अगर इस देश का किसान का हजारों लोगों के बीच मैं आत्महत्या करता है तो यह देशभर के लोगों के लिए चुल्लू भर पानी मैं डूबने जैसा है, आज हमें शर्म आनी चाहिए कि इस देश का अन्नदाता आत्महत्या करने को मजबूर है, गजेन्द्र सिंह कि मौत आत्महत्या नहीं बल्कि शहादत है क्योंकि उस किसान ने इस देश के सोये हुए जिम्मेदार लोगों को जगाया है, गजेन्द्र सिंह कि शहादत से पूरे देश को सबक लेना चाहिए और ऐसे हजारों मजबूर और पीडि़त किसानों कि मदद के लिए आगे आना चाहिए. - ब्रह्मानंद राजपूत,
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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