उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिए हैं कि त्वरित आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय आपदा मोचक दल के पैटर्न पर राज्य आपदा मोचक दल का गठन कराये जाने हेतु भारत सरकार से नियमित रूप से अनुरोध किया जाय। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के भवन निर्माण के साथ ही समय-समय पर होने वाले प्रशिक्षण में जनपदों से प्रतिभाग करने वाले अधिकारियों को ठहरने एवं हास्टल आदि की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए अपेक्षित भूमि आवंटित कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराया जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि प्रदेश में भारत सरकार-यूएनडीपी सहायतित आपदा जोखिम प्रबंध परियोजना के अंतर्गत 13 जनपदों- बदायूॅ, बस्ती, बहराईच, बलरामपुर, गोण्डा, गोरखपुर, गाजीपुर, सिद्वार्थनगर, देवरिया, सीतापुर, रामपुर, बिजनौर एवं सहारनपुर में इमरजेन्सी आपरेशन सेन्टर भवन का निर्माण हो जाने के फलस्वरूप अवशेष 17 जनपदों, संतकबीरनगर, श्रावस्ती, फैजाबाद, पीलीभीत, मुजफ्फरनगर, मेरठ, संभल, शामली, कानपुर नगर, सुल्तानपुर, झांसी एवं चित्रकूट में कलेक्ट्रेट परिसर में ही संबंधित जिलाधिकारी आवयश्क जमीन चिन्हित कर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कार्यालय एवं इमरजेन्सी आपरेशन सेन्टर भवन निर्मित कराये जाने हेतु अग्रिम कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित करायें।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की सहायता के लिए गठित राज्य कार्यकारिणी समिति बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यों को सुचारू रूप से संचालन हेतु प्रतिनियुक्ति के आधार पर अनुभवी एवं पात्रतायुक्त अधिकारी न मिलने की स्थिति में संविदा के आधार पर आवश्यकतानुसार अधिकारी एवं कर्मचारी रखने हेतु नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराया जाय।
श्री रंजन ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भारत सरकार से प्राप्त सहमति एवं निर्देशों के अनुपालन में जनपद बुलन्दशहर(नरौरा) एवं राज्य स्तर पर लखनऊ में इमरजेन्सी आपरेटिंग सेन्टर स्थापित कराये जाने हेतु प्राथमिकता से आवश्यक कार्यवाही समय से सुनिश्चित करायी जाय। उन्होंने कहा कि प्रदेश में समय-समय पर घटित आपदाओं के संबंध में समय से आवश्यक तैयारियां एवं सूचनाएं आदि आदान-प्रदान तथा राहत के संबंध में तत्काल दिशा निर्देश निर्गत कराने हेतु शासन स्तर पर नवीनतम संचार एवं तकनिकी युक्त मानिटरिंग सिस्टम की व्यवस्था तत्काल करायी जाय। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित मानिटरिंग सिस्टम को राहत आयुक्त कार्यालय में यूपीडेस्को द्वारा स्थापित कराया जाना तथा जनपदों को इस सिस्टम से कनेक्ट किये जाने हेतु एक करोड़ रूपये की धनराशि प्रथम वर्ष में व्यय करने की अनुमति प्रदान की जाती है।
बैठक में प्रमुख सचिव नियोजन श्री देवेश चतुर्वेदी, राहत आयुक्त श्रीमती लीना जौहरी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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