भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि आजम खां अपने बयानबाजी पर भी लगाम लगाये। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था में सुधार हो, यदि राज्यपाल इस बात को कहते है तो आजम खां को क्या परेशानी है ? क्या वो ये नहीं चाहते कि राज्य की कानून व्यवस्था और ठीक हो या वे यह महसूस करते है कि राज्य में कानून व्यवस्था ठीक किये जाने की आवश्यकता नहीं है।
मंगलवार को राज्य मुख्यालय पर आजम खां द्वारा राष्ट्रपति से राज्यपाल के बयानों को संज्ञान में लिये जाने की खबरो पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि बेहतर होता आजम खां अपने बयानो के बारे भी विचार करते जिसमें उन्होंने सम्बोधन करते हए भारत माँ को डायन तक कहा, माँ-बहनों पर ओक्षी टिप्पणी करते हुए…..चेक करा लेने की सलाह देते हुए नजर आये। कानून व्यवस्था के मोर्चे पर फेल होती अखिलेश सरकार के पक्ष में कुतर्क गढ़ते आजम ने तो यहां तक कहा कि उन्नाव में जो शव पाये गये थे उसे साक्षी महाराज ने ट्रकों से लाकर प्रवाहित कर दिये। कारगिल फतह को मुसलमानों द्वारा फतह बता सेना में धर्म के आधार पर विभाजन की रेखा खिंचने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि जौहर विश्वविद्यालय को दी गयी भूमि के बारे में जानकारी करने के राज्यपाल महोदय के विचार को सार्वजनिक रूप से चेतावनी जारी करने में जुटे आजम खां घबराहट में क्यो है ? आजम खां जिस विभाग के मंत्री है उसी विभाग की जमीन महज 1 रूपये लीजरेंट पर जौहर विश्वविद्यालय को किन परिस्थितियों में दी गयी, इसकी जानकारी तो आमजन भी जानना चाहेगा। फिर अगर अपनी ही सरकार के किसी फैसले के बारे में समाज में अलग-अलग तरह के विचार आ रहे हो तो राज्यपाल द्वारा जानकारी तो किया ही जाना चाहिए।
श्री पाठक ने कहा राजनैतिक ऐजेण्डे और निहित स्वार्थो में संलिप्त आजम खां लगातार राज्यपाल के संवैधानिक पद पर टिप्पणियां करते रहे है। चाहे वे टी. राजेश्वर राव हो अथवा बी.एल. जोशी समय-समय पर राज्यपाल निशाने पर रहे है। वर्तमान राज्यपाल श्री रामनाईक पर भी हमला उसी ऐजेण्डे की कड़ी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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