उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने विद्युत एवं जल निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उनके सम्बन्धित कार्यों के शिफ्टिंग का कार्य समय से न होने पर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के कार्यों में विलम्ब हुआ तो सम्बन्धित अधिकारियों की जिम्मेदारी नियत कर दण्डात्मक कार्यवाही होगी। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित विभागों को गत बैठकों में अनेकों बार विद्युत पोलों एवं तारों की शिफ्टिंग तथा हैण्डपम्पों की शिफ्टिंग के निर्देश दिये जाने के बावजूद भी शिफ्टिंग का कार्य शत-प्रतिशत समय से नहीं सुनिश्चित कराया जा रहा है। उन्होंने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के कार्यों की प्रगति पर प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा कि निर्धारित माइलस्टोन को दृष्टिगत रखते हुए कार्यों को गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराने हेतु पैनी नजर रखी जाय।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के कार्यों की प्रगति कीे समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे मार्ग पर आने वाले जनपद फिरोजाबाद, इटावा, कन्नौज तथा कानपुर नगर के विद्यालयों को स्थानान्तरित किये जाने हेतु सम्बन्धित विद्यालयों के भवनों का निर्माण प्राथमिकता से करा दिया जाय। उन्होंने कहा कि परियोजना के संरेखण के अन्तर्गत जनपद लखनऊ के ग्राम महमूदपुर की अवस्थित आबादी को ग्राम कठिंगरा में प्रस्तावित स्थल पर स्थानान्तरित कराने की कार्यवाही जिलाधिकारी लखनऊ एवं लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जाय।
बैठक में बताया गया कि जल निगम द्वारा 88 हैण्डपम्पों के सापेक्ष अभी तक 51 हैण्डपम्प ही शिफ्ट किये गये हैं इसी प्रकार 04 स्थानों पर शिफ्टिंग वाटर लाइनों के सापेक्ष 01 वाटर लाइन शिफ्ट किये गये हैं। उन्होंने कहा कि अवशेष हैण्डपम्प एवं वाटर लाइन शिफ्टिंग की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जाय।
बैठक में मुख्य कार्यपालक अधिकारी, यूपीडा श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, यूपीडा श्री आशुतोष निरंजन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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