समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि टी0वी0 सीरियल “मुंगेरीलाल के हसीन सपने“ देखते देखते बिखर जाते हैं। बसपा अध्यक्षा को भी वैसे ही सपने आते हैं जिनका जमीनी हकीकत से टकराकर टूटना स्वाभाविक है। प्रदेश में उनकी पार्टी का लोकसभा चुनावों में खाता भी नहीं खुला। दिल्ली के चुनावो में भी उसका बुरा हाल रहा। बसपा की राष्ट्रीय दल की मान्यता भी खत्म होने को है। इस सबके बावजूद वह फिर सत्ता में आने का खामख्याली मंसूबा बांधे है। बसपा से किस प्रदेश की जनता को उम्मीद दिखाई देती है, यह सोच कर भी लोग अचम्भित है।
उत्तर प्रदेश में बसपा अध्यक्ष को समाजवादी सरकार बनने के दिन से ही जंगलराज का “भूत“ सताने लगा है। इससे बचने के लिए वे लगातार राष्ट्रपति राज की मांग करती रही है। अपने पांच साल के मुख्यमंत्रित्वकाल में बसपा अध्यक्ष ने लोकतंत्र को अपनी तानाशाही में बदल दिया था। आम जनता को उनकी सवारी निकलते वक्त सड़क पर चलने की इजाजत नहीं थी। मुख्यमंत्री निवास की सड़क पर परिदंा भी पर नहीं मार सकता था। श्री अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही घुटन भरे माहौल से मुक्ति दिलाई और बसपा राज में हो रही लूट और अत्याचार पर अंकुश लगाया।
बसपा अध्यक्ष की सारी परेशानी यह है कि उत्तर प्रदेश में विकास की चतुर्मुखी गतिविधियां चल रही है। मेट्रो रेल परियोजना पर काम चल रहा है, गरीबों को समाजवादी पेंशन बांटी जा रही है, किसान का कर्ज माफ हो गया है, छात्र छात्राओं को पढ़ाई के लिए पाठ्य पुस्तकें और यूनीफार्म बंट रहा है, अल्पसंख्यको के कब्रिस्तानों की चहारदीवारी बन रही है और नौजवानों के लिए हजारों नौकरियों के दरवाजे खोल दिए गए हैं। कामधेनु योजना, कौशल प्रशिक्षण, आईटी हब, अस्पताल और कालेजों का निर्माण तथा महिलाओं के सशक्तीकरण एवं सुरक्षा के त्वरित उपाय किए जा रहे हैं। विकास के ये कदम ही बसपा अध्यक्ष को डराते है।
वस्तुतः बसपा के विकास मानक पार्क, स्मारक और स्वयं उसकी अध्यक्ष की प्रतिमाएं हैं जिन्हें दलित महापुरूषों के साथ स्थापित कर उनकी बराबरी करने का दिखावा किया गया है। इनके निर्माण पर भारी कमीशन वसूला गया। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के धन का बंदरबांट कर लिया गया जिसमें कई अधिकारी और नेता जेल पहुॅच गए है। हीरो के जेवर और नोटों की माला पहनकर दलित की बेटी दौलत की बेटी बन गई, यही शायद उनके विकास का पैमाना है। जबकि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने निर्देश दे रखा है कि जनता की गाढ़ी कमाई जनता के हित की योजनाओं पर ही खर्च होगी।
अच्छा होता बसपा अध्यक्ष झूठे सपने नहीं देखती क्योंकि प्रदेश की जनता ने उनको एकाधिक बार मुख्यमंत्री बनाकर भी देख लिया है कि वे सत्ता का दुरूपयोग सिर्फ अपने स्वार्थ साधन के लिए करती हैं। विकास की जो योजनाएं समाजवादी सरकार में चल रही है, जनता उन्हें भी देख रही है। समाज के सभी वर्ग इनसे लाभान्वित हुए हैं। समाजवादी सरकार जनता के भरोसे पर खरी उतरी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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