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अल्पसंख्यक महिलाओं को उनके संविधानिक अधिकारों की जानकारी देने का माध्यम आईसीटी - ज़फरयाब जीलानी

Posted on 16 February 2015 by admin

ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फ़ारसी विश्वविद्यालय के पत्रकारिता तथा कम्प्यूटर साइंस विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुये यह शब्द श्री ज़फरयाब जीलानी, एडवोकेट जनरल, उ0प्र0, ने कहे। उन्होंने विस्तार से संविधान में दिये गये अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों की भी चर्चा की। विश्वविद्यालय में सूचना एवं संचार प्रद्यौगिकी द्वारा महिलाओं के सर्वांगीण विकास विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी में कई विशिष्ट अतिथियों ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम के प्रथम तकनीकी सत्र में आरिफ रिज़वी, फील्ड पब्लिसिटी आफिसर, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने  अल्पसंसख्यक समुदाय की महिलाओं के लिये विशेष तौर पर सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी देते हुये कहा कि इन औरतों में अपनी पहचान साबित करने की अपार क्षमता है, बस ज़रूरत है इन्हें आईसीटी का उपयोग करके अवसर प्रदान करने की।
अस्तित्व की डायरेक्टर, रेहाना अदीब, ने कहा कि मुज़फ्फरनगर के दंगों में अमन कायम करने के लिये अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं ने वाट्स एप द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को फोटो भेज कर आईसीटी के उपयोग को रेखांकित किया। प्रो0 आर0के0 चैधरी, डायरेक्टर, ए0पी0आई0आई0टी0, ने बताया कि अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियां सुरक्षा की दृष्टि से घर के बाहर निकलने में संकोच करती हैं लेकिन अब आई सी टी का उपयोग करके मोबाइल फोन के ऐसे अप्लिकेशन्स बनाये गये हैं कि वे एक एसएमएस के द्वारा पुलिस को सूचित करके सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
डा0 मो0 आरिफ, संयोजक, आल इण्डिया सेकुलर फोरम, ने मानवाधिकार और आईसीटी पर बात करते हुये कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि अल्पसंख्यक समुदाय को आईसीटी के उपयोग की जानकारी दी जाये जिससे कि वे समाज के विकास की मुख्य धारा से जुड़ सकें। डा0 गोविन्द जी पाण्डेय, एसोसिएट प्रोफेसर, बीबीएयू ने बताया कि बनारस के बुनकर आईसीटी के अन्तर्गत फ्लिपकार्ट का उपयोग करके अपने माल की सही कीमत पा रहे हैं। डा0 अरविन्द चतुर्वेदी, एडिशनल एसपी, एसटीएफ, ने आईसीटी को विकास का एक सशक्त माध्यम बताया लेकिन साइबर क्राइम के खतरों से भी आगाह किया और उन्होंने अपने प्रेजे़न्टेशन द्वारा यह बताया कि किस तरह थोड़ी सी सावधारी से इन खतरों से बताया जा सकता है। इसके अलावा फाउण्डर दस्तक, दीपक कबीर, ने शायराना अन्दाज़ में अपनी बात कहते हुये इस बात पर ज़ोर दिया कि हाशिये की आधी आबादी की ज़रूरतों को समझा जाये और उनको हक़ दिलवाने में सभी अपनी भागीदारी निभायें।
कार्यक्रम के समापन समारोह में राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमती ज़रीना उस्मानी, ने विश्वास दिलाया कि राज्य महिला आयोग महिलाओं के हितों और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिये प्रत्येक दिशा में हर सम्भव कठोर क़दम उठायेगा जिससे कि महिलायें आत्मनिर्भर बन सकें। दैनिक जागरण के सम्पादक, दिलीप अवस्थी ने कहा कि पत्रकारिता की पहुंच और धार को आईसीटी के अन्तर्गत डिजिटल न्यूज़ रूम की कार्य प्रणाली में और भी पैना कर दिया है। आज आईसीटी के माध्यम से समाचार पत्र वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं।
प्रो0 खान मसूद अहमद, कुलपति, ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फ़ारसी विश्वविद्यालय, ने कहा कि महिलायें आई0सी0टी0 का उपयोग करके अपनी कार्य क्षमता बढ़ाने और देश के विकास के लिये अपना योगदान प्रदान करें।
अन्त में कार्यक्रम की संयोजिका डा0 तनु डंग ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजन समिति के सदस्यों डा0 अल्का अग्रवाल (संयोजक), डा0 अताउर्रहमान आज़मी (संयोजन सचिव), डा0 मज़हर खालिक एवं डा0 रूचिता सुजय चैधरी (सह0 संयोजक), डा0 मुशीर अहमद, सुश्री बुशरा अलवेरा और डा0 नीरज शुक्ला, डा0 राकेश निगम तथा विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने अपना अमूल्य योगदान दिया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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