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कानून-व्यवस्था को और अधिक चुस्त-दुरूस्त बनाये रखने तथा बेहतर अपराध नियंत्रण हेतु वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को बेहतर तालमेल से कार्य करने के निर्देश

Posted on 14 February 2015 by admin

प्रदेश की कानून व्यवस्था को और अधिक चुस्त-दुरूस्त बनाये रखने के लिये वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को परस्पर बेहतर तालमेल से कार्य करना चाहिये। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियो के समन्वित रूप से घटनास्थल पर पहुंचने के अच्छे परिणाम मिले है तथा कई प्रकरणों में घटना को बड़ा रूप देने से रोका गया है। साथ ही जनता में प्रशासन के प्रति विश्वास भी दृढ़ हुआ है। आम जनमानस में पुलिस की छवि को और अधिक बेहतर बनाये जाने की दिशा में भी समन्वित प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। प्रदेश में अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण बनाये रखने विशेषकर महिला उत्पीड़न से संबंधित अपराधों पर तत्परता से कार्यवाही कर सुरक्षा के माहौल को और बेहतर किये जाने पर विशेष बल दिया गया है।
प्रमुख सचिव गृह श्री देबाशीष पण्डा ने आज तिलक हाॅल में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि महानगरों में ट्रैफिक के बढ़ते हुये दबाव को देखते हुये बेहतर यातायात प्रबंधन की दिशा में सकारात्मक प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। प्रदेश सरकार ने इसके लिये ‘‘एकीकृत यातायात प्रबंधन प्रणाली’’ नामक योजना तैयार की है जिसे 16 शहरों मंे लागू किया जाना प्रस्तावित है। इसके अंर्तगत अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लेकर महानगरों के यातायात प्रबंधन को और चुस्त-दुरूस्त बनाया जायेगा। यातायात व्यवस्था को और बेहतर बनाये जाने के उद्देश्य से यातायात निधि से 12 करोड़ रूपये की धनराशि मंजूर की गयी है।
श्री पण्डा ने कहा कि अनावश्यक धरना प्रदर्शन की स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए ठोस प्रयास किये जायें और संबंधित विभागों के अधिकारियों को कर्मचारियों से वार्ता कर उनकी यथोचित समस्याओं का समय रहते निस्तारण किया जाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि जिलों में तैनात कर्मचारियों द्वारा बिना अवकाश स्वीकृत कराये बड़ी संख्या में लखनऊ आकर धरना प्रदर्शन में शामिल होने से जहां एक ओर शांति व्यवस्था प्रभावित होती है वहीं जान-माल के नुकसान की भी संभावना रहती है। इन सब स्थितियों पर सर्तक दृष्टि रखते हुये नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
श्री पण्डा ने साम्प्रदायिक स्थिति पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता पर बल देते हुये कहा कि साम्प्रदायिक रूप से अति संवेदनशील स्थलों को पहले से ही चिन्हित कर लिया जाये तथा गड़बड़ी फैलाने वाले तत्वों पर कड़ी नजर रखी जाये। उन्होंने बताया कि विगत कुछ समय में धर्मानन्तरण व लव जेहाद जैसी नयी चुनौतियां पुलिस के समक्ष उत्पन्न हुयी जिनके बावजूद भी प्रदेश पुलिस ने प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाये रखने में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि असमाजिक तत्वों को किसी भी दशा में प्रदेश के शांतिपूर्ण व सौहार्दमय वातावरण को बिगाड़ने के प्रयासों को सफल नहीं होने देना है बल्कि प्रशासनिक चुस्ती व सक्रियता से उनके नापाक इरादों को विफल करना है। इस मामले में प्रदेश सरकार किसी भी प्रकार की लापरवाही या कोताही कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि जिलों में जो दंगा नियंत्रण योजना बनी हुयी है उसको भी जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को मिलकर समय-समय पर अद्यतन करते रहना चाहिए। अफवाहे फैलाने व गड़बड़ी पैदा करने वाले तत्वों पर कड़ी नजर रखी जाये और अभिसूचना इकाई को इन सब कार्याे के लिये विशेष रूप से संवेदित किया जाये। निरोधात्मक जरूरी कार्यवाही समय रहते अवश्य की जाये।
जिला स्तर पर बनी माॅनीटरिंग सेल की बैठको के नियमित व प्रभावी आयोजन की आवश्यकता पर प्रमुख सचिव गृह ने बल देते हुये कहा कि इसके माध्यम से अपराधियों को सजा दिलाने के प्रयासों में तेजी लायी जाये। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से कार्य संचालन में आने वाली विभिन्न प्रकार की विधिक समस्याओं पर भी विचार विमर्श कर समाधान निकालने की पहल की जा सकती है।
श्री पण्डा ने कहा कि जेलों में अवैध गतिविधियों के संचालन पर कड़ी नजर रखी जाये तथा समय-समय पर जेलों का निरीक्षण व आकस्मिक छापेमारी कर ऐसी गतिविधियों पर सख्त कार्यवाही की जाये। जेल प्रशासन में रिक्त पदों को शीघ्र भरे जाने तथा जेलों के आधुनिकीकरण, सुदृढ़ीकरण व उनमें सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक पुख्ता बनाये जाने के उद्देश्य से कई महत्वपमर्ण कदम उठाये गये है। बंदी गृहों की क्षमता बढ़ाने, जेलों में जैमर लगवाने तथा ई-प्रिजन जैसी कई योजनाओं को शीघ्र लागू करने की दिशा में शासन गम्भीरता से प्रयास कर रहा है।
प्रमुख सचिव गृह ने कहा कि अवैध शराब के निर्माण व पशुओं की तस्करी आदि पर नकेल रखी जाये तथा जघन्य अपराधों की नियमित समीक्षा की जाये। गाजियाबाद पुलिस द्वारा लापता बच्चों की तलाश हेतु चलाये गये ‘‘आपरेशन स्माइल’’ की सफलता का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने प्रदेश के इस माॅडल को पूरे देश में लागू किया है।
जनता को न्यूनतम समय में पुलिस की सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु 4 महानगरों में अत्याधुनिक पुलिस कंट्रोल रूम की शुरूआत की गई है तथा राज्य स्तर पर डायल 100 की प्रणाली को विकसित किया जा रहा है। श्री पण्डा ने बताया कि 16 शहरों में स्मार्ट सिटी सर्विलांस सिस्टम विकसित किये जाने की दिशा में भी शासन गम्भीरता से प्रयास कर रहा है। सीसीटीएनएस योजना के तहत नागरिकोन्मुखी सुविधाओं को यथाशीघ्र लागू किये जाने के निर्देश दिये गये है ताकि जहां एक ओर पुलिस व जनता के बीच की दूरी में कमी आ सके वहीं लोगों की समस्याओं का भी प्रभावी ढंग से निस्तारण किया जा सके।
श्री पण्डा ने बताया कि पुलिस के लिये आवासीय व अनावासीय भवनों के निर्माण संबंधी 665 कार्य अवस्थापना सुविधाओं से संबंधित किये जा रहे है ताकि पुलिस कर्मियों को रहने के लिये कार्यस्थल पर घर मिल सके और कार्य सम्पादन हेतु उन्हें कार्यालय में बेहतर माहौल मिल सके। प्रमुख सचिव, गृह ने बताया कि लगभग सवा लाख पुलिस कर्मियों की कमी को 3 वर्ष के भीतर पूरा किये जाने की दिशा में शासन गम्भीरता से प्रयास कर रहा है तथा पुलिस के सिपाहियों व दरोगाओ की नयी भर्ती भी की जा रही है।
पुलिस महानिदेशक श्री ए0के0 जैन ने बेहतर पुलिसिंग व उनमें प्रशासनिक अधिकारियों से अपेक्षा पर भी विस्तार से जानकारी दी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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