Categorized | लखनऊ.

बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने संसद में आज पेश प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के पहले पूर्ण बजट को ’’अव्यवहारिक व काफी निराशाजनक’’ बताते हुये कहा

Posted on 02 March 2015 by admin

बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने संसद में आज पेश प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के पहले पूर्ण बजट को ’’अव्यवहारिक व काफी निराशाजनक’’ बताते हुये कहा कि यह बजट देश के करोड़ों युवाओं, किसानों, मज़दूरों, खेतिहर मजदूरों, ग़रीबों, निम्न व मध्यम आय वर्ग के लोगों के साथ-साथ ग्रामीण भारत को खासकर बहुत मायूस करने वाला है अर्थात् यह बजट देश की वास्तविक ज़रूरत की घोर अनदेखी करने वाला कुछ मुट्ठी भर अमीरों के हित में ग़रीब-विरोधी बजट है।
सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ जारी एक बयान में कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार की दशा और दिशा दोनों ही ग़लत और ज़मीनी हक़ीक़त को संवारने के बजाये उसे बिगाड़ने वाला ही है। भारत आज युवाओं का देश है, परन्तु उसे रोज़गार देकर उसकी बेरोज़गारी दूर करने के बजाये उसे अपने बुढ़ापे की पेंशन के लिये अभी से निवेश करने को कहा जा रहा है। इसी प्रकार निम्न व मध्यम आय वर्ग के लोगों को मँहगाई की मार से छुटकारा का उपाय करके उसे थोड़ी राहत देने के बजाये उसे स्वास्थ्य व जीवन बीमा एवं पेंशन योजना में हर माह पैसे ख़र्च करने को बाध्य किया जा रहा है, ताकि बीमा क्षेत्र में विदेशी कम्पनियाँ आकर्षित हो सकें।
कुल मिलाकर सर्वसमाज व समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों को मंहगाई, बेरोज़गारी व आत्म-सम्मान की कमी से पीडि़त देश के आमजनता की वर्तमान समस्याओं का तत्काल निदान व राहत देने के बजाये, उसे वर्षों बाद बुढ़ापे में पेंशन लाभ देने का आश्वासन दिया जा रहा है और इस प्रकार से अपनी पीठ आप थपथपाने की कोशिश की जा रही है।
भारत एक ग़रीब व विशाल समस्याओं वाला देश है और इसे दूर करने के लिये जिस स्वच्छ नीयत व नीति एवं दृढ़ इच्छाशक्ति की ज़रूरत देशभर में हर तरफ महसूस की जा रही थी और कांग्रेस पार्टी से कुछ अलग करने की लोगों को उम्मीद थी, उस लिहाज से श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार का यह पहला वर्ष 2015-16 का बजट ’’अव्यवहारिक व काफी निराशाजनक’’ है। वास्तव में फीलगुड का वातावरण देश के लोग तभी महसूस करेंगे जब लोगों के पास रोज़ी-रोटी का सही इंतज़ाम होगा, किसान आत्महत्या करने को मजबूर नहीं होंगे, महिलायें साक्षर व सुरक्षित होंगी, युवक रोज़गार के अभाव में अपराध की ओर नहीं जायेंगे, लोगों को उनकी दिन-प्रतिदिन की ज़रूरत सुगमतापूर्वक बिना भ्रष्टाचार सहे पूरी हो सकेंगी, किन्तु इस बजट में ऐसा कुछ भी नहीं है फिर भी यह श्री नरेन्द्र मोदी सरकार अपने भाषण पर स्वयं ही मेज़ थपथपाना जानती है, जो कि जनता को अच्छी लगने वाली बात नहीं है।
इसके अलावा, आमजनता को राशन का सामान, दवा, पानी, रसोई गैस आदि ग़रीब व असंगठित क्षेत्र के करोड़ों लोगों के ज़रूरत की लगभग हर चीज़ को आधार कार्ड, जनधन बैंक खाता व अन्य टेक्नालाॅजी से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे ग़रीबों की ग़रीबी तो नहीं घटेगी, परन्तु काग़ज़ पर देश के ग़रीब ज़रूर काफी ज्यादा संख्या में घट जायेंगे और फिर श्री नरेन्द्र मोदी सरकार इस मामले में भी अपनी पीठ आप थपथपायेगी, इसी में वह अपनी शान समझती है। साथ ही, जी.एस.टी. की नई कर-प्रणाली को लागू करने पर विशेष बल दिया गया है, जिससे विशुद्ध तौर पर बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को ही लाभ होगा, जबकि यह नई कर व्यवस्था अपने देश के अपार असंगठित क्षेत्र की ज़रूरतों को बिल्कुल भी पूरा नहीं करता है।
कुल मिलाकर श्री नरेन्द्र मोदी सरकार का पहला आम बजट भी उन करोड़ों देशवासियों को मायूस व निराश करने वाला है जो इस सरकार द्वारा दिखाये गये अनेकों हसीन सपनों के झांसे में आकर अपने-अपने ’’अच्छे दिन’’ की भी उम्मीद लगाये बैठे थे। श्री नरेन्द्र मोदी सरकार अभी भी लोगों को कल के हसीन सपने दिखाकर उन्हें वरग़लाने में लगी हुई है, जबकि वास्तविकताओं का सामना करने के लिये लोगों की आशा के अनुरूप फैसले लेकर उनके आज के भले के लिये काम करने की सख़्त ज़रूरत है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in