अवैध शराब कारोबारियों से आबकारी विभाग के नातों की चर्चा हमेशा सुर्खियों में रहा है। पुलिस द्वारा अवैध शराब का खुलासा कर आबकारी विभाग पर सवाल के घेरे में घिर चुका है। अवैध नशीले पदार्थो के रोक थाम के लिए बना यह विभाग सक्रिय होने के बजाय निष्क्रिय साबित होता नजर आ रहा है। सवाल यह उठता है कि अगर आबकारी विभाग की पैनी नजर इन अवैध शराब के आकाओं पर टिकी रहती तो शायद जिले में आये दिन अवैध शराब का जखीरा न पकड़ा जाता। मालूम हो कि तत्कालीन आबकारी अधिकारी के कार्यकाल में गभडि़या के एक लाइसेंसी देशी शराब की दुकान पर अवैध शराब बरामद हुई थी। जिसमें विभाग अपने आपको को फंसते देख दुकान को सीज तो कर दिया था परन्तु खुलासे के नाम पर 40-50 सीसी देशी शराब ही दिखाई गई थी, और दुकान का लाइसेंस विभाग ने दिखाने के नाम पर तो निरस्त कर दिया था लेकिन उसी दुकानदार को दूसरे के नाम से दुकान का आवंटन कर दिया गया। यहीं नहीं अवैध शराब का कारोबार इस जिले में काफी लम्बे अर्से से चला आ रहा है, तभी तो कलेक्ट्रेट के सामने चार पहिया वाहन में मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने देशी अवैध शराब की कई पेटियां बरामद की थी। इसी के साथ मोतिगरपुर में भी एक व्यक्ति के मकान में पुलिस द्वारा छापेमारी कर अवैध शराब का जखीरा बरामद हुआ था। वहीं शहर के अमहट चैराहे के पास भी अवैध शराब से भरी चार पहिया वाहन पुलिसिया चेकिंग के दौरान पकड़ी गयी थी। जिले के रामगंज बाजार में एक व्यक्ति के मकान में भी अवैध शराब की कई पेटियां बरामद हुई थी। इसी तरह लगातार अवैध शराब की पेटियां पुलिसिया चेकिंग के दौरान पकड़ी जा रही है। ऐसा नहीं कि इन सारे मामलों से विभाग अनभिज्ञ बना है। ताज्जुब की बात तो यह है कि आज तक जितनी भी अवैध शराब पकड़ा गया है उन सारे अवैध शराब के मामलों में लाइसेंसी दुकानदारों का नाम चर्चा में रहा है। सूत्रों की मानें तो इस अवैध शराब के कारोबार में शराब माफिया ही नहीं सफेद पोशाक के नेताओं का भी होना चर्चा में है। सूत्र तो बतातें है कि इस अवैध शराब के खेल में शराब माफिया सत्तापक्ष के एक बड़े नेता के संरक्षण में काम कर रहे है, तभी तो चाहे दिन हो या रात शराब माफिया अपने कामों को अंजाम देने से चूक नहीं रहे है। वहीं आबकारी विभाग को सब पता होते हुए भी मूकवधिर बना देख रहा है। अगर जिला प्रशासन व आबकारी विभाग इस मामले पर शिकंजा न कसा तो वह दिन दूर नहीं कि मलिहाबाद का काण्ड सुलतानपुर में देखने को मिल सकता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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