समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने आज यहां कहा है कि पं0 बंगाल में बुरी तरह पराजित होने के बाद भी वामपंथी खासकर श्री प्रकाश करात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। वहां उनका भविष्य अभी भी अंधेरे में है। इससे हताश और कुंठाग्रस्त होकर वे अनर्गल बयानबाजी पर उतर आए हैं। श्री मुलायम सिंह यादव के संबंध में उनका बयान दुर्भाग्यपूर्ण और निदंनीय है। इससे यह भी जाहिर होता है कि कथित वामपंथी दिशा भ्रम के शिकार हो गए हैं।
श्री मुलायम सिंह यादव के संघर्ष और त्याग से पूरा हिन्दुस्तान वाकिफ है। उन्होने हमेशा सिद्धांत की राजनीति की है। भले उनकी सरकार पर आंच आए वे अपनी नीति और वचन से कभी नहीं डिगे। बाबरी मस्जिद को बचाने में उन्होने अपनी सरकार दांव पर लगा दी थी। सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई लड़ने में वे हमेशा आगे रहे हैं। किसानों, गरीबों और वंचितों के लिए वही आगे बढ़कर संघर्ष करते रहे है। वे जमीनी नेता हैं और इसीलिए धरती पुत्र कहलाते हैं।
कैसी विडंबना है कि श्री मुलायम सिंह यादव पर आरोप लगानेवाले अपने गिरेबां में झांकने से किनारा किए हुए हैं। श्री मुलायम सिंह यादव डा0 लोहिया की यह बात दुहराते ही नहीं उसे आचरण में भी दिखाते हैं कि वायदा तोड़ना भ्रष्टाचार है। आज तक कभी उनका कट्टर विरोधी भी यह आरोप नहीं लगा सका है कि वे अपने कहे से कभी मुकरे हों। राजनीति में जो साख श्री मुलायम सिंह यादव ने बनाई उसके पीछे उनकी वैचारिक प्रतिबद्धता और सैद्धांतिक निष्ठा रही है।
माक्र्सवादी कम्युनिष्टों को यह याद दिलाने की जरूरत नहीं कि धोखा देना समाजवादियों ने कभी नहीं सीखा हां, कम्युनिष्ट राजनीति तो इसी आधार पर देश में पनपी है। जब पूरा देश गांधी जी के नेतृत्व में सन् 1942 में अपनी आजादी की लड़ाई लड़ रहा था तब कम्युनिष्टों की क्या भूमिका रही, यह वे नहीं भूलें। देश में जब आपातकाल लगा तो कम्युनिष्ट उसके समर्थन में थे जबकि श्री मुलामय सिंह यादव और अन्य समाजवादी लोकतंत्र और आजादी की रक्षा में इमर्जेसी के खिलाफ लड़ाई में शामिल रहे और उन्होने जेल यातनाएं भी सही।
श्री मुलायम सिंह यादव ने सच्चे देशभक्त की भूमिका निभाते हुए देशहित में जब किसी बात को उचित समझा तो उसका समर्थन किया। वे धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं। उन्हें कभी कोई बाहरी लालच या डर अपने उसूलों से नहीं डिगा पाया हैं। आज सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में श्री मुलायम ंिसंह यादव पर ही देश विश्वास करता है। लगता है वामपंथी विशेष तौर पर श्री प्रकाश करात कुण्ठा के शिकार हो गये हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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