उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति, श्री राम नाईक को प्रो0 मुन्ना सिंह, कुलपति, चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर के विरूद्ध शिक्षकों आदि की चयन/नियुक्ति के संबंध में प्राप्त शिकायतों पर गठित तीन सदस्यीय जाँच समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। समिति द्वारा प्रेषित जाँच रिपोर्ट पर विधिवत विचार करने के बाद राज्यपाल अपना निर्णय लेंगे।
ज्ञातव्य है कि राज्यपाल द्वारा कुलपति, चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर के विरूद्ध शिक्षकों आदि की चयन/नियुक्ति के संबंध में प्राप्त शिकायतों की प्रारम्भिक जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। प्रारम्भिक जांच के लिए गठित समिति में अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति श्री एस0के0 त्रिपाठी, उच्च न्यायालय इलाहाबाद को अध्यक्ष तथा डाॅ0 मिल्खा सिंह औलख, कुलपति, बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बांदा तथा डाॅ0 अख्तर हसीब, कुलपति, नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज फैजाबाद को समिति का सदस्य नामित किया गया था।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति द्वारा गत मासों में उक्त विश्वविद्यालयों के शिक्षकों आदि की नियुक्ति हेतु सम्पन्न की गयी चयन/नियुक्ति प्रक्रिया के विरूद्ध विश्वविद्यालय के लगभग 75 शिक्षकों, कतिपय सांसदों, भूतपूर्व मंत्री एवं अन्य व्यक्तियों से चयन एवं नियुक्ति प्रक्रिया में कुलपति द्वारा व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार व अनियमितता किये जाने की शिकायत प्राप्त हुई थी। राज्यपाल ने प्रारम्भिक जाँच हेतु समिति गठित करते हुये कुलपति को प्रश्नगत चयन/नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में अग्रिम आदेश तक आगे कार्यवाही करने से निषिद्ध कर दिया था।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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