समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने आज यहां कहा है कि कैसी विडंबना है कि उत्तर प्रदेश से भाजपा के 71 साॅसद निर्वाचित हैं। केन्द्र सरकार में दर्जनभर मंत्री उत्तर प्रदेश से हैं। प्रदेश में इन दिनों किसान संकट में है। बे मौसम बरसात से हजारों एकड़ फसल बर्बादी से किसान संकट में है। इन किसानों की मदद के लिए केन्द्र सरकार से अब तक भाजपा के किसी नेता ने एक अपील तक नहीं की है। अपने सीमित संसाधनों के बावजूद प्रदेश सरकार किसानों की मदद में बढ़कर हिस्सा ले रही है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव इस मामले में बहुत संवेदनशील है।
केन्द्र सराकार फौरी राहत के बजाय अभी तक फसलों की बरबादी का जायजा लेने के लिए टीम भेजकर रिपोर्ट मंगाने में ही समय बिता रही है। प्रदेश के 40 जनपदो के किसान बुरी तरह प्रभावित हैं। उनको राहत देने के लिए मुख्यमंत्री जी ने 1,067 करोड़ रूपए की मांग की है। मुख्यमंत्री जी ने कृषि फसलों के सापेक्ष भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानक से कम से कम तीन गुनी वृद्धि करने के साथ ही कृशि फसलों की 25 से 50 प्रतिशत तक की क्षति के लिए भी राहत दिए जाने की व्यवस्था की मांग की है। इस राशि को दिलाने के बजाय जब भाजपा नेता उल्टे प्रदेश सरकार की आलोचना करते हैं तो उन पर हंसी आती है और क्षोभ भी होता है। किसानों पर संकट के समय भी जो राजनीति की रोटी सेंकने में लगे हैं, उन्हें जनता बखूबी पहचानने लगी है।
जहाॅ तक उत्तर प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता का सवाल है अब तक 547 करोड़ रूपए आकस्मिक आहरण कर किसानों को मदद देने का काम कर सकते हैं। मुख्यमंत्री जी ने किसानों के सभी देयों की वसूली स्थगित कर दी है और अन्य मदो में वसूली में किसी भी प्रकार के उत्पीड़न की कार्यवाही में भी रोक लगा दी है। केन्द्रीय दैवीय आपदा राहत राशि से दो गुनी अधिक राशि राज्य सरकार अपने संसाधनों से किसानों को उपलब्ध करा रही है।
उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में कृषि और कृषि आधारित व्यवसायों का अंश लगभग 30 प्रतिशत है जबकि इस प्रदेश की लगभग 70 प्रतिशत आबादी इन व्यवसायों पर अजीविका के लिए निर्भर है। स्पष्ट है कि खेती और किसान को राहत पहुॅचाना हमारे आर्थिक विकास के लिए बहुत जरूरी है। श्री मुलायम सिंह यादव हमेशा इस बात पर जोर देते हैं कि किसान खुशहाल होगा तो प्रदेश और देश भी खुशहाल होगा।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव स्वयं कृषक परिवार से होने के नाते वर्तमान संकट के प्रति बहुत संवेदनशील हैं और उन्होने किसानों को राहत देने के लिए हरसम्भव कदम उठाए हैं। विपक्ष अपनी रचनात्मक भूमिका भूलकर इस संकट की घड़ी में भी राजनीतिक इस्तेमाल करने में लगा है, यह उसकी स्वार्थपरक राजनीति का प्रदर्शन है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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