समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने आज यहां कहा है कि किसानों के नाम पर दिल्ली में हुई रैली में एक किसान की मौत पर जो मानवीय संवेदना दिखनी चाहिए थी, नहीं दिखी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा में कल उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार की सकारात्मक भूमिका की चर्चा की। दूसरी तरफ बसपा अध्यक्ष ने इस मानवीय पीड़ा के प्रति पूरी तरह उपेक्षा भाव दर्शाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार पर कटाक्ष करके अपनी संकुचित मानसिकता का ही प्रदर्शन किया हैं।
सच तो यह है कि देश में अकेले उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार ने किसानों के दुःखदर्द को समझा है। स्वयं कृषक परिवार का सदस्य होने से मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने किसानों की विपत्ति में सर्वप्रथम उनके साथ खड़े होने का उदाहरण पेश किया है। पिछलें पांच वर्षो में जब बसपा की सरकार थी किसानों को न तो फसलों का उचित समर्थन मूल्य और नहीं उन्हें समय पर बीज, खाद मिली। खाद के लिए लाइन लगाने पर उन्हें पुलिस की लाठियां झेलनी पड़ी।
बसपा के संत्रास भरे काले दिनों से बेहाल जब प्रदेश के मतदाताओं ने समाजवादी सरकार बनाई तो लोकतंत्र की नई बयार के साथ मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव किसान, नौजवान और अल्पसंख्यकोे के कल्याण को प्राथमिकता दी। राजस्थान के किसान श्री गजेन्द्र सिंह की दुखद मौत पर प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के तरफ से तत्काल उसके परिवार को 5 लाख रूपए की राहत पहुॅचायी। यह है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का मानवीय पक्ष।
यही नहीं उत्तर प्रदेश में अभी तक 17Û58 लाख किसानों को 831 करोड़ रूपए मुआवजे में बांटा गया। आपदा में मृत किसानों के परिवारों को 3Û86 करोड़ रूपए दिए गए है। केन्द्र सरकार को 66 अरब 77 करोड़ 65 लाख रूपए का मेमोरेंडम भी भेजा है फसल बीमा योजना के तहत भी उत्तर प्रदेश में किसानों को राहत दी गई है। समाजवादी सरकार और मुख्यमंत्री जी का इस बात पर विशेष जोर है कि किसानों की जिन्दगी अमूल्य है।
श्री मुलायम सिंह यादव बराबर इस बात पर जोर देते है कि किसान की खुशहाली में ही प्रदेश की तरक्की है। इसे अपनाते हुए मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने वर्ष 2015-16 के वर्ष को किसान वर्ष घोषित करते हुए बजट की 75 प्रतिशत राशि गांव-किसान के लिए रखी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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