उत्तर प्रदेश ड्राइं स्टाफ परिसंघ, टेक्निकल असिस्टेन्ट्स एसोसिएशन का स्मारिका विमोचन और महाधिवेशन सम्पन्न
उत्तर प्रदेश ड्राइं स्टाफ परिसंघ, टेक्निकल असिस्टेन्ट्स एसोसिएशन का स्मारिका विमोचन प्रदेश के महामहिम राज्यपाल श्री राम नाईक और विशिष्ठ अतिथि,प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग के.एस. अटोरिया, मोहन बाबू गुप्ता विशेष सचिव लोनिवि, विभागाध्यक्ष लोनिवि इं.ए.के.गुप्ता की उपस्थिति में और महाधिवेशन और कार्यशाला के मुख्य अतिथि प्रदेश के मंत्री अरविन्द कुमार सिंह ‘‘गोप’’,श्री अभिषेक मिश्रा और सदस्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड श्री राजेश यादव ‘राजू’ की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। स्मारिका ‘प्रावैधिक व्यू’ विमोचन के अवसर पर प्रदेश महामहिम राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि दुनिया के अन्य देशों की अपेक्षा भारत में सबसे ज्यादा युवा है। भारत के लोगों में अन्य देशों की अपेक्षा बौद्धिक क्षमता भी अधिक है। ड्राइंग एक ऐसी विद्या है जो पुरातन काल से चली आ रही है। जिस समय कागज नही थे तब भी ड्राइंग का कार्य होता था। शुन्य का अविष्कार करने वाले भारत में शुन्य के आगे बिन्दुओं की लाइन ही ड्रांइग कहलाई। मंगल गृह यात्रा से लेकर हवाई यात्रा, यातायात, सड़क, बाधों जैसे विकास कार्यो में ड्राइंग का अपना महत्व हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारी,अधिकारी और सरकार मिलकर काम करें तो प्रगति तय है। इसलिए सरकार के हर कर्मचारी का दायित्व है कि वह प्रदेश और अपने देश के विकास में अपनी भूमिका का समुचित निवर्हन करें। कार्यक्रम का संचालन राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पूर्व महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने किया।
महाधिवेशन और कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कबीना मंत्री अरविन्द सिंह गोप ने कहा कि आपके मांग पत्र में जो मांगे दी गई है। जायज है अतिशीघ्र मैं प्रयास करूगा कि आपके प्रतिनिधि मण्डल की माननीय मुख्यमंत्री से मुलाकात करा सके और मुझे आशा है कि एक माह में आपकी समस्याओं का निराकरण कर दिया जाएगा। जबकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य श्री राजेश यादव ‘राजू’ ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारी संवर्ग के प्रति संवेदनशील है सरकार का पूरा प्रयास समाज के हर वर्ग को उसके हक दिलाने के लिए जारी है, आपकी समस्याओं का शीघ्र निराकरण होगा। कार्यशाला का सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश ड्राइंग एसोसिएशन के महासचिव अमरजीत मिश्रा ने कहा कि ड्राइंग ही ऐसी विद्या है जिसकों जितना ज्यादा निखारा जाए उतना ही निर्माण कार्य बेहतर,गुणवत्ता युक्त एवं लम्बी समयावधि वाला होगा। अगर वाकई प्रशिक्षण के जरिये प्रतिवर्ष एक माह का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाए तो इसके बेहतर परिणाम सरकार और समाज को देखने को मिलेगें। जबकि टेक्निकल असिस्टेन्ट्स एसोसिएशन के महामंत्री शत्रघन प्रसाद नायक ने कहा कि इंजीनियरिंग संवर्ग से जुड़ा यह पेशा वाकई रोमांचित करने वाले परिणाम देता है, कार्यशाला के माध्यम से केवल हम केवल इतना कहना चाहेगें कि किसी भी नक्शें पर कितनी मेहनत की जाए कितनी बार की जाए इसका कोई पैमाना नही है लेकिन इतना तय है कि जितनी बार भी ड्राइंग पर कलम चलेगी उसमें निखार आने के साथ ही उसकी भूमिका बढ़ती ही जाएगी। बेहतर से बेहतर परिणाम लाने के लिए मेहनत ही मूल मंत्र हैं। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए आयोजक रामसुरेश सिंह ने कहा कि ड्राइंग/प्राविधिक संवर्ग को विशेष संवर्ग को विशेष प्रशिक्षण देकर और बेहतर बनाया जा सकता है। इससे कम कीमत में बेहतर निर्माण होगा। ड्राइंग संवर्ग के लिए ‘‘ अभियंत्रण एक विचारःड्राइंग उसका मूर्तरूप है’’ इस कार्यशाला का शीषर्क इसी आधार पर बनाया गया है। यह परिचर्चा हमारे संवर्ग के लिए मील का पत्थर साबित होगी। इस अवसर पर के.जी. श्रीवास्तव,जवाहर भवन इन्दिरा भवन कर्मचारी महासंघ के सतीश कुमार पाण्डेय, इंजीनियर्स महासंघ के आर.के. सोनी, डिप्लोमा संघ के इं. दिवाकर राय, रामराज दुबे, भारत सिंह यादव, त्रिलोक सिंह यादव, माताप्रसाद यादव, सुनील यादव, प्रमोद कर्नाटक, सुरेन्द्र वर्मा, संजय कुमार सिंह, उदय प्रकाश पाण्डेय, अजीत कुमार निगम, संजीव पाठक, उमाशंकर मिश्रा आदि कई संगठनों के कर्मचारी नेताओं ने सम्बोधित किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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