वित्तमंत्री द्वारा पेश किया गया बजट आमजनमानस के गले नहीं उतर रहा है। विपक्षी दलों द्वारा बजट पर जो प्रतिक्रिया दी गई थी। उसका जवाब प्रधानमंत्री ने दोनों सदनों में दिया परन्तु विपक्षी दलों को जवाब का अवसर न देकर लोकतंत्रात्मक मूल्यों का हनन किया है। बजट के जिन बिन्दुओं को गरीबों के हक में बताया गया है वह जनता के साथ छलांवा है।
जनता दल यूनाईटेड के अध्यक्ष ओमप्रकाश उपाध्याय की अध्यक्षता में जिला कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई जिसमें मोदी के जवाब को सर्व सम्मत से खारिज किया गया। अध्यक्ष ओमप्रकाश उपाध्याय ने बताया कि भाजपा नीत सरकार जहां किसानों को गुमराह कर रही है वहीं पर भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के द्वारा पूंजीपतियों को भूमि देकर उन्हें उपकृत करने का प्रयास कर रही है। खाद्य सुरक्षा कानून में संशोधन का प्रयास हो रहा है, यदि सरकार इसमें सफल हो जाती है तो गरीबों के मुॅह से निवाला भी छिन जाएगा। तत्कालीन सरकार को काला धन के लिए दोष देना उचित नहीं है वर्तमान मोदी सरकार ने चुनावी भाषण में कहा था कि सरकार बनने के 100 दिन बाद रूपया 15 लाख देश के प्रत्येक नागरिक के खाते में जमा हो जायेगा। यह वादा तत्कालीन सरकार का नहीं रहा। डाॅ. रामनाथ मिश्र महासचिव जदयू ने कहा कि सरकार गरीबों के लिए दो लाख बीमा की व्यवस्था करके उनकी गरीबी को दूर करने का प्रयास किया है। सरकार की दीर्घकालिक योजना से तत्काल गरीबों को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है। कहावत है ‘‘भूखा तब पतियात जब दो कौर भीतर जाए’’ बीमी की रकम दुर्घटना मृत्यु अथवा स्वाभाविक मृत्यु पर परिवार के सद्स्यों को मिलेगी। जनधन योजना के खाते में गरीब परिवार के खाता धारक रूपया नहीं जमा कर रहे है वह केवल रूपया 5000/-ओवर ड्राफ्ट की प्रतीक्षा में है। इस प्रतीक्षा में जनधन खाता धारक का खाता स्वतः बैंक छः माह बाद बन्द कर देगा। जिन खातों में नियमित जमा और निकासी हो रही है उनकों ही इसका लाभ मिलेगा। सेवा कर में 10 प्रतिशत बृद्धि की गई है इससे भी बाजार मूल्य प्रभावित होगा। 10 प्रतिशत माल भाड़ा बृद्धि का भी प्रभाव माल ढुलाई पर पड़ेगा। इन सबका प्रभाव बाजार मूल्य पर पड़ेगा। वहीं पर बजट में कर्मचारियों को कोई राहत न देकर केवल बचत का पाठ पढ़ाया गया है। कर्मचारी बचत तभी करेगा। जब बाजार मूल्य से वह प्रभावित नहीं होगा, हकीकत यह है कि यह बजट कुल मिलाकर केवल कारपोरेट जगत को खुश करने के लिए है। उपाध्यक्ष प्रमोद सिंह, महेश तिवारी ने मोदी को झूठ बोलने वाला नेता बताया। जिस तरह से चुनाव में वादों की झड़ी लगाकर सत्ता में आये थे, उनकी बातों से जनता अपने आय को ठगा हुआ महसूस कर रही है। बैठक में मो. सगीर, अजय मिश्र, भीम कुमार, लाल जी, प्रमोद कोरी, रामलौट आदि प्रमुख रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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