मनमाना मूल्यांकन तथा सीटें न भरे जाने के बिरोध में राज्यपाल को ज्ञापन
- दीवानी कचहरी बार एसोसिएसन के अघ्यक्ष ने एस डी एम के जरिए भेजा ज्ञापन
-एस सी, एस टी व अ¨ बी सी अभ्यर्थिय¨ंे की नियुक्ति क¢ मार्ग में अवर¨धक है म©खिक परीक्षा में न्यूनतम मार्क की बाध्यता , शम्भू यादव
-यू पी एच जे एस परीक्षा 2014 का विज्ञापन निरस्त करने की मांग
फरेन्दा , महराजगंज।
सिविलक¨र्ट बार एस¨सिएसन फरेन्दा क¢ रामसहाय गुप्ता व मंत्री रवीन्द्रनाथ उपाध्याय ने दर्जनों अधिवक्ताओं के साथ उच्चतर न्यायिक सेवा मूख्य परीक्षा 2014 में मनमाने मूल्यांकन तथा सभी सीटों के भरे जाने के बिरोध मे प्रदेश के राज्यपाल को उप जिलजाधिकारी फरेन्दा के माध्यम से ज्ञापन भेज कर अभ्यर्थियों मको न्याय दिलाने की मांग किया है।
ज्ञापन के माध्यम से महामहिम राज्यपाल का ध्यान आकृष्ट करते हुए कि प्रारम्भिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार में न्यूनतम कट आफ मार्क रखा जाना उचित नहीं है। इस व्यवस्था के कारण भारी संख्या में अनुसूचित जाति , अनुसूचित जन जाति तथा पिछड़े बर्ग के अभ्यर्थी पूरी मेहनत करने के बाद भी उच्च न्यायिक सेवा में सफलता हासिल नहीं कर पा रहे हैं। 2014 की उच्चतर न्यायिक रेवा परीक्षा 2014 में अभ्यर्थी रह चुके श्रीपति प्रसाद , संग्राम , शम्भू यादव , सुनील आदि का कहना है कि इस वर्ष 82 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी लेकिन केवल 41 पद ही भरे गए। इसके अलावा यह केवल संयोग नहीं हो सकता कि सामान्य वर्ग में 41 पदों के सापेक्ष केवल 41 , अन्य पिछड़ा वर्ग में 22 पदों के सापेक्ष केवल 5 तथा अनुसूचित वर्ग से कोई भी अभ्यर्थी सफल न हो।
ं उल्लेखनीय है कि दीवानी कचहरी बार एसोसिएसन के सदस्य रह चुक¢ अ©र वर्तमान में उच्च न्यायालय इलाहाबाद में व्यवसायरत अधिवक्ता राजेश यादव व अधिवक्ता श्रीपति प्रसाद ने भी इससके पूर्व यू पी एच जे एस सीधी भर्ती परीक्षा 2014 क¢ विज्ञापन में लिखित परीक्षा क¢ लिए 45 प्रतिशत तथा म©खिक परीक्षा 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करने की बाध्यता क¨ एस सी , एस टी व अ¨ बी सी अभ्यर्थिय¨ं की नियुक्ति क¢ मार्ग में अवर¨धक तथा असम्वैधानिक बताते हुए महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश क¨ प्रतिवेदन देकर उक्त विज्ञापन क¨ निरस्त करने तथा उच्चतर न्यायिक सेवा में एस सी , एस टी व अ¨ बी सी अभ्यर्थिय¨ं की नियुक्ति की सम्भाव्यता क¨ सुनिश्चित करने क¢ लिए समुचित व्यवस्था करने की मांग किया था।
उनका का कहना था कि यू पी एच जे एस रूल 1975 की रूल 18 क¢वल लिखित परीक्षा में न्यूनतम अंक प्राप्त करने की बाध्यता का उल्लेख करता है अ©र म©खिक परीक्षा में न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करनें की बाध्यता न क¢वल यू पी एच जे एस रूल क¢ खिलाफ है वल्कि असम्वैधानिक भी है। ज्ञापन
दाताओं का कहना है कि न्यूनतम अंक प्राप्त करने की बाध्यता एस सी , एस टी व ओ बी सी अभ्यर्थिय¨ं क¢ लिए उत्तर प्रदेश उच्चतर न्यायिक सेवा में नियुक्ति पाने क¢ मार्ग में एक अवर¨धक साबित ह¨ रहा है अ©र उन्ह¨ंने महामहिम राज्यपाल से यू पी एच जे एस परीक्षा 2014 के अभ्यकिर्थयों को न्याय दिलाने के लिए सम्यक कार्यवाही करने की कृपा करें।
अध्यक्ष श्री गुप्ता ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर अधिवक्ता आगामी 28 फरवरील से अनिश्चित कालीन बहिसकार करेंगे। इस अवसर पर अध्यक्ष रामसहाय गुप्ता , मंत्री रवीन्द्रनाथ उपाध्याय , ओ पी पाण्डेय , डी एन चतुर्वेदी , राजेश यादव , उमाकान्त यादव , शम्भू प्रसाद , विनय श्रीवास्तव , अनिल कुमार आदि लोग मौजूद रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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