जमीन की डीलिंग से लेकर जमीन पर कब्जा कराने का आरोप अक्सर हल्का लेखपालो पर लगता रहता है। वैसे तो चर्चाएं आम हैं, हल्का लेखपाल आज कल अपने कामों से ज्यादा प्रापर्टी डीलिंग के कामों में ज्यादातर मशगूल रहते हैं। यही वजह है चाहे शहर की जमीन हो या हो गांव की जमीन, सभी जगह की जमीनों में विवादों का मामला आये दिन खड़ा रहता है। ऐसा ही एक मामला लोहरामऊ ग्राम का है जहां के रहने वाले ग्रामीणों ने हल्का लेखपाल पर गम्भीर आरोप मढ़ दिये हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हल्का लेखपाल शैलेन्द्र प्रताप सिंह प्रापर्टी डीलरों से मिलकर गांव की जमीनों में विवाद उत्पन्न कर, जमीनों को औने-पौने दामों पर खरीदने का काम कर रहे हैं। यही नहीं ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि हल्का लेखपाल ग्रामसभा की सरकारी जमीनों, तालाबों व आबादी की जमीनों पर डीलरों से रूपये लेकर उन्हें कब्जा दिलवा दिया है। जिसके साक्ष्य के साथ ग्रामवासियों ने जिलाधिकारी से यह मांग की है कि इस पूरे प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए हल्का लेखपाल के खिलाफ जांच कराई जाए। ग्रामवासियों ने जिलाधिकारी को दिये गये शिकायती पत्र में लेखपाल के खिलाफ साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए कहा है कि हल्का लेखपाल द्वारा गाटा संख्या 465 खाता नम्बर 1 मुख्यमार्ग, गाटा संख्या 790 नवीन परती, गाटा संख्या 644, 807,782 खलिहान, गाटा संख्या 647 नाली, गाटा संख्या 355 सार्वजनिक आबादी, गाटा संख्या 645 तालाब, गाटा संख्या 759, 641 आदि गाटा संख्यों पर हल्का लेखपाल द्वारा रूपया लेकर कब्जा कराया गया। पूर्व में भी ग्रामवासियों ने हल्का लेखपाल के खिलाफ राजस्व विभाग के उच्चाधिकारियों से शिकायत की थी, लेकिन हल्का लेखपाल के आगे ग्रामवासियों की शिकायत फीकी पड़ गई। देखना तो अब यह है कि ग्रामवासियों ने जिलाधिकारी, मण्डलायुक्त फैजाबाद, अध्यक्ष राजस्व परिषद लखनऊ, राजस्वसचिव लखनऊ को हल्का लेखपाल के कारनामों की शिकायत की है। ग्रामवासियों की यह शिकायत इन अधिकारियों द्वारा कितना असर दिखाएगी यह आने वाले समय में देखना है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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