समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि जनाक्रोश की बदौलत सत्ता से बेदखल हुई बसपा अध्यक्ष की हताशा बढ़ती ही जा रही है। जिस दिन से समाजवादी पार्टी की सरकार बनी है, उन्हें प्रदेश में जंगल राज का भूत सताने लगा है और वे राष्ट्रपतिराज की गुहार लगाने से भी नहीं चूकती हैं। संविधान के प्राविधानों का न तो उन्हें ज्ञान है और नहीं वे उन्हें जानना चाहती हैं। इसलिए वे अनर्गल बयानबाजी करना ही अपनी बुद्धिमानी मानती है।
उत्तर प्रदेश में किसानों की तबाही पर बसपा अध्यक्ष का विलाप हास्यास्पद है क्योंकि अपने किसी भी मुख्यमंत्रित्वकाल में उन्होंने कभी किसानों, गरीबों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की सुध नहीं ली। उनका पूरा कार्यकाल शोषण, उत्पीड़न और लूट का रहा है। गन्ना किसानों को अपनी उपज तक जलानी पड़ गई थी। अगर किसान और आम जनता बिजली संकट से त्रस्त रहे हैं तो इसके लिए उनकी कार्यप्रणाली ही दोषी रही है क्योंकि उनके समय एक मेगावाट बिजली उत्पादित नहीं हुई।
सब जानते हैं कि बसपा राज में क्या होता था। खुद बसपा मुख्यमंत्री का बयान था कि उनकी पार्टी में 500 अपराधी हैं। उनके जन्मदिन पर जबरन चंदा वसूली में बसपा विधायकों द्वारा उत्पीड़न जान लेवा रहता था। बलात्कार और हत्या में कई बसपा विधायक और मंत्री जेल गये। थानों में बलात्कार और हत्याकर लाशें लटकाई गई।
जहाॅ तक बेमौसम की मार से परेशान किसानों का सवाल है, सब जानते हंै कि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने तत्काल राहत के लिए 200 करोड़ रूपए तो दिए ही जिलाधिकारियों को अलग से भी मदद में देर न करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री जी ने यह भी निर्देश दे रखा है कि अपराधियों की जगह जेल में होगी। कुछ सांप्रदायिक तत्वों ने समाजवादी पार्टी के शासनकाल में कई बार उपद्रवों की साजिश रची, लेकिन हर बार शासन की सख्ती से वे विफल रहे। यदि बसपा ने प्रदेश में अराजकता पैदा करने की कोशिश की तो उससे भी सख्ती से निबटा जाएगा। मुख्यमंत्री जी संकीर्ण बातों और कामों में विश्वास नहीं करते हैं, वे विकास की धारा को अविरल बहने का मौका देना चाहते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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