उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि आधुनिक तकनीक का प्रयोग करके भ्रष्टाचार पर रोक लगायी जा सकती है और अपराधों को नियंत्रित भी किया जा सकता है। प्रदेश सरकार लोगों को प्रभावी कानून व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है, इसलिए वह कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग करने पर बल दे रही है। बेहतर कानून व्यवस्था तथा अपराध नियंत्रण से प्रदेश को प्रगति के पथ पर आगे ले जाने में बहुत मदद मिलेगी। इसके मद्देनजर राज्य सरकार लगातार प्रदेश की कानून व्यवस्था को ठीक करने के लिए कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस कानून व्यवस्था बनाए रखने एवं अपराध नियंत्रण के लिए लगातार प्रयास कर रही है। पुलिस विकट परिस्थितियों में कार्य करती है, अतः अच्छे काम पर उसकी तारीफ की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने ये विचार आज गोमती नगर स्थित माॅडर्न कन्ट्रोल रूम में स्थापित किए गए स्मार्ट सिटी सर्विलांस ‘दृष्टि’, नागरिक सी.सी.टी.वी. प्रोजेक्ट ‘नजर: एक उम्मीद’, ड्रोन कैमरों से नगर की निगरानी के लिए ‘एरियल सर्विलांस प्रोजेक्ट’
जैसी परियोजनाओं के लोकार्पण के उपरान्त संगीत नाटक अकादमी में विशेष पुलिस अधिकारियों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश की समाजवादी सरकार लोगों को सुरक्षित वातावरण मुहैय्या कराने के लिए कार्य कर रही है। आधुनिक तकनीकी और संचार साधनों के चलते अपराधियों के काम करने के तरीके में काफी बदलाव आ गया है। समय के साथ-साथ पुलिस के दायित्वों में भी बढ़ोत्तरी हुई है। अतः अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण तथा होने वाली घटनाओं पर तेजी से कार्रवाई करने के लिए आधुनिक तकनीकी साधनों से पुलिस को लैस करना समय की आवश्यकता है। इसीलिए समाजवादी सरकार ने पहले ही इस दिशा में गम्भीरता से काम करना शुरू कर दिया था। उन्होेंने कहा कि प्रदेश सरकार पुलिस विभाग के सुदृढ़ीकरण एवं आधुनिकीकरण के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कानपुर में पहला अत्याधुनिक कन्ट्रोल रूम वर्ष 2013 में स्थापित किया गया था, जबकि लखनऊ मंे स्थापित कन्ट्रोल ने वर्ष 2014 में काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि अन्य महत्वपूर्ण शहरों में भी इस प्रकार के कन्ट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे, ताकि अपराधों पर नियंत्रण लग सके। राज्य सरकार ने महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने की दृष्टि से ‘1090’ विमेन पावर लाइन की स्थापना करके उनका आत्मविश्वास बढ़ाने का कार्य किया है। उन्हांेने कहा कि प्रयास इस बात के भी किए जा रहे हैं कि घटना की सूचना मिलने पर पुलिस 10 से 15 मिनट के अन्दर घटना स्थल पर पहंुचकर पीडि़तों की सहायता करे।
श्री यादव ने कानून व्यवस्था बनाए रखने में विशेष पुलिस अधिकारियों की भूमिका की सराहना करते हुए उम्मीद जतायी कि वे पुलिस की मदद करते रहेंगे। उन्होंने लखनऊ में साम्प्रदायिक सौहार्द तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग देने के लिए कई विशेष पुलिस अधिकारियों को सम्मानित भी किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने लखनऊ पुलिस के आधुनिक नियंत्रण कक्ष एवं स्मार्ट सिटी सर्विलांस सिस्टम ‘दृष्टि’ को विश्वस्तरीय गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप पाए जाने पर विश्वस्तरीय आई.एस.ओ. संस्था के द्वारा दिए गए ‘आई.एस.ओ. 9001-2008’ प्रमाण पत्र का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन, कौशल विकास राज्यमंत्री श्री अभिषेक मिश्र, मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव गृह
श्री देबाशीष पण्डा तथा डी.जी.पी. श्री अरविन्द कुमार जैन ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल के अतिरिक्त अन्य वरिष्ठ अधिकारी, कई धर्मगुरू, बड़ी संख्या में विशेष पुलिस अधिकारी, गणमान्य नागरिक एवं मीडिया कर्मी भी उपस्थित थे।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने लखनऊ जिले की पुलिस व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त व अत्याधुनिक बनाए जाने के उद्देश्य से माॅडर्न कन्ट्रोल रूम में स्थापित किए गए स्मार्ट सिटी सर्विलांस सिस्टम ‘दृष्टि’, नागरिक सी.सी.टी.वी. प्रोजेक्ट ‘नजर: एक उम्मीद’, ड्रोन कैमरों से नगर की निगरानी के लिए ‘एरियल सर्विलांस प्रोजेक्ट’ परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इन योजनाओं के शुरू होने से लखनऊ शहर क्लोज सर्किट कैमरों की निगरानी में रहेगा। नगर के ऊपर से भी ड्रोन कैमरे निगरानी की जाएगी, जिससे शांति व्यवस्था तथा अपराध स्थिति के नियंत्रण में मदद मिलेगी। इसके अलावा, एक मोबाइल सर्विलांस वाहन भी तैयार किया गया है, जिस पर दो फिक्स्ड एवं एक पी.टी.जेड. कैमरा लगाया गया है, ताकि अल्प समय में किसी भी स्थान को सी.सी.टी.वी. सिस्टम से कवर किया जा सके। उन्होंने ‘दृष्टि’ कन्ट्रोल रूम का अवलोकन भी किया।
‘दृष्टि’ के अन्तर्गत लखनऊ नगर के 70 स्थानों पर पी.टी.जेड. कैमरे तथा, 170 फिक्स्ड कैमरे, लगाए गए हैं। इसके अलावा वाहनों की नम्बर प्लेट पढ़ने में सक्षम 40 एन.पी.आर. कैमरे भी लगाए गए हैं। इन सभी सी.सी.टी.वी. कैमरों को इस माॅडर्न कन्ट्रोल रूम से जोड़ा गया है।
नगर के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर इस प्रकार से स्थापित किए गए कैमरों के माध्यम से इस कन्ट्रोल रूम में इन स्थानों की हर घटना पर नजर रहेगी। इससे प्रभावी एवं सुव्यवस्थित यातायात प्रबन्धन के साथ-साथ सड़क अपराध एवं दुर्घटना होने की स्थिति को देखकर कन्ट्रोल रूम के माध्यम से आवश्यक कार्यवाही कराते हुए कानून व्यवस्था पर भी प्रभावी नियंत्रण में भी मदद मिलेगी।
वाहनों द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन करने की स्थिति में कन्ट्रोल रूम से ‘ई-चालान’ भेजने की व्यवस्था भी की जाएगी। ए.एन.पी.आर. कैमरे शहर के प्रवेश स्थलों पर विशेष रूप से लगाए गए हैं, ताकि शहर में आने जाने वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन नम्बर का लेखा-जोखा रखा जा सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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