संसद में आज पेश की गई आर्थिक समीक्षा 2014.15 में इस बात की सिफारिश की गई है कि रेलवे में अधिक सार्वजनिक निवेश से भारतीय उत्पादन की कुल वृद्धि और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा। सक्षम रेल नेटवर्क में सार्वजनिक निवेश से उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा और इसका प्रभाव स्थायी होगा। समीक्षा में कहा गया है कि जिस तरह पिछली एनडीए सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की पहल के माध्यम से भारतीय सड़कमार्ग क्षेत्र का कायापलट किया थाए उसी तरह फिलहाल रेलमार्ग के समर्पित माल भाड़ा यातायात गलियारों ;डीएफसीद्ध में निवेश के मजबूत त्वरित कार्यक्रम की आवश्यकता है। जिन्हें संबद्ध औद्योगिक गलियारों के साथ स्वर्णिम चतुर्भुत के समानांतर बनाया जा सके। इस तरह की पहल से श्मेक इन इंडियाश् को वास्तविक रूप देने के साथ.साथ भारतीय विनिर्माण उद्योग की कायापलट हो जाएगी। माल भाड़ा यातायात को अलग करने के बाद यात्री रेलगाड़ियों को थोड़े से निवेश से ही काफी तीव्र बनाया जा सकता है।
मौजूदा सरकार उपेक्षित रेल क्षेत्र के लिए वह काम कर रही है जो पिछली एनडीए सरकार ने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में ग्रामीण सड़कों के लिए किया था।
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि रेलवे ष्राष्ट्र की जीवनरेखाष् है जो 19000 से अधिक रेलों का प्रचालन करती है। प्रतिदिन 23 मिलियन यात्रियों और 3 मिलियन टन से ज्यादा माल ढुलाई करती है। इससे 13 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है।
समीक्षा में इस बात के संकेत दिए गए हैं कि पिछली योजना में रेलवे को कम संसाधन दिए गए। कुल योजना परिव्यय में रेल का हिस्सा वर्तमान में अन्य परिवहन क्षेत्रों के लगभग 11 प्रतिशत के मुकाबले केवल 5ण्5 प्रतिशत है और समग्र विकास में इसका हिस्सा विगत दशक में 2 प्रतिशत से कम रहा है। चीन में इसी अवधि के दौरान इससे 11 गुना अधिक निवेश हुआ। भारतीय रेल में कम निवेश से भीड़.भाड़ए सीमित क्षमताए खराब सेवाओं तथा कमजोर वित्तिय हालत का पता चलता है।
लंबे समय की जरूरत के मुताबिक रेलवे को व्यापारिक रूप से व्यवहारिक होने की जरूरत है। लंबे समय में रेलवे के लिए सार्वजनिक सहायता इन तक सीमित होनी चाहिए। ;1द्ध निगमीकृत रेलवे द्वारा निवेश के लिए इक्विटी सहायता और ;2द्ध सार्वभौमिक सेवा दायित्व का वित्त पोषण। अंतरिम रूप से रेलवे की सरकारी सहायता की गुंजाइश हैए आम बजट के द्वारा सहायता को मिलाकर।
हालांकिए अर्थिक समीक्षा 2014.15 में कहा गया है कि लोक समर्थन को स्पष्ट रूप से महत्वपूर्ण सुधारों जैसे की रेलवे की संरचनाए उनके द्वारा व्यापारिक कार्यों को अपनाया जानाए ट्रैफिक नीतियों को युक्तिसंगत बनाया जाना और तकनीकी का पुनरोद्धार करनाए के साथ जो़ड़ा जाना चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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