राज्य सरकार ने कोषागारों से देयकों के भुगतान की व्यवस्था को फूलप्रूफ बना दिया है। इसके लिए कोषागारों का कम्प्यूटरीकरण करने के साथ ही इलेक्ट्राॅनिक व्यवस्था से लैस किया गया है। इलेक्ट्राॅनिक संचालित इस व्यवस्था के तहत अब किसी भी दशा में 31 मार्च को सायं 8 बजे के बाद देयक का भुगतान कराया जाना सम्भव नहीं है।
यह जानकारी देते हुए आज यहां राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कोषागारों में अब पूरी तरह से ई-पेमेन्ट व्यवस्था लागू है और देयकों का भुगतान कोषागारों पर परीक्षणोपरान्त सही पाए जाने पर इण्टरनेट/नेफ्ट के माध्यम से सीधे बैंकों द्वारा सम्बन्धित के खाते में कराया जाता है। भौतिक रूप से चेक निर्गमन की व्यवस्था अब पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है।
प्रवक्ता ने कहा कि कोषागारों में अब ई-पेमेन्ट, सेण्ट्रल सर्वर, ई-रिसीट, आई0पी0ए0ओ0, ई-पेंशन, आॅनलाइन बजट आवंटन, ई-स्टैम्पिंग, आॅनलाइन वेतन पर्ची, आॅनलाइन देयक प्रस्तुतिकरण, वेतन और पेंशन का आॅनलाइन भुगतान जैसी सुविधाएं लागू हैं। उन्होंने बताया कि सेण्ट्रल सर्वर के माध्यम से एक ऐसी व्यवस्था भी लागू की जा रही है, जिससे भुगतान कराए जाने वाले देयकों का सम्पूर्ण विवरण एक स्थान पर रहेगा। राजकीय व्यवस्था की विभिन्न संस्थाएं, जिसका उपयोग आवश्यकतानुसार कर सकंेगी।
प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई ई-पेंशन सुविधा से सेवानिवृत्त होने वाले राजकीय कर्मचारियों और पेंशनरों को बहुत सुविधा हो रही है। इसी प्रकार ई-रिसीट और ई-स्टैम्पिंग सुविधाओं से प्रदेशवासियों को राजकीय लेन-देन में होने वाले विलम्ब से छुटकारा मिला है और प्रमाणकों का प्रमाणन भी आसान हो गया है। उन्होंने बताया कि एकीकृत भुगतान एवं लेखा कार्यालय (आई0पी0ए0ओ0) सुविधा के लागू किए जाने से राजकीय कर्मचारियों को बिना किसी गलत, फर्जी या त्रुटिपूर्ण भुगतान की आशंका के समय से वेतन आदि का भुगतान सम्भव हो पा रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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