आज दिनांक 28.03.2015 को वी0एस0एन0बी0 पी0जी0 कालेज में उत्तर औपनिवेशिक भारत में सांस्कृतिक एवं लैंगिक प्रश्नः अभिव्यक्ति तथा विवेचन विषय पर दो दिवसीय यू0जी0सी0 प्रायोजित राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एस0वी0 निमसे ने किया। अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो0 शोभा बाजपेयी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथि का परिचय कराया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रो0 निमसे ने कहा कि स्वतंत्रता के उपरान्त भारत में सांस्कृतिक एवं लैंगिक विकास काफी हुआ है जिसका श्रेय हमारी वालीवुड तथा भारतीय रेल को किसी हद तक जाता है। वी0एस0एन0बी0 इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष श्री टी0एन0 मिश्र ने चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपनी पुरानी संस्कृति को छोड़ते जा रहे हैं तथा पाश्चात्य संस्कृति को बिना सोचे-बिचारे अपना रहे हैं साथ ही उन्होने यह तो माना कि भारत में लैंगिक विकास तो हुआ है परन्तु लैंगिक असमानता अभी भी समाज को दीमक की तरह खाए जा रही है। इस अवसर पर प्रो0 सबीना एस0ओमर, प्रो0 निशी पाण्डेय, प्रो0 सत्यार्थ त्रिपाठी, प्रो0 उपाध्याय ने भी उत्तर औपनिवेशिक भारत में सांस्कृतिक एवं लैंगिक विकास एवं कमियां विषय पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। कालेज के प्राचार्य डा0 सुधीश चन्द्र ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया तथा आशा की कि इस सेमिनार से बहुत सी ऐसी बातें निकल कर आएंगी जिससे समाज एवं देश का हित होगा। इस अवसर पर मुख्य रूप से डा0 संजीव शुक्ल, डा0 बीना पी. स्वामी, डा0 के0के0 बाजपेयी, डा0 शशिकान्त शुक्ल श्रीमती सजनी मिश्र, डा0 मनोज पाण्डेय, डा0 अंशू केडिया, डा0 जी0सी0 मिश्र, डा0 ओ0पी0बी0 शुक्ल, डा0 सी0एल0 बाजपेयी, डा0 संजय शुक्ल, डा0 जे0पी0 सिंह, डा0 राजीव दीक्षित, डा0 डी0के0 राय, डा0 सी0एम0 शर्मा, डा0 मोहनलाल मौर्या, डा0 मधू भाटिया, डा0 अपर्णा टण्डन सहित अनेक शिक्षक, छात्र-छात्राएं एवं शोध पत्र पढ़ने वाले विद्वान उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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