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वन्यजीवन की कहानी कहती तस्वीरें कलास्रोत में वन्यजीव फोटोग्राफी प्रदर्शनी का आयोजन 18 से 26 अप्रैल तक

Posted on 14 April 2015 by admin

अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल के परिप्रेक्ष्य में वन्यजीव फोटोग्राफी प्रदर्शनी का आयोजन 18 से 26 अप्रैल तक अलीगंज स्थिल कला गैलरी कलास्रोत में किया जा रहा है। इस एकल प्रदर्शनी में युवा फोटोग्राफर व सिनेमोग्राफर श्री आदित्य हवेलिया द्वारा वन्यजीवन से जुड़े छायाचित्रों को दर्शाया जाएगा। प्रदर्शनी में भारत के साथ ही अफ्रीका में क्लिक हुई छवियों को देखने का मौका मिलेगा।

इस विषय में रायल कैफे में आयोजित प्रेसवार्ता में प्रतिष्ठित प्रेस और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों को मुख्य संयोजक श्री मनोज सिंह चंदेल ने बताया कि प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रसिद्ध फोटोग्राफर व इंडियन फोटोग्राफर फेडरेशन के अध्यक्ष श्री अनिल रिसाल सिंह, एमएफआईएपी, एआरपीएस द्वारा 18 अप्रैल 2015 को सायं 5 बजे किया जाएगा। प्रदर्शनी में वन्य जीवन और प्रकृति के सौन्दर्य को उजागर करते 50 के करीब चित्र प्रदर्शित होंगे। इस मौके पर प्रदेश के प्रमुख वन संरक्षक श्री रूपक डे विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।

प्रदर्शनी के वन्य जीव छायाचित्रों को वरिष्ठ प्रेस छायाकार व एमिटी स्कूल आॅफ कम्युनिकेशन के सहायक प्रोफेसर श्री त्रिलोचन एस कालरा के मार्गदर्शन में संयोजित किया गया है। प्रदर्शनी फोर्स वन एडवरटाइजिंग एडं इवेंट द्वारा आयोजित की जा रही है। प्रदर्शनी पर्यावरणविदों, वन्य जीवन पे्रमियों, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं व भूवैज्ञानिकों को विशेष रूप से समर्पित है। अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस के मौके पर आयोजित होने वाली इस प्रदर्शनी का एक उद्देश्य लोगों को इस ओर जागरूक करना भी है कि हम अपने ग्रह के प्रति संवेदनशील हो। प्रकृति में अपार सौंदर्य है और इसकी रक्षा करना हम सब दायित्व बनता है। पृथ्वी मां की देखभाल करना हमारा नैतिक कर्तव्य है।

श्री आदित्य ने एमिटी विश्वविद्यालय से पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातक, जामिया-मिलिया-इस्लामिया (एमसीआरसी) नई दिल्ली से फोटोग्राफी में परास्नातक और प्रसिद्ध फिल्मकार सुषाई घई के ख्याति प्राप्त संस्थान विस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल, मुंबई से सिनमेटोग्राफी में दक्षता प्राप्त की है। उन्होंने मुंबई की अंडरवाटर फिल्म सर्विसेज के साथ भी काम किया है। फीचर फिल्मों, धारावाहिकों, लघु प्रचार अभियान, मल्टी कैमरा शो के साथ भी वे संबद्ध रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने विज्ञापन, वृत्तचित्र और म्यूजिक वीडियो भी किए हैं। मीडियाकर्मियों से बातचीत में श्री आदित्य हवेलिया ने कहा कि फोटोग्राफी उनके लिए जुनून है। इसके लिए न उन्हें गर्मी की चिंता रहती है और न ही सर्दी की। गहरे घने जंगल में अनूठे मशरूम की खोज व चिलचिलाती धूप में एक छोटे से कीट को अपने लेंस के माध्यम से देखना सचमुच काफी रोमांचकारी व सुखद रहता है। प्रकृति से उनका प्यार ही उन्हें भारत और सुदूर अफ्रीका के जंगलों तक खींच ले गया। उनको लगता है कि अभी भी वे सीखने की प्रक्रिया में हैं और काफी कुछ ऐसा है, जिसे आगे करना है। इसकेे लिए वे सभी से रचनात्मक और सार्थक सहयोग की अपेक्षा करते हैं।

आदित्य ने बेहतरीन छवियों को संग्रहित करने के लिए भारत और अफ्रीका के जंगलों का खूब भ्रमण किया है। जिसमें मुख्य रूप से अफ्रीका के केन्या में सुप्रसिद्ध मसाई मारा, समबुरु राष्ट्रीय पार्क व लेक नकुरु राष्ट्रीय पार्क, तंजानिया के सेरेनगेटी,  नगोरोनगोरो क्रेटर, लेक मनयारा, इथियोपिया के  अवाश नेशनल पार्क व भारत के रणथम्भौर नेशनल पार्क (राजस्थान),  सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान (राजस्थान), केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (राजस्थान), बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान (मध्य प्रदेश),  कान्हा राष्ट्रीय उद्यान (मध्य प्रदेश),  जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान (उत्तरांचल),  सुंदरबन (पश्चिम बंगाल),  भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान (उड़ीसा),  दुधवा नेशनल पार्क (उत्तर प्रदेश),  किशनपुर वन्यजीव अभयारण्य (उत्तर प्रदेश),  कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य (उत्तर प्रदेश) व गीर राष्ट्रीय उद्यान (गुजरात) शामिल है।

प्रकृति के चमत्कार को कैद करने के लिए श्री आदित्य ने अंडमान द्वीप समूह और मॉरीशस के महासागरों में गहराई डुबकी भी लगाई है। संयोजक श्री मनोज सिंह चंदेल ने बताया कि बहुत जल्द ही उनके चित्रों पर आधारित एक कॉफी टेबल बुक प्रकाशित होगी, जिसका लोकार्पण 17-27 दिसंबर 2015 तक आयोजित होने वाले लखनऊ पुस्तक मेले के दौरान किया जाएगा।

इस अवसर पर श्री मुरलीधर आहूजा, सीईओ रॉयल कैफे ग्रुप ने भी प्रदर्शनी की सफलता की उम्मीद की। उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष श्री टी.पी. हवेलिया ने इस मौके पर कहा कि उत्तर प्रदेश में सीमित वन्य जीवन जंगल और अभयारण्य हैं, लेकिन बावजूद इसके हमारे मुख्यमंत्री के गतिशील नेतृत्व का परिणाम है कि इटावा में लाॅयन सफारी और इस तरह की दूसरी योजनाएं विकसित की गई हैं, जो पर्यटकों और वन्य जीव प्रेमियों को आकर्षित करने में कामयाब हैं। उन्होंने श्री आदित्य से अपेक्षा की कि वे अपनी फोटोग्राफी के माध्यम से राज्य की संस्कृति, स्मारकों, जीवन शैली और आधुनिक विकास को दुनिया के सामने पेश करेंगे। निश्चित रूप से इससे प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा मिल सकेगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस को श्री त्रिलोचन एस कालरा व कलास्रोत आर्ट गैलरी के निदेशक अनुराग डिडवानिया ने भी संबोधित किया। इस आयोजन में रायल कैफे, बजहाइपर्स मारकाॅम प्राइवेट लिमिटेड व ओरिजिन्स एडवरटाइजिंग का विशेष सहयोग है। श्री चंदेल ने सभी का धन्यवाद व्यक्त करते हुए वन्यजीव फोटोग्राफी प्रदर्शनी के लिए आमंत्रित किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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