भारतीय जनता पार्टी ने सपा पर हमला करते हुए कहा कि प्राथमिक शिक्षा के सन्दर्भ में सरकार लगातार अवहेलनात्मक रूख अपना रही है। प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने आरोप लगाया कि एक ओर शिक्षको का अभाव है, वहीं दूसरी ओर बीटीसी प्रशिक्षित व टीईटी उत्तीर्ण कर चुके प्रशिक्षुओं को राजधानी में व इलाहाबाद में आये दिन धरना देना पड़ रहा है। इन दिनों बीटीसी 2010, 2011 व 2012 बैच के प्रशिक्षु लक्ष्मण मेला मैदान में धरने पर है। कुछ अनशनकारियों की हालत खराब हो गयी है। इनमें महिलायें भी है। लेकिन विराधाभासी निर्णय ले रही यह सरकार आँखें मूंदे बैठी है। एक ओर लाखों पद रिक्त पड़े है, वहीं दूसरी ओर पूरी तरह से अर्ह प्रशिक्षु जिनकी कुल संख्या 30,000 से भी कम है, वे जाडे़-पाले में कभी इलाहाबाद तो कभी लखनऊ में धरना देने के लिये मजबूर है। वे अधिकारियों और मंत्रियों की चैखटों पर ठोकरें खा रहे है। सरकार अपनी सुविधानुसार फैसले बार-बार बदल रही है। मंत्री और अधिकारी प्रशिक्षुओं से घोर दुव्र्यवहार कर रहे है।
डा0 मिश्र ने कहा कि वर्तमान समय 25 से 30000 अर्हता प्राप्त प्रशिक्षु हैं। लेकिन सरकार ने दिसम्बर 2014 के पूर्व उपलब्ध 15000 प्रशिक्षुओं के लिये जो योजना बनायी थी, उसी में आगे के बैचों के प्रशिक्षुओं को भी शामिल कर दिया हैं। जबकि जरूरत इस बात की थी कि 15000 और भर्तियां बढ़ायी जाती तो इससे सभी प्रशिक्षुओं की नियुक्ति हो जाती।
डा0 मिश्र ने आरोप लगाया कि सरकार ने शिक्षकों की नियुक्तियां अधर में लटकाने की नीति बना ली है। किसी न किसी कारणवश पीडि़त प्रशिक्षु न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को पहुंच रहे है। आवश्यकता इस बात की है कि सभी प्रशिक्षित एवं टीईटी उत्तीर्ण प्रशिक्षुओं को नियुक्ति पत्र देकर प्राथमिक शिक्षा की दशा को सुधारा जाये। प्राथमिक शिक्षा की बदहाली के लिए सपा सरकार जिम्मेदार है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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