भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि बिजली और कानून व्यवस्था को शीर्ष प्राथमिकता बताने वाले अखिलेश सरकार में दोनो ही मामलों पर लूट मची हैं। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा 50 विभागो से उपर खुद संभाल रहे हैं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कम से कम अपने विभागों में तो सुचिता का पालन करते। राज्य में बिजली सिडिकेट इतना तगड़ा हो गया है कि अब तो बिजली बिलो मे ही हेराफेरी कर घोटालो को अंजाम दे रहा हैं। श्री पाठक ने बिलिंग घोटाले के हजारो करोड़ तक पहुॅचने की आंशका जाहिर करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
पार्टी मुख्यालय पर सोमवार राज्य के हुए बिलिंग घोटाले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा सत्ता के बाहर विद्युत विभाग में हो रही अनियमितताओं को मुस्तैदी से उठाते अखिलेश यादव सत्ता में आने पर मौन क्यों हो गये ? बिजली बिभाग में ट्रान्सफार की खरीद, मरम्मत के घोटाले रहे हो अथवा वि़़द्युत खरीद में हो रही धाधली को स्वीकार कर शुरूआत में कडे़ फैसले लेने का आश्वासन देते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्ही घोटालेबाज, धन्धेबाज अधिकारियों को प्रश्रय देना शुरू कर दिया। जो बिजली विभाग के सिन्डिकेट के जनक थे। इनकी ताकत बढी, हौसले बढे, इन बढ़े हौसले से हेराफेरी कर रहे लोग आज जनता तक पहॅुच गए और विद्युत बिलो के हेराफेरी कर करोडो रूपयो की चपत लगा दी ।
उन्होने कहा कि जिस प्रकार से एसटीएफ की जांच के तथ्य प्रकाश में आ रहे उससे स्पष्ट है कि अधिकारी अभियन्ता गठजोड के भरोसे ही इतने बडे घोटालों को अंजाम दिया जा सकता हैं। उन्होने कहा कि यह कैसे सम्भव है कि घोटाले बाज यूजर, पासवर्ड का इस्तेमाल लगातार करते रहे और सम्बधित अधिकारी को भनक तक नहीं लग सकी। उन्होंने सवाल उठाया जिस वितरण खण्ड में घोटाले हुए वहां के शीर्ष अधिकारी ने अपने सिस्टम में इसे क्यों नही देखा। जबकि हर सिस्टम में यह रिपोर्ट उपलब्ध रहती है कि कब किसने किस आई.डी. से किस उपभोक्ता का बिल संसोधित किया ऐसे में साफ है बिना मिली भगत के सिन्डिकेट बनाये इस घोटाले को अंजाम नही दिया जा सकता है।
श्री पाठक ने कहा कि कानून व्यवस्था का मोर्चा हो अथवा बिजली का प्रकरण हर जगह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कार्यशैली पर प्रश्न खडे हुए। पुलिस भर्ती को लेकर नौजवान सड़क पर है। जो शकाये नौजवान कर रह है उसका समाधान सरकार के पास नहीं है, निरूत्तर सरकार कुत्र्तको से बचाव में लगी। बिजली को लेकर हुए घोटालों की चर्चा हो रही है, जांच भी हुई है, किन्तु तत्परता और तल्लिनता दिखाते हुए समग्रता में जांच में परहेज कर मुख्यमंत्री किसे बचाना चाहते है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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