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सनातन क्रिया के माध्यम से शरीर स्कल्पटिगं और सेल्फ हीलिंग

Posted on 14 February 2015 by admin

योगी अश्विनी योग और तन्त्र की प्राचीन और विशेषतम तकनीकों द्वारा अपने शरीर को इच्छानुसार आकार देने व आत्म चिकित्सा की विधि को उजागर करने के लिए अपनी शिष्या निकिता आनन्द, पूर्व मिस इंडिया यूनिवर्स, टी.वी. होस्ट, एंकर व अभिनेत्री के साथ लखनऊ के दौरे पर आएँगे। निकिता शारीरिक स्कल्पटिगं के परिणाम का एक जीवन्त प्रमाण हैं। वे न तो कोई मेकअप करती हैं, न जिम जाती हैं। उनकी चमक सुन्दरता व परफेक्ट फिगर उनकी विकसित चेतना स्तर का परिणाम है जो उन्हें योगी अश्विनी के सान्निध्य में शारीरिक स्कल्पटिगं तकनीकों द्वारा प्राप्त हुई।
योगी अश्विनी कहते हैं कि हमें जो शीशे में दिखाई देता है, हमारा अस्तित्व उस छाया से कई गुणा अधिक है और यही हमारे शरीर को नियंत्रित करता है। उनके शिष्यों और विश्वभर के सनातन क्रिया के साधकों को इस सत्य का ज्ञान है।
क्या आप सोच सकते हैं कि कैसे एक फैशन डिजाईनर जो वर्षों से बिना सफलता के जिम व परहेज द्वारा अतिरिक्त वजन घटाने की कोशिश कर रहा था सिर्फ तीन महीनों में आँखें बन्द कर अपने लक्ष्य को हासिल कर लेता है! क्या आप अन्दाजा लगा सकते है कि एक साधारण दिखने वाली इन्टीरियर डेकोरेटर ने कुछ हफ्तों में बिना उपचार, चिकित्सा या सर्जरी के इतना आकर्षण प्राप्त किया कि माॅडल व अभिनेत्रियां भी उससे ईष्र्या करने लगी! क्या यह बता पाना मुमकिन है कि कैसे 65 वर्षीय महिला ऐसे आसन प्रदर्शित करती है जो कि किशोरी करती हों और उनके चेहरे पर कोई शिकन व झुर्रियां भी न हों! और क्या बता पाना मुमकिन है कि कैसे एक सेल्समैन कुछ ही समय में बहुराष्ट्रीय कम्पनी का देश प्रबन्धक बन गया!
यह आकस्मिक संयोजन हो सकता है कि यह सारी असाधारण घटनाएं तब शुरू हुई जब इन लोगों ने योगी अश्विनी के मार्ग दर्शन में योग का अभ्यास शुरू किया इस तरह के संयोग ध्यान आश्रम के साधकों के साथ दैनिक रूप से होते है। चाहे वे डाॅक्टर हों या प्रसिद्ध चिकित्सालय के प्रमुख।
आईने में दिखने वाला भौतिक शरीर हमारा केवल 1/5वां भाग है, हमारे शरीर की चार और परतें है। ये परतें भौतिक शरीर को नियंत्रित करती है। यह एक संस्था के संगठन के उदाहरण द्वारा समझाया जा सकता है। आधार पर श्रमिक संघ है, उसके ऊपर प्रबन्धक फिर मुख्य प्रबन्धक और अन्त में सी.ई.ओ। एक मजदूर यदि संस्था में परिवर्तन लाना चाहता है तो उसे अत्यधिक पसीने, मेहनत और खून की आवश्यकता पड़ेगी और सम्भव है कि उसके जीवन में यह फलीभूत भी न हो पाएं। प्रबन्धक के लिए यह बदलाव लाना सरल है क्योंकि मजदूर का सामूहिक बल उसके नियन्त्रण में है। सी.ई.ओ. के स्तर पर यह बदलाव सबसे आसान हो जाता है क्योंकि वह संस्था के सभी स्तरों को नियन्त्रित करता है।
’’यही तथ्य शरीर के सत्य है। शरीर स्थूल  परत है और इस स्तर के माध्यम से परिवर्तन लाना सबसे मुश्किल है।’’ ऐसा सनातन क्रिया एन्टीएजिन्ग पुस्तक के लेखक योगी अश्विनी का कहना है जिनकी किताब को देश के प्रसिद्ध डाॅक्टरों ने एन्टीएजिन्ग की थीसिज कहा है।
योगी अश्विनी द्वारा रचित सनातन क्रिया जीवन को पूर्णतः से प्रभावित करती है - पाँच परतें, आधार से बाहर तक, जिससे जीवन के सभी क्षेत्रों में - भौतिक, मानसिक, वित्तीय व भावुक, पूर्ण संतुलन स्थापित होता है। इसका परिणाम एक संतुलित इंसान जिसमें रचनात्मक सोच, भावानात्मक स्थिरता व शारीरिक स्वास्थ्य मौजूद है- जो हर क्षेत्र में सफलता के लिए आवश्यक है।
ध्यान फाउंडेशन
ध्यान फाउंडेशन एक अध्यात्मिक व चैरीटेबल संस्था है जो विश्वभर में निःशुल्क ही योग के सही मार्ग से अवगत कराती है। यह संस्था अनेक प्रकार की दान व सेवा के कार्य जैसे मुफ्त खाने का वितरण, जानवरों को बचाना, घायल जानवरों की देखभाल, गरीब बच्चों के लिए निशुःल्क शिक्षा, नेत्रहीन व गरीब बच्चों की उच्च शिक्षा, बेरोजगारों के लिए रोजगार ढूंढना व पर्यावरण से सम्बन्धित मामलों से अवगत कराना इत्यादि में जुटी हुई है। यह संस्था स्वयंसेवकों ;चिकित्सक, व्यापारी, वकील, स्कोलरस, घरेलू स्त्रियां, डिजाईनरज इत्यादिद्ध द्वारा संचालित है, जो कि योगी अश्विनी के सान्निध्य में साधना और सेवा के मार्ग पर चल रहे है।
योगी अश्विनी
योगी अश्वनी योग के प्राचीन विज्ञान, तन्त्र, सपरिचयुल हीलिगं, मंत्र साधना, यज्ञ की विधि, पुर्नजन्म के अनुभव, वैदिक मार्शल आर्टश व गदाबाजी में कुशल है। अर्थशास्त्र में आॅनरज, प्रबन्ध में मास्टरज के साथ साथ वे एक सफल व्यापारी, मुख्य अखबारों व रसालों के जानेमाने लेखक, अन्र्तराष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध वक्ता, प्राचीन विज्ञान की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध किताबों के लेखक, अध्यात्मिक मैगंजीन ’’द इनर बल्र्ड’ के आॅनररी सम्पादक व ध्यान फाउन्डेशन के मार्गदर्शक है।
दो दशक तक जीवात्मा पर एकान्त में चिन्तन व अध्ययन कर तथा हिमालय के योगियों से ज्ञान अर्जित कर योगी अश्विनी ने अष्टांग योग पर आधारित सनातन क्रिया का निर्माण किया। इण्डियन मैडीकल ऐशोसिएशन के चिकित्सकों ने योगी अश्विनी की देखरेख में सनानत क्रिया की शक्तियों का अनुभव किया और कलैरवाइन्स के विज्ञान का सीधा प्रसारण उनके शिष्यों द्वारा देखा। एन्टीएजिगं के विषय पर की गई योगी अश्विनी की क्रान्तिकारी रिसर्च सनातन क्रिया- द एजलेस डाइमेशंन’ नामक किताब में प्रकाशित की गई जिसे देश के प्रसिद्ध डाक्टरों ने एन्टीएजिगं का थीसिज घोषित किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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