उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण मिशन के अन्तर्गत महिलाओं से सम्बन्धित सभी योजनाओं को केन्द्रीकृत रूप प्रदान कर प्रदेश के 11 जनपदों में संचालित कराने का निर्णय लिया गया है। निर्णय के अनुसार जनपद आगरा, बरेली, मेरठ, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, कानपुर, कन्नौज, लखनऊ, इलाहाबाद, गोरखपुर और वाराणसी में आशा ज्योति केन्द्र संचालित कराकर योजनाओं से पात्र महिलाओं को लाभान्वित कराया जाय। भारत सरकार द्वारा प्रदेश के 10 जनपदों-आगरा, बागपत, मथुरा, मेरठ, बुलन्दशहर, झाॅंसी, मुजफ्फरनगर, हाथरस, गौतमबुद्ध नगर एवं गाजियाबाद में बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं योजना का शुभारंभ किया गया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन आज शास्त्री भवन स्थित अपने कर्यालय के सभागर में उत्तर प्रदेश राज्य महिला सशक्तिकरण मिशन के अन्तर्गत गठित राज्य अनुश्रवण समिति बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’’ योजना का संचालन महिला समाख्या द्वारा सम्पादित कराया जाये। ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’’ योजना आशा ज्योति का एक अह्म भाग होगी। उन्होंने कहा कि आशा ज्योति को महिला सशक्तिकरण हेतु ब्राण्ड नेम के रूप में विकसित किया जाय।
श्री रंजन ने बताया कि मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा वर्ष 2013 एवं वर्ष 2014 में पंजीकृत एवं गृह विभाग/चिकित्सा विभाग द्वारा संस्तुत 60 एसिड अटैक पीडि़ताओं में से उपस्थित 51 पीडि़ताओं को तीन लाख रूपये की दर से प्रति पीडि़ता को आर्थिक सहायता चेक विगत माह मार्च में प्रदान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि अवशेष 09 एसिड अटैक पीडि़ताओं को भी सहायता राशि यथाशीघ्र प्रदान करायी जाय। उन्होंने कहा कि मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा इंगित एसिड पीडि़ताओं को चिन्हांकित करते हुए गृह विभाग अपनी संस्तुति सहित सूची महिला कल्याण विभाग को उपलब्ध करायें ताकि स्टेट मेडिकल बोर्ड द्वारा परीक्षणोपरान्त उन्हें भी आर्थिक सहायता चेक के माध्यम से प्रदान करायी जा सके।
बैठक में प्रमुख सचिव महिला कल्याण श्रीमती रेणुका कुमार, प्रमुख सचिव नियोजन श्री देवेश चतुर्वेदी, अपर पुलिस महानिदेशक, श्रीमती सुतापा सान्याल एवं विशेष सचिव गृह श्रीमती मिनिस्ती एस0 सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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