी न जाएं क्योंकि हो सकता है पुल आगे टूटा हेा।
भूकम्प के बाद बरती जाने वाली सावधानी
ऽ पहले झटके के बाद और झटकों के लिए तैयार रहंेे। हालाॅकि दूसरा, तीसरा झटका उतना प्रभावशाली नही होता है पर फिर भी टूटी हुई इमारत को क्षति पहॅुचती है। बाद के झटके कभी भी आ सकते है - घंटो, दिनांे, हफ्तों, या महीनों बाद, कभी भी।
ऽ टूटे हुए घर में दुबारा प्रवेश न करें और किसी भी क्षतिग्रस्त इमारत से दूर रहंेे।
ऽ न तो अफवाह फैलाए और न ही अफवाहों पर विश्वास करें।
ऽ अपने रेडियो अथवा टी0वी0 सेट से भूकम्प संबंधी नवीनतम सूचना/बुलेटिन व प्रसारित की जाने वाली पूर्व चेतावनी पर ध्यान दें।
ऽ पीने का पानी, खाने का समान, जरूरी दवाएं तथा आवश्यक अभिलेख आदि व्यवस्थित कर लें।
ऽ अगर गैस की महक आए तो खिडकियाॅ खोल दें तथा गैस बन्द कर दें, और बाहर निकल जाएं।
ऽ मोमबत्ती या लालटेन की जगह टार्च का प्रयोग करें। अग्नि दुर्घटना की आशंका होने पर एहतियात बरतें।
ऽ अगर तार जलने की बू आये या कोई चिंगारी दिखे, तो मेन स्विच बन्द कर दें। बिजली के स्विचों को कतई मत छुएं।
ऽ घायलों, विशेषकर बच्चे, बूढे व विकलांगों की मदद करना न भूले। बुरी तरह से घायल को न हिलाएं, जब तक कि अति आवश्यक न हो। मदद के लिए आवाज देें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com