उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने प्रदेश में कार्यरत बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी निर्गत निर्देशों के अन्तर्गत प्रभावित किसानों के ऋणों को पुर्ननिर्धारित करने/कन्वर्जन/नये ऋण उपलब्ध कराने हेतु निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के ऋणों को पुर्ननिर्धारित के प्रकरणों पर इस बात का अवश्य ध्यान रखा जाय कि ऋण अदायगी की अवधि को लम्बी अवधि तक बढ़ाया जाय ताकि किसानों को अपने ऋण की किश्तों/ब्याज की अदायगी हेतु पर्याप्त समय मिल सके। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से प्रदेश के प्रभावित जनपदों के प्रभावित किसानों को तत्काल राहत पहुँचाने हेतु भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विगत 25 मार्च को निर्गत निर्देश का अनुपालन कड़ाई से कराया जाय। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि समस्त जिलाधिकारियों को जनपदों में विशेष डी0सी0सी0 की बैठकें आयोजित कराई जाय एवं किसानों के साथ वसूली के सम्बन्ध में कोई उत्पीड़नात्मक कार्यवाही कतई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि बैंकों द्वारा ब्लाक स्तर पर बी0एल0बी0सी0 की विशेष बैठकें प्रत्येक सप्ताह सहगोष्ठी के रूप में आयोजित कराई जायं जिसमें किसानों को भी बुलाया जाय। उन्होंने कहा कि ब्लाक स्तरीय इन साप्ताहिक बैठकों एवं गोष्ठियों को सम्बन्धित अधिकारियों के साथ-साथ उपजिलाधिकारी/तहसीलदार भी उपस्थ्ािित रहेंगे ताकि ब्लाक स्तर पर राहत कार्यों का अनुश्रवण निरन्तर सुनिश्चित हो सके।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में प्रदेश में चक्रवाती तूफान के कारण अतिवृष्टि/ओलावृष्टि में फसलों को हुई क्षति के सापेक्ष किसानों को राज्य सरकार एवं बैंकों द्वारा राहत प्रदान करने के सम्बन्ध में बैठक कर रहे थे। बैठक में प्रमुख सचिव, संस्थागत वित्त श्री राहुल भटनागर, महानिदेशक संस्थागत वित्त श्री शिव सिंह यादव, राहत आयुक्त श्रीमती लीना जौहरी, सहित संयोजक राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, नाबार्ड एवं प्रदेश में कार्यरत समस्त अग्रणी एवं गैर-अग्रणी बैंक एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक के अंचल प्रमुख उपस्थित थे।
श्री रंजन ने बैंकों को निर्देश दिए कि कृषि एवं तत्सम्बन्धी गतिविधियों यथा-डेरी, पोल्ट्री, मत्स्य पालन इत्यादि हेतु भी राहत प्रदान की जाय। उन्होंने कहा कि बैंको द्वारा इन क्षेत्रों के सभी प्रभावित व अन्य ऋणी किसानों/काश्तकारों आदि को भी पात्रता अनुसार नये ऋण/खपत ऋण उपलब्ध कराया जाय। उन्होंने कहा कि साथ ही गैर-ऋणी किसानों/नये काश्तकारों को भी बैंकिग सुविधाओं के लाभ के दायरे में लाया जाय।
संयोजक राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति द्वारा बताया गया कि विगत 25 मार्च को राज्य स्तरीय बैकर्स समिति उत्तर प्रदेश की विशेष बैठक का आयोजन कराया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अधिकांश जनपदों में डी0सी0सी0 की विशेष बैठकें आयोजित करा ली गई हैं। जहां तक भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों के अनुसार रिस्ट्रक्चरिंग/नये ऋण उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में अब तक प्राप्त सूचना के अनुसार बैंको द्वारा 1,00,000 से अधिक खातों की रिस्ट्रक्चरिंग एवं 75,000 नये खातों में ऋण उपलब्ध कराया गया है। इस प्रकार किसानों के ऋण खातों में लगभग 1500 करोड़ रूपये की सहायता उपलब्ध कराई जा चुकी है। मुख्य सचिव द्वारा पाक्षिक आधार पर समीक्षा महानिदेशक संस्थागत वित्त को करने के निर्देश दिए हैं।
प्रमुख सचिव, संस्थागत वित्त श्री राहुल भटनागर ने बैंको को निर्देश दिए हैं कि यदि किसी किसान की व्यक्तिगत रूप से भी 33 प्रतिशत फसल की क्षति हुई है तो उसे भी राहत उपलब्ध कराई जाय। उन्होंने कहा कि बैंको द्वारा उपलब्ध कराई गयी राहत की साप्ताहिक/पाक्षिक सूचना अवश्य उपलब्ध कराई जाय। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा के इस कठिन समय में प्रभावित क्षेत्रों के न केवल किसानों बल्कि इन क्षेत्रों में निवास कर रहे अन्य व्यक्तियों को भी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप सभी उपलब्ध सुविधाओं का लाभ पहुँचाया जाय ताकि प्रभावित जनता की तकलीफों को दूर करते हुए अधिक से अधिक लाभ पहुँचाया जा सके।
महानिदेशक संस्थागत वित्त श्री शिव सिंह यादव द्वारा संयोजक राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति एवं सभी बैंकों को निर्देश दिए हैं कि जनपदों में प्रभावित किसानों को बैंक चेक के माध्यम से उपलब्ध करायी जा रही राहत में किसी प्रकार का भी अवरोध न आने पायें। उन्होंने कहा कि सभी बैंक अपने बैंक शाखाओं को पर्याप्त संख्या में चेकबुक तुरन्त उपलब्ध करा दें। उन्होंने कहा कि बैंक आर0टी0जी0एस0 एवं एन0ई0एफ0टी0 का भी प्रयोग सुविधानुसार कर सकते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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