उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी और महामंत्री अतुल कुमार मिश्रा ने राज्य सरकार द्वारा नागरिक उड्यन विभाग में पायलेट के वेतन में ढाई गुना बढ़ोत्तरी का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि यह सरकार की दोहरी मानसिकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि संविदा के आधार पर कार्य करने वाले कर्मचारियों की प्रति इतनी दरियादिली के पीछे कोई न कोई राज अवश्य छूपा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई ऐसे निगम है जहाॅ के कर्मचारी दिन रात काम करते है लेकिन आज भी वे तृतीय और चतुर्थ वेतनमान का वेतन पा रहे है। वित्त विकास निगम, अल्प संख्यक कल्याण निगम जैसे तमाम निगम है जहाॅ के कर्मचारी भूखमरी की कगार पर है। राज्य कर्मचारियांे की वेतन विसंगति लम्बे अरसे से लम्बित है। यही प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की वेतन विसंगति है। कर्मचारी आन्दोलन भी करते है ज्ञापन भी देते है लेकिन इनके लिए सरकार के पास आर्थिक संसाधन की कमी आ जाती है।
उन्होंने कहा यूपी नागरिक उड्डयन विभाग ने पायलट विशेष का वेतन 1.80 लाख से एक मुश्त बढ़ाकर 4 लाख मासिक कर दिया है। यही नही उनका सेवा का काॅन्ट्रेक्ट दो वर्ष से बढ़ाकर पाॅच साल कर दिया है। जबकि उक्त पायलेट को हर उड़ान पर भत्ता अलग मिलता है। यह दोहरी मानसिकता का प्रतीक नही तो क्या है। उन्होंने प्रश्न किया कि जब राज्य कर्मचारियों की वेतन विसंगति की मांग संयुक्त परिषद उठाता है तो आर्थिक संसाधनों का रोना रोया जाता है ऐसे में पायलेट विशेष के प्रति इतनी दरियादिली क्यो दिखाई जा रही है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि अगर वाकई सरकार की नजर में अपने कर्मचारियों के प्रतिभाव नही है तो उसे इस तरह के निर्णय पर पुर्नविचार करना चाहिए। इस दौरान परिषद के नेता भूपेश अवस्थी, शिवबरन सिंह यादव सहित तमाम कर्मचारी नेता मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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