जिलाधिकारी पंकज कुमार ने बताया है कि प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई नई नीति के अनुसार गैर सहायतित मान्यता प्राप्त विद्यालयों में निर्धारित श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले गरीब परिवारों के बच्चों को जनपद में स्थापित/संचालित कान्वेन्ट स्कूलों में कुल संख्या के 25 प्रतिशत बच्चों का प्रवेश कराना अनिवार्य होगा।
उन्होंने बताया कि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 में प्राविधानित व्यवस्था के अनुसार अपवंचित समूह के अन्तर्गत अलाभित समूह की श्रेणी में अनुसूचित जाति/जनजाति, सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग तथा निःशक्त बच्चे एवं एचआईवी अथवा कैंसर पीडि़त माता-पिता अथवा अभिभावक का बच्चा या निराश्रित बेघर बच्चा तथा कमजोर वर्ग के अन्तर्गत दुर्बल वर्ग की श्रेणी में जिसके माता-पिता या संरक्षक गरीबी रेखा के नीचे, विकलांग, वृद्वावस्था, विधवा पेंशन प्राप्त करते हैं या जिनकी अधिकतम वार्षिक आय 01 लाख रू0 तक हो। उन्होंने बताया कि निर्धारित श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले कक्षा 01 से 08 तक के छात्र-छात्राओं के आवेदन पत्र जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त कर अंतिम तिथि 16 अप्रैल 2015 तक जमा किये जायेंगे।
विद्यालय में लिये जाने वाले शुल्क की प्रतिपूर्ति विद्यालय को शासनादेश की शर्तों के अनुसार राज्य सरकार द्वारा की जायेगी। वार्ड में एक से अधिक मान्यता प्राप्त विद्यालय उपलब्ध होने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रवेश हेतु विद्यालय आवंटित किया जायेगा। इसमें यह भी ध्यान रखा जायेगा कि बच्चे को यथा संभव निवास के निकटतम विद्यालय में प्रवेश दिलाया जाये।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओमकार सिंह ने बताया है कि जो पात्र अभिभावक अपने बच्चों का कान्वेंट स्कूलों में दाखिला कराना चाहते है, उसकी विस्तृत जानकारी किसी भी कार्यदिवस में उनके कार्यालय से सम्पर्क कर प्राप्त की सकती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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