उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिए हैं कि जिन जिला अस्पतालों में यूपी हेल्थ सिस्टम स्ट्रैन्थनिंग प्रोजेक्ट अंतर्गत सफाई एवं बागवानी कार्य के अनुबंध किये गये हैं उनमें अनुबन्ध की शर्तो के अनुसार बेहतर सफाई व्यवस्था प्राथमिकता से सुनिश्चित कराया जाय तथा मरीजों से भी सफाई व्यवस्था के बारे में फीडबैक अवश्य लिया जाय। उन्होंने कहा कि लोगोें की सुविधा के लिए अस्पताल परिसर में सफाई संबंधित संकेतक भी लगाये जाय। उन्होंने कहा कि परियोजना द्वारा जिला अस्पतालों में दवाइयों की खरीद और इनवेन्ट्री कंट्रोल को जिला स्तर तक कम्प्यूटरीकृत करके दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित कराया जाय। उन्होंने कहा कि अस्पतालों की सेवाओं में गुणवत्ता सुधार करने हेतु जिला स्तरीय 40 अस्पतालों में एन.ए.बी.एच. मानकों के अनुरूप मानव संसाधन एवं उपकरण भी उपलब्ध कराया जाय। उन्होंने यह भी कहा कि अन्य जिला अस्पतालों में भी गुणवत्ता सुधार हेतु कार्यक्रम चलाया जाय जिसके लिए मानव संसाधन एवं उपकरण की कमी की सूची के अनुरूप तत्परता से कार्यवाही किया जाय।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में प्रोजेक्ट गवर्निंग बोर्ड यूपी हेल्थ सिस्टम स्ट्रैन्थनिंग प्रोजेक्ट की पांचवी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में बायोमेडिकल वेस्ट और कूड़ा प्रबंधन एक व्यापक समस्या है, इसके लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बायोमेडिकल वेस्ट और कूड़ा प्रबंधन कार्य हेतु राज्य एवं जिला स्तर पर संबंधित कर्मियों को ‘‘राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान’’ द्वारा प्रशिक्षित कराते हुए जिला अस्पतालों में कूड़े का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित कराया जाय। उन्होंने कहा कि पं0 दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम विकास संस्थान द्वारा चयनित प्रदेश के 12 जनपदों के 51 ब्लाकों में सोशल एकाउन्टबिलटी इन्टरवेन्शन के अंतर्गत 24000 ग्राम स्वास्थ्य सफाई एवं पोषण समिति के सदस्यों को प्रशिक्षित कराया जाय ताकि वे लोगो में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता एवं उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओ की जानकारी अधिक से अधिक दे सकें।
श्री रंजन ने निर्देश दिये कि अस्पतालों में डायलिसिस एवं उच्च स्तरीय पैथोलोजिकल जाॅचों की सुविधा उपलब्ध कराने का कार्य अविलम्ब प्रारम्भ कराया जाय ताकि आम जनता को इसके लिए बाहर न जाना पड़े उनके चिकित्सीय कार्य अधिक से अधिक सरकारी अस्पतालों में ही हो सके। उन्होंने कहा कि इन्टरनेशनल फाइनेन्स काॅरपोरेशन के साथ एमओयू तत्काल कर लिया जाय ताकि स्वास्थ्य विभाग को पीपीपी माडल पर सेवायें लेने के लिए आईएफसी से सलाहकार के रूप में कार्य लेकर प्रदेश को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें प्रदान कराया जा सके।
बैठक में प्रमुख सचिव वाह्य सहायतित परियोजना महेश कुमार गुप्ता, मिशन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक श्री अमित घोष एवं परियोजना निदेशक यूपी हेल्थ सिस्टम स्टैन्थनिंग प्रोजेक्ट, श्री आलोक कुमार, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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